Chapter 22

Chapter 22

humsafar 22

Chapter

22  

      काव्या भागती हुई घर के अंदर घुसी। उसकी ऐसी हालत देख कार्तिक ने दौड़कर उसे संभाला और वही पड़े सोफे पर बैठाया। सभी घरवाले  उसे घेर कर खड़े हो गए, जानकी जल्दी से पानी लेकर आई मगर काव्या पीने के हालत मे नही थी। वह सिसकते हुए बस कुछ शब्द ही बोल पाई, "पापा........ हार्ट अटैक......... सारांश........ हॉस्पिटल.......... "

     काव्या की बात सुन सभी घबरा गए, कंचन तो बेहोश ही हो गयी, अवनि ने संभाला। कार्तिक सिया कंचन धानी और काव्या को लेकर हॉस्पिटल के लिए निकला।चित्रा की गाड़ी मे श्रेया और अवनि थे। रास्ते मे कार्तिक को सारांश का फोन आया। उसने कंचन से बात कर अखिल के मेडिकल हिस्ट्री पूछी। अवनि का घबराहट से बुरा हाल था। उसे खुद पर गुस्सा आ रहा था की वह सारांश के पीछे उसी वक़्त क्यों नही गयी। क्या सारांश ने देख लिया था पापा को? 

     "घबराओ मत अवनि!! सब ठीक होगा, सारांश है न साथ मे वो कुछ नही होने देगा" चित्रा न अवनि को हिम्मत देने की कोशिश की। करीब तीस मिनट के बाद सब हॉस्पिटल पहुँचे तो पता चला की अखिल को ऑपरेशन थियेटर मे जाया गया है जहाँ डॉक्टर ने पहले ही इलाज शुरू कर दिया है। 

     अवनि जब हॉस्पिटल पहुची, उसने चारों ओर नजर दौड़ाई मगर उसे सारांश कहीं दिखाई नही दिया। उसने हॉस्पिटल मे हर जगह ढूँढा मगर सारांश वहाँ था ही नही। अवनि का मन नफरत से भर उठा, वह उठकर हॉस्पिटल के गार्डन एरिया मे बेंच पर बैठ गयी। श्रेया उसके पीछे चली आई। "थोड़ी देर पहले इसी सारांश की सब तारीफ के पुल बाँध रहे थे। कहाँ है वो उनका सुपरमैन? हमारे आने तक रुका भी नही गया उससे। माना बहुत बड़ा बिजनस मैन है, उसका एक एक मिनट कीमती है मगर इंसानियत नाम की कोई चीज होती है।" 

    श्रेया की समझ मे कुछ नही आ रहा था की वह अवनि को क्या कहे। उसे भी समझ नही आरहा था की सारांश अचानक से चला कहाँ गया। श्रेया पूरे वक़्त अवनि के साथ ही रही। ऑपरेशन करीब तीन घंटे तक चला। डॉक्टर्स बाहर निकले और कहाँ की पेसेंट अब खतरे से बाहर है। अवनि ने जब डॉक्टर्स को थैंक्स कहा तो एक डॉक्टर ने कहा, "हम तो जूनियर डॉक्टर है, इस तरह के सर्जरी का हमें कोई खास अनुभव नही है। वो तो अच्छा हुआ जो सर्जन उनके साथ ही थे। यहाँ पहुँचने से पहले ही हमें तैयार रहने को कहावरना कुछ भी हो सकता था। उन्होंने ही हमें लीड किया।" कहते हुए उन्होंने अंदर से आते एक शख्स की ओर इशारा किया। 

     अवनि और श्रेया दोनो ही उसे देख चौँक पड़े। सर्जन के कपड़ो मे और कोई नही बल्कि सारांश चला आ रहा था। उसने कंचन के काँधे पर हाथ रखा और कहा, " माइनर अटैक था अब सब ठीक है, हो सकता है सुबह तक होश मे आ जाए। आप सब घर जाइये मै हु यहाँ, घबराने वाली कोई बात नही है।" इतने मे एक नर्स आई और सारांश उसके साथ चला गया। अवनि वही पत्थर की मूरत की तरह खड़ी थी। चित्रा ने उसके कंधे पर हाथ रखा और बोली, "मैंने कहा था न, सारांश उन्हे कुछ नही होने देगा। वो यहाँ के बेस्ट सर्जन मे से एक है। मैंने बताया था, उसकी एक और पहचान है। " 

       सारांश ने अखिल को दूसरे हॉस्पिटल मे शिफ्ट करवाया और सबको समझा कर घर भेज दिया मगर अवनि जिद से वही रुक गयी। वो शहर का सबसे बड़ा हॉस्पिटल था और साथ ही वहाँ सारांश का एक केबिन भी। अवनि केबिन के बाहर खड़ी थी। दरवाजे के नेम प्लेट पर "डॉक्टर सारांश मित्तल" लिखा था जिसे देख अवनि की हिम्मत नही हो रही थी अंदर जाने की। "और कितनी देर खड़ा रहना है बाहर?" सारांश की आवाज़ अवनि के कानों मे पड़ी।

