Chapter 95
humsafar 95
Chapter
95
शुभ अपनी प्लानिंग से बहुत खुश था लेकिन सारांश और अवनी के बीच की नजदीकियों और प्यार को देख उसकी सारी खुशी पल भर में गायब हो जाती थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि उन दोनों के बीच दरार कैसे डाला जाए। शादी के पहले के अफेयर से उन दोनों को कोई फर्क नहीं पड़ता था लेकिन अगर अफेयर शादी के बाद हो तब तो फर्क पड़ सकता है ना!!! अपनी प्लानिंग पर शुभ मुस्कुरा दिया और किसी का नंबर डायल कर उससे मिलने को बुलाया।
सारांश की मीटिंग जब भी किसी होटल में हुआ करती थी तो वह अवनी को तैयार रहने को कह देता। मीटिंग खत्म होते ही वह अवनी को कॉल या मैसेज कर देता था और अवनि घर से निकल जाती थी फिर दोनों साथ में कहीं बाहर ही डिनर करते थे या फिर कहीं घूमने निकल जाया करते थे। उस दिन की सारांश अवनी को बताकर मीटिंग के लिए चला गया।
अवनि देर रात को तैयार हो कर सारांश के कॉल का वेट कर रही थी तभी उसके फोन पर एक अनजान नंबर से कॉल आया। फोन उठाते ही दूसरी तरफ से एक लड़की की घबराई हुई सी आवाज आई,"अवनी भाभी! मैं एनजीओ से बोल रही हूं। आप जल्दी से आ जाइए एक बहुत बड़ी गड़बड़ हो गई है।" इससे पहले कि अवनी कुछ कह पाती या पूछ पाती, उसने फोन रख दिया। अवनी ने जब उस नंबर पर कॉल बैक किया तब वह नंबर बंद आ रहा था।
अवनी घबरा गई कि कहीं शुभ ने एनजीओ जाकर कुछ किया तो नहीं क्योंकि वह इस वक्त घर में मौजूद नहीं था। अवनी तेजी से वहां से निकली और ड्राइवर को एनजीओ चलने को कहा। पूरे रास्ते अवनी उस नंबर पर कॉल बैक करने की कोशिश करती रही लेकिन वह नंबर स्विच ऑफ था। अचानक से उसे ध्यान आया कि वह कम से कम श्यामा को फोन करके पूछ तो सकती है कि आखिर वहां पर हुआ क्या।
"श्यामा दी!!! कुछ हुआ है क्या वहां पर। मुझे अभी अभी किसी का कॉल आया था। किसने किया था पता नहीं ,लेकिन उसने कहा कि कुछ गड़बड़ हुई है। सब ठीक तो है वहां पर, मैं बस पहुंचने वाली हूं", अवनी ने घबराकर कहा तो श्यामा चौक गई और बोली,"तुम्हें फोन आया था!!! वह भी यहां से! ऐसा हो ही नहीं सकता अवनी क्योंकि इस वक्त एनजीओ की सारी लड़कियां मेरे सामने बैठी हुई है और इस वक्त हम सब एक फिल्म देखने मे लगे है।"
अवनि ने जब सुना तो उसे हैरानी हुई कि अगर सारी लड़कियां श्यामा के साथ बैठकर फिल्म देख रही है तो फिर वह कौन थी जिसने उसे कॉल करके एनजीओ बुलाया!!! अवनि को कुछ समझ नहीं आ रहा था, उसने ड्राइवर को एक साइड में गाड़ी रोकने को कहा और सारी बातों की कड़ियों को एक दूसरे से जोड़ने लगी लेकिन उलझन सुलझने के बजाय और उलझने लगी। जब उसकी समझ में कुछ नहीं आया तब उसने सारांश को फोन किया लेकिन पूरा रिंग जाने के बावजूद सारांश ने फोन नहीं उठाया।
सारांश का ऐसे फोन नहीं उठाना अवनी के लिए एक हैरानी की बात थी क्योंकि वह कभी ना अपना फोन स्विच ऑफ करता था और ना ही साइलेंट पर रखता था। अवनी जब भी उसे कॉल या मैसेज करती उसे तुरंत उसका रिप्लाई मिलता था फिर चाहें वो मीटिंग मे ही क्यों ना हो। और जब उसने घर से निकलने से पहले सारांश को मैसेज किया था तब भी उसका जवाब मिला था उसे और अभी सारांश का फोन नहीं उठाना उसे और परेशान कर रहा था।
"कहीं यह सब कोई ट्रैप तो नहीं! मुझे एनजीओ भेज कर कहीं सारांश के साथ तो कुछ......! नहीं.......ऐसा कुछ नहीं होगा, ड्राइवर दादा होटल की तरफ ले चलिए", अवनी ने ड्राइवर से कहा तो ड्राइवर ने गाड़ी दूसरी तरफ मोड़ लिया। अवनी को घबराहट सी होने लगी थी। उसने सारांश को कॉल करना जारी रखा लेकिन हर बार की तरह उसने फोन नहीं उठाया। कुछ ही देर में वह होटल के बाहर थी। वह जल्दी से अंदर गई तो वहां रिसेपशन पर फाइलों के साथ नितिन मिल गया जो ऑफिस जा रहा था। उसने उसे ग्रीट किया और बताया की सारांश उपर कमरे मे ही है।
होटल का मैनेजर अवनी को सारांश के कमरे तक लेकर गया। उस कमरे का दरवाजा बंद था जिसे खोलने के लिए उस मैनेजर ने अपना मास्टर कार्ड यूज किया। दरवाजा खुलते ही अवनी अंदर गई और वह मैनेजर वही दरवाजे से ही वापस लौट गया। अंदर जाते ही जो नजारा अवनी के सामने था उसे देख उस के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी और पूरा शरीर सफेद पड़ गया।
सारांश अलीशा को गर्दन से पकड़ कर दीवार से टिकाए हुए था। उसकी हालत देखकर ऐसा लग रहा था मानो अभी वह अलीशा को जान से मार देगा लेकिन इसके लिए वह खुद भी काफी संघर्ष कर रहा था। सारांश इस वक्त पूरी तरह पसीने से नहाए हुए था इसके बावजूद वह अलीशा को छोड़ने को तैयार नहीं था। अवनि दौड़ कर गई और सारांश की पकड़ से अलीशा को छुड़ाया। अवनी को देखते ही सारांश थोड़ा नॉर्मल हुआ और उस के गले से लग गया।
सारांश की पकड़ से छूटते ही अलीशा जमीन पर धड़ाम से जा गिरी और अपनी उखड़ चुकी सांसो को नार्मल करने की कोशिश करने लगी। अवनी का ध्यान जब अलिशा पर गया तो वह बुरी तरह से चौक गई। अलीशा इस वक्त एक छोटे से पतली ट्रांसपेरेंट नाइट गाउन में थी। उसे देख कर यह साफ समझ में आता था कि वह यहां क्या करने आई थी लेकिन सारांश की हालत देख उसे कुछ समझ नहीं आया कि आखिर सारांश को हुआ क्या है। उसकी तबीयत अचानक से कैसे बिगड़ गई!
अवनी ने सारांश को एक कुर्सी पर बैठाया और पानी से उसका चेहरा पोंछकर उसे पानी पिलाया। मौका देखते ही अलीशा ने वहां से भागने का सोचा लेकिन अवनि की नजर उस पर पड़ गई। उसने आव देखा ना ताव, अलीशा को उसके बाल से पकड़ा और सामने की दीवार पर दे पटका। अचानक हुए इस हमले से अलीशा सकपका कर रह गई लेकिन अवनि इतने पर नहीं रुकी, उसके हाथ जो आया उससे उसने अलीशा को मारना शुरू कर दिया।
"हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी मेरे पति पर अपनी गंदी नज़र डालने की?", सारांश की हालत देख अवनि अपने आपे से बाहर हो चुकी थी। उसने उसके बाल नोच लिए और चेहरे पर नाखून से खुरच दिए।
अवनि तो उसका इससे भी बुरा हाल करना चाहती थी लेकिन सारांश की बिगड़ती तबीयत को देख उसने अलीशा को वहीं पर छोड़ा और सारांश की ओर बढ़ गई। मौका पाते ही अलीशा भी वहां से भाग कर अपनी जान बचाई। अवनि ने डॉक्टर को फोन किया और उनसे सारांश की सारी सिचुएशन के बारे में बताया। डॉक्टर ने उसे तुरंत ही सारांश को लेकर हॉस्पिटल आने को कहा तो अवनी ने तुरंत ड्राइवर को फोन किया और गाड़ी लेकर तैयार रहने को कहा फिर कॉल कर नितिन को ऊपर बुलाया ताकि वह सारांश को ले जाने में की हेल्प कर सके। नितिन उस वक़्त जाने के लिए निकल रहा था लेकिन अवनि का कॉल मिलते ही वह अंदर भागा।
अवनि ने सारांश को संभालते हुए जैसे ही कमरे का दरवाजा खोला, उसके सामने मीडिया रिपोर्टर की एक पूरी भीड़ जमा थी और वह सभी के सभी उन दोनों की ही तस्वीर खींचने में लगे हुए थे। सारांश इस वक्त दर्द में था और वह अवनि को मजबूती से पकड़े हुए था। मीडिया रिपोर्टर अवनि को सारांश की गर्लफ्रेंड समझकर उन दोनों को रंगे हाथों पकड़ने का दावा कर रहे थे और अजीबोगरीब सवाल से अवनि को परेशान कर रहे थे जिससे सारांश के इमेज पर बहुत बुरा असर पड़ सकता था। "अगर आप लोग अपनी भलाई चाहते है तो हमें जाने दे वरना.......... आप लोगों ने अगर अभी हमें जाने नही दिया और सारांश को कुछ भी हुआ तो मै आप मे से किसी को नही छोड़ूंगी!!" अवनी का चेहरा गुस्से से लाल हो रहा था उसी वक्त नितिन ने भीड़ को एक साइड किया और अवनी और सारांश के लिए निकलने का रास्ता बनाया। उन दोनों को गाड़ी में बैठाकर नितिन खुद भी उनके साथ हॉस्पिटल गया।
अलीशा के बाहर निकलने के कुछ ही देर में वह रिपोर्टर्स वहां इकट्ठा हो गए थे। अलीशा ने जब उन्हें इतनी तेजी में आते देखा तो वह समझ गई यह सब शुभ का किया धरा है और जिस बारे में उसे बताना तक जरूरी नहीं समझा उसका मकसद सिर्फ सारांश को पाना था और अवनि से दूर ले जाना था। ना कि वह सारांश को बदनाम करना चाहती थी। उसे शुभ पर बहुत ही ज्यादा गुस्सा आ रहा था। उसने कॉरिडोर मे पड़े एक चादर से खुद को ढंका और अपने कमरे मे चली गयी।
शुभ इस वक़्त वहीं उसके कमरे मे मौजूद था। अलीशा उसे देखते ही बरस पड़ी," हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी यह सब करने की। यह सब हमारे प्लान का हिस्सा नहीं था। हमारा प्लान सिर्फ इतना था कि अवनी मुझे और सारांश को ऐसी हालत में देखें और उसे सारांश से नफरत हो जाए। यह मीडिया रिपोर्टर्स को इस प्लान में शामिल करने के लिए किसने कहा था तुमसे। हमारे बीच यह डील नहीं हुई थी और तुम बिना बताए इस प्लान में कोई चेंज नहीं कर सकते।
शुभ उसे शांत करते हुए कहा, "कमऑन अलीशा!!! तुम्हें अवनी से बदला लेना था और सारांश को पाना था। तुम्हें क्या लगता है, इतना आसान है उन दोनों को अलग करना। अगर अवनी सारांश को तुम्हारे साथ देख भी लेती तो क्या हो जाता!!! हो सकता है सारांश उसे मना लेता या फिर अवनी खुद ही इस बात को यहीं रफा-दफा कर देती। लेकिन मीडिया की नजर पड़ने से यह मामला और तूल पकड़ता और धीरे-धीरे सारांश और अवनी के बीच दूरियां बढ़ जाती। इससे फायदा तुम्हारा ही था। तुम खुद इस मौके से चूक गयी तो इसमें मेरी क्या गलती!"
शुभ की बातों पर अलीशा को बिल्कुल भी भरोसा नहीं हुआ। उसे गुस्से मे देख शुभ ने उसे बेड पर बैठाया और पानी उठा कर दिया। पानी पीने के कुछ देर बाद ही अलीशा को अचानक से गर्मी महसूस होने लगी तो उसने चादर अपने ऊपर से उतार फेंका। शुभ के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान खिल गयी।
शुभ को अवनी और सारांश के बीच दरार डालनी थी इसलिए उसने अलीशा को चुना अपने मददगार के रूप में। उसे अच्छे से पता था कि अलीशा के मन में सारांश के लिए क्या है और अवनि ने जो उसकी बेइज्जती की थी उसके बाद अलीशा खुद अवनि से खार खाए बैठी थी और उसे बुरी तरह से बदला लेना चाहती थी इसलिए उन दोनों ने मिलकर यह प्लान बनाया।
सारांश की मीटिंग खत्म होते ही उसने अवनी को कॉल करने के लिए जैसे फोन उठाया उसने देखा अवनी का मैसेज आया हुआ था कि उसे आने में थोड़ी देर हो जाएगी। फिर भी उसने मैसेज कर दिया। कुछ जरूरी पेपर्स को सारांश के पास छोड़ सारी फाइल समेटकर नितिन अपने साथ ले गया। उसके वहां से जाने से पहले अटेंडेंट सारांश के लिए जूस लेकर आया था जो सारांश ने हीं मंगवाया था। उसने नितिन से जूस के लिए पूछा लेकिन नितिन ने मना कर दिया क्योंकि उसे इस होटल का खाना बहुत पसंद था और वह उसे पैक करवाने की सोच रहा था।
नितिन के जाने के कुछ देर बाद ही सारांश को एक अजीब सी बेचैनी महसूस होने लगी उसने अपनी टाई ढीली की और अपना कोट उतारकर साइड में फेंका। कमरे के एसी का टेंपरेचर सेट करने के बावजूद उसे एक अजीब सी बेचैनी महसूस हो रही थी। ऐसा लग रहा था मानो उसे किसी भट्टी में डाल दिया गया हो और आग उसे जला रही हो लेकिन यह आग उसे अपने अंदर से महसूस हो रही थी। सारांश को समझते देर न लगी कि उसे हुआ क्या है। उसने अपना फोन ढूंढना शुरू किया जो की टेबल पर ही था लेकिन इस वक्त वह कितना बेचैन था कि किसी को फोन करने की हालत में नहीं था। बेहोशी उस पर हावी होने लगी थी।
सारांश ने अपने चेहरे पर पानी का छींटा मारा और दरवाजा खोलकर बाहर जाने की सोची लेकिन दरवाजा खोलते ही सामने अलीशा को देखकर वह चौक गया, "तुम यहां क्या कर रही हो और तुम इस शहर में क्या कर रही हो?" सारांश नहीं जानता था कि उसने अलीशा का ट्रांसफर तो कर दिया था लेकिन बीमारी का बहाना बनाकर अलीशा घर से काम करने की इजाजत ली और शुभ के बुलाने पर वापस चली आई थी।
अलीशा ने जब देखा कि सारांश पर ड्रग्स का पूरी तरह से असर हो गया है तब उसने सारांश के करीब आने की ओर उसे बहकाने की हर मुमकिन कोशिश की। सारांश ने उससे अपना पीछा छुड़ाने की और खुद को उससे दूर रखने के लिए संघर्ष करता रहा, फिर अचानक अपनी सारी हिम्मत बटोर कर उसने अलीशा का गर्दन पकड़ लिया जिसे वह चाह कर भी नहीं छुड़ा पा रही थी। उसे तो ऐसा लगा कि नहीं था कि सारांश दिमागी तौर पर इतना मजबूत है कि वह कभी फाइट बैक भी करेगा। उसे तो बस अवनी को दिखाना था और साथ में अगर सारांश भी मिल जाए तो इसमें हर्ज क्या है।
जिस वक्त अवनी वहां पहुंची तो तब तक अलीशा की सांस उखड़ चुकी थी और ऐसा लगा जैसे वह अब मर ही जाएगी। सारांश ने उसके साथ जो किया सो किया यही सही कसर अवनी ने पूरी कर दी लेकिन यह मीडिया रिपोर्टर वाली बात शुभ ने उसे बिल्कुल भी नहीं बताई थी। वह एक इज्जतदार घराने से आती थी और उसके घरवालों को उसके इरादों की बिलकुल भी भनक नही थी ऐसे मे अगर मीडिया वालों ने उसकी ऐसी हालत में तस्वीर खींच ली होती तो तो उसकी इज्जत मिट्टी में मिल जाती और सारांश भी उसके हाथ कभी नहीं आता।
अवनी सारांश को लेकर हॉस्पिटल पहुंची जहां डॉक्टर पहले से ही उन दोनों के लिए तैयार खड़े थे। तुरंत ही उसे इमरजेंसी में शिफ्ट करवा पाया गया और उसके ब्लड सैंपल के टेस्ट से अवनि को पता चल गया कि उसका सोचना सही था। सारांश को ड्रग्स ही दिए गए थे और यह सब अलीशा के अलावा और किसी का काम नहीं था। उस वक्त तक सारांश के होटल में होने की खबर पूरे मीडिया वालों ने फैला दी थी जोकि सिया के कानों तक भी पहुंची। उसने अवनि को फोन कर सारांश के बारे में पूछा तो उसने सारांश के हॉस्पिटल में होने की खबर सारी सच्चाई बता दी और साथ ही नितिन को भी घर भेज दिया।
सिया कार्तिक के साथ हॉस्पिटल पहुंची कुछ मीडिया रिपोर्टर्स जो अवनि का पीछा करते-करते हॉस्पिटल तक पहुंच गए थे, उन्होंने सिया को हॉस्पिटल गेट पर ही रोक कर अनेक सवाल करना शुरू कर दिया लेकिन सिया और कार्तिक ने सब को नजरअंदाज कर दिया और अंदर चले गए।
सिया सारांश के कमरे में पहुंची जहां वह एडमिट था। वहां पहुंचते ही उसने पाया कि अवनी सारांश का हाथ पकड़े बैठी थी और रो रही थी। सिया के आने की आहट अवनी को नहीं मिली, जब उसने अवनी के माथे पर हाथ रख सहलाया तब जाकर अवनी ने नजर उठा कर देखा और सिया के गले लग कर रोने लगी। "घबराओ मत मेरा बच्चा!!! बिल्कुल ठीक है वह, डॉक्टर से बात हुई है मेरी। मेरा बेटा इतना भी कमजोर नहीं है ऐसी छोटी-छोटी बातों से उस पर असर हो। तुम देखना वह सुबह तक बिलकुल ठीक हो कर घर वापस आ जायेगा जैसे कुछ हुआ ही नही हो। तुम बस एक काम करो, बाहर जो लोग सारांश के बेचैन हो रहे है उन्हे सारांश की अपडेट दे दो ताकि वो लोग शांत हो जाए।"
सिया की बातों मे उन रिपोर्टर्स के लिए कटाक्ष था जिसे अवनि समझ गयी और कार्तिक के साथ बाहर निकली। रिपोर्टर्स को देख कर ही अवनि को फिर से गुस्सा आ गया। उसके आँखों के सामने कुछ देर पहले का नजारा घूम गया जब वो लोग उसके और सारांश के रिश्ते पर उंगली उठा रहे थे। इससे पहले की वो लोग कुछ सवाल करते, अवनि ने जबरदस्ती मुस्कुरा कर कहा, "अच्छे से जानती हु मै की आप सभी आये नही थे बल्कि लाये गए थे। आप सभी को पैसे मिले है सारांश की इज़्ज़त पर दाग लगाने के लिए। ये मत सोचना आप लोग कि सