जब मिले हम तुम

राजीव और प्रथा, दो धारा, दो किनारे। एक समझदार, एक नासमझ। एक अपनी से जुड़ी और दूसरा इनसे दूर। क्या होगा जब मिलेंगे दोनों। तो चलिए इनके साथ नेपाल की खूबसूरत वादियों में।