     अवनि सोच मे पड़ गयी ' इसे कैसे पता की मै बाहर खड़ी हु? आसपास तो कोई कैमरा भी नही दिख रहा" अवनि धीरे से दरवाजा खोल अंदर दाखिल हुई। सारांश अभी अभी शावर लेकर आया था, उसके बाल अभी भी गिले थे। " कबसे खड़ी हो बाहर,  ऐसे खड़े होने मे मजा आता है क्या? तुम थकती नही?" सारांश मे अपने बाल पोछते हुए कहा। 

    अवनि चुपचाप खड़ी रही। उसे यू खामोश देख सारांश ने कहा, "डोन्ट वरी, अंकल बिल्कुल ठीक है। मैंने मोनिटरिंग  के लिए कहा है, अगर कुछ भी हो तो उसके लिए मै हु यहाँ। तुम्हे यहाँ रुकना नही चाहिए था।"    "सॉर्री और थैंक यू" अवनि बस इतना ही बोल पायी। सारांश ने कुछ देर अवनि को घूरा, उसकी आँखों मे गिल्ट् देख सारांश को कुछ कुछ अंदाज़ा हो गया की वह सॉर्री क्यो बोल रही है। "तुम्हे सच मे लगा की मै तुम्हारे पापा को छोड़कर चला गया।"

   अवनि ने शर्मिंदगी से आँखे नीची कर ली। सारांश पीछे से उसके काँधे को पकड़ा और लगभग धकेलते हुए धीरे से उसे वहाँ पड़े सोफे पर बैठाया फिर टेबल पर रखे फोन से किसी को कॉल किया और वापस उसके पास बैठ गया। अवनि की हिम्मत नही हो रही थी की वह उसकी तरफ देख सके। "तुम्हारी कोई गलती नही है। तुम्हारी जगह कोई और भी होता तो यही सोचता। मेरे पास इतना टाइम नही था की मै सब के आने का वेट करता। जब मै वहाँ से निकला था तभी मैने हॉस्पिटल मे कॉल कर दिया था ताकि ओ टी तैयार मिले।"

      "एक बात पूछूँ....! आप एक बिजनस मैन है फिर ये मेडिकल लाइन मे....... " अवनि ने पूछा। 

    "वो क्या है न! खाली बैठा था तो सोचा कुछ कर लू ताकि फ्यूचर मे अगर मॉम ने मुझे घर से निकाल दिया तो जॉब के लिए दिक्कत न हो। " सारांश ने जिस अंदाज़ मे कहा उससे अवनि को हँसी आगयी। सारांश भी मुस्कुरा दिया फिर गंभीर होकर कहा, "मेरे पापा की मौत हार्ट अटैक से हुई थी। उस वक़्त उन्हे सही टाइम पर ट्रिटमेंट् नही मिल पाया था। ये बात हमें काफी टाइम बाद मॉम ने बताया था। उन्होंने कभी हमें कोई कमी नही होने दी। साइंस मे कभी इतनी रुचि नही थी फिर भी......! हमने तो अपने पापा को सिर्फ तस्वीरो मे ही देखा है।" सारांश अभी बात कर ही रहा था की तभी उसका ड्रायवर खाना लेकर आया और टेबल पर दोनो के लिए परोस दिया। 

     सारांश और अवनि दोनो ने साथ मे डिनर किया। डिनर के बाद सारांश ने अवनि को सोने के लिए कहा क्योंकि कल मेहंदी की रस्म होनी थी जिसे संभालने के लिए उसका वहाँ होना जरूरी था। अवनि ने देखा वहाँ एक ही सोफा था, अगर वो इसपर सो जायेगी तो सारांश कहाँ सोयेगा। सारांश उसकी हिचक को समझ गया और बोला, "तुम्हारे पापा इस वक़्त आईसीयू मे है, तुम वहाँ उनके साथ नही रह सकती। इसीलिए कहा था मैंने तुम्हे घर जाने को।"

   " लेकिन मुझे लगता है इसकी जरूरत मुझ से ज्यादा आपको है" अवनि ने सोफे की ओर इशारा किया। 

    "डोन्ट वरी..... मुझे अगर सुकून मिले तो मै कहीं भी सो सकता हु, उसके लिए मुझे लेटने की जरूरत नही पड़ती।" कहकर सारांश मुस्कुरा दिया अवनि को सोफे पर सोने का इशारा किया और खुद चेयर पर आराम से बैठ गया। अवनि भी कुछ देर वही बैठे सारांश की बंद आँखों को देखती रही फिर थोड़ी ही देर मे उसकी आँख लग गयी। जब सारांश ने देखा अवनि सो गयी है, उसने नर्स से एक कंबल मंगवाया और उसे ओढ़ा कर एसी का टेंपरेचर सेट कर दिया। बीच  मे जब भी उसकी आँख खुली, उसने सारांश को स्क्रीन की तरफ नज़र गड़ाये ही देखा। 



क्रमश: