Chapter 182
YHAGK 181
Chapter
181
राहुल ऑफिस में बैठा काम कर रहा था। देर रात हो चुकी थी और सारे इम्प्लॉय घर जा चुके थे। बाहर बैठा गार्ड राहुल के घर जाने के इंतजार में था। उसी वक्त एक गाड़ी ऑफिस के बाहर आकर रुकी। उस गाड़ी से मानव बाहर निकला और दूसरी तरफ का दरवाजा खोल दिया। नैना हिचकिचाते हुए गाड़ी से बाहर निकली और मानव के साथ ऑफिस के अंदर चली गई।
नैना को टॉप फ्लोर पर जाने के लिए बोलकर खुद राहुल के केबिन में चला आया। उसे इस वक्त आया देख राहुल बोला, "इतनी रात को तू यहां क्या कर रहा है?"
मानव उसके सामने कुर्सी पर बैठते हुए बोला, "तेरी डेट अरेंज करने आया था। तुझे तो कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन नैना को तो पड़ता है इसलिए.........."
इससे पहले वो आगे कुछ बोलता, राहुल बोला, "मुझे यह काम जैसे भी खत्म करना है। आज ऑफिस से बाहर नहीं जा पाऊंगा कल सुबह निकलना हो पाएगा।"
मानव मुस्कुराकर बोला, "तुझे ऑफिस से बाहर जाने के लिए कह भी कौन रहा है? तू नहीं जा सकता इसीलिए तेरी डेट मैंने यहीं अरेंज कर दी है।" फिर उसका लैपटॉप अपने सामने करते हुए बोला, "तुझे परेशान होने की जरूरत नही है। नैना तेरा इंतजार कर रही है। यह सारा काम खत्म कर दूंगा तू चिंता मत कर। आज तुम दोनों की सगाई हुई है और आज तुम दोनों की पहली डेट भी है। चल निकल यहां से।"
राहुल उठा और ऊपर की ओर चला गया जहां नैना उसका इंतजार कर रही थी। मानव राहुल का काम निपटाने में लग गया। वो खुश था। आज उसने अपने पापा से आपने और मौली के बारे में आज बात की थी और विहान ने रूद्र से बात करने का भरोसा दिया था। विहान को इस रिश्ते से कोई एतराज नहीं था क्योंकि मौली और मानव में दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं था जिससे उनकी शादी में कोई अड़चन आए।
रूद्र फोन पर किसी से बात कर रहा था और शरण्या सोने की तैयारी कर रही थी। रूद्र ने फोन साइड में रख दिया तो शरण्या बोली, "क्या तुम्हें यह सब सही लग रहा है? मेरा मतलब मौली के लिए एकदम से रिश्ता तय कर देना! एक बार उससे भी पूछ लेते। मुझे नहीं लगता कि मौली और मानव के बीच............"
रूद्र सख्त लहजे में बोला, "वह मेरी बेटी है शरण्या! उसका अच्छा बुरा मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता। बहुत सोच समझ कर मैंने ये रिश्ता उसके लिए चुना है। इसीलिए इस बारे में हम कोई बात नहीं करेंगे। मैं कल ही पंडित जी से बात करके देखता हूं। अगर हुआ तो राहुल के साथ-साथ मौली की मंडप उसी दिन सजेगी।"
शरण्या रूद्र के फैसले से सहमत नहीं थी। इस तरह एकदम से मौली की शादी तय कर देना उसे पसंद नहीं आ रहा था। इस बारे में एक बार भी उससे बात करने की कोशिश नहीं की इसलिए उसे कुछ ज्यादा ही बुरा लग रहा था लेकिन फिर भी मौली के लिए उसने एक बार फिर पूछा, "क्या तुम्हें पूरा यकीन है कि.......... ऐसा हो सकता है कि उन दोनों के बीच कुछ ना हो! अब यह तो वह दोनों ही बता सकते हैं। वैसे विहान ने क्या कहा?"
रूद्र बिना उसकी तरफ देखे अपने लैपटॉप पर नजरे गड़ाते हुए बोला, "कल सुबह आ रहा है वो। कुछ बात करनी है उसे। अब जबकि वह आ ही रहा है तो उसके सामने सारी बातें खुलकर हो जाएगी। मौली के लिए क्या सही है क्या गलत है सिर्फ मैं तय करूंगा। ऐसे ही किसी के भी साथ उसका रिश्ता नहीं तय कर सकता मैं, चाहे वह मेरा कितना ही अपना क्यों ना हो।" शरण्या ने कुछ कहा नहीं और चुपचाप आंखें बंद करके लेट गई।
ऑफिस के सबसे ऊपर वाले फ्लोर पर कैफेटेरिया में काफी खूबसूरती से सजावट की गई थी। नैना रेड गाउन में काफी खूबसूरत लग रही थी और राहुल ठीक उसके सामने बैठा हुआ था। नैना को समझ नहीं आ रहा था कि वह बात को कैसे आगे बढ़ाए। राहुल ने पहल की, "नैना एक बात मैं तुम्हें साफ-साफ बताना चाहता हूं। मेरी लाइफ में तुमसे पहले कोई नहीं थी और ना कोई होगी। अपने रिश्ते के प्रति मैं पूरी तरह ईमानदार हूं फिर चाहे वह कोई भी रिश्ता हो। 10 दिनों में हमारी शादी है मैं चाहता हूं तुम्हारे दिल में कोई ऐसी बात है जो मुझे पता होनी चाहिए वो मुझसे कह सकती हो। किसी रिश्ते में बंधने से ज्यादा जरूरी है उसे ईमानदारी से निभाना वरना उसे टूटते देर नहीं लगती। हमारा परिवार पहले ही एक रिश्ते को टूटते देख चुका है। मैं नहीं चाहता कि आगे भी कुछ ऐसा हो। तुम्हें पता ही है मेरे मॉम डैड अलग रहते हैं और इसकी वजह उन दोनों के बीच में कोई तकरार नहीं है। उन दोनों के बीच कभी लड़ाई नहीं हुई, ना तलाक से पहले ना तलाक के बाद। बस वह डैड की एक गलती माफ नहीं कर पाई क्योंकि डैड ने उनसे छुपाई थी। यह सब बातें मैं तुम्हें इसलिए बता रहा हूं क्योंकि अब तुम भी उस परिवार का एक हिस्सा हो और यह सब जानना तुम्हारे लिए जरूरी है। इस शादी के लिए तुम पर कोई दबाव नहीं बना रहा लेकिन अगर तुम इस रिश्ते में आती हो तो पूरी इमानदारी से। धोखा ना मेरी मां को पसंद था ना मुझे पसंद है। कोई भी ऐसी बात जो तुम्हारे मन में दबी हो अगर तुम मुझे बताओगी तो मैं तुम्हें सपोर्ट करूंगा लेकिन अगर किसी और से मुझे पता चलती है तो मैं हरगिज बर्दाश्त नहीं करूंगा इतना जान लो तुम। नैना मुझे घुमा फिरा कर बात करना नहीं आता इसीलिए तुमसे इतने सीधे सीधे शब्दों में बात कर रहा हूं। बुरा मत मानना मैं चाहता हूं कि शादी के वक्त तुम्हारे मन में जरा सा भी किसी बात का डर ना हो। पति पत्नी के रिश्ते में प्यार से भी ज्यादा सम्मान और विश्वास जरूरी होता है यह बात मेरी मां ने मुझे सिखाई है। अपने बारे में मैं तुम्हें सिर्फ एक बात कहना चाहूंगा, सब जानना चाहते हैं कि मैंने तुम्हें पसंद क्यों किया? मैंने तुम्हें स्कूल में देखा था जब स्कूल ट्रिप पर मैं कून्नूर गया था। बस तभी तुम मुझे पसंद आ गयी थी।"
नैना जो कि अभी तक राहुल की बातें चुपचाप सुन रही थी उसे यह जानकर बहुत ज्यादा हैरानी हुई कि राहुल उसे स्कूल के दिनों से जानता था लेकिन इस बारे में उसे कुछ भी नहीं पता था। वैसे तो रिश्तो को लेकर राहुल की बातें बिल्कुल सही थी लेकिन उसके मन में कुछ था जो उसके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था। राहुल की बातों ने उसे हिम्मत दी कि वह अपने मन में दबी उस बात को राहुल के सामने रख सके। राहुल ने भी उसकी परेशानी को भाप लिया और उसके बोलने का इंतजार करने लगा।
नैना ने धीरे से कहा, "एक लड़का है..........! मेरा मतलब मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है लेकिन उसने बहुत बुरी तरह से परेशान कर दिया था। उसकी वजह से हमें उस जगह को छोड़ना पड़ा जहां हम पहले रहते थे लेकिन वह मेरा पीछा करते हुए यहां तक भी पहुंच गया। पापा को इस रिश्ते की जल्दी थी उसका कारण भी वही है। मुझे खुद भी मुझसे बहुत डर लगता है।"
राहुल उसके हाथ पर अपना हाथ रख कर बोला, "मुझे खुशी हुई यह जानकर कि तुमने अपने मन की बात मेरे सामने रखी। अब यह मेरा काम है कि तुम्हारी इस परेशानी को मैं कैसे दूर करू। तुम चिंता मत करो कुछ नहीं होगा। एक काम करना, कल हम शॉपिंग पर चलते हैं। तुम्हारे लिए भी तो शादी का लहंगा देखना है।" कहते हुए राहुल मुस्कुरा दिया।
नैना ने जब राहुल से बात सुनी तो उसने भी राहुल का हाथ कस कर पकड़ लिया। एक खुशी थी कि आने वाली जिंदगी में राहुल हमेशा उसका साथ देगा।
अगले दिन सुबह विहान तैयार होकर मानव के साथ सिंघानिया हाउस पहुंचा। उसे रुद्र से मिलकर मानव और मौली के रिश्ते की बात करनी थी लेकिन इस सब की शुरुआत को कैसे करेगा यह उसे नहीं पता था
जब वह सिंघानिया हाउस पहुंचा तो देखा रूद्र अपने पूरे परिवार के साथ हॉल में ही बैठा हुआ था और पंडित जी आए हुए थे। उन्हें देख विहान ने कंफ्यूज होकर पूछा, "पंडित जी इतनी सुबह यहां क्या कर रहे हैं शादी का मुहूर्त निकल चुका है अब क्या करने आए हैं? कोई प्रॉब्लम तो नहीं है?"
रूद्र ने घूरकर मानव को देखा और विहान से बोला, "मैंने पंडित जी को यहां बुलाया है मौली का रिश्ता तय करने के लिए।"
मौली के रिश्ते की बात सुनकर मानव के होश उड़ गए। वही मौली भी पूरी तरह से घबरा गई। उसे इस बारे में कुछ भी पता नहीं था। विहान ने कंफ्यूज हो कर मानव की ओर देखा। उसे समझ नहीं आ रहा था कि रूद्र की इस बात पर किस तरह रिएक्ट करें। वह तो यहां मौली को अपने बेटे के लिए मांगने आया था लेकिन रूद्र उसकी शादी कहीं और करवाने की सोच रहा था, वह भी इतनी अचानक। मानव को लगा वो अब रो देगा। लेकिन मौली अभी भी गुस्सा थी और मानव के कुछ बोलने का इंतज़ार कर रही थी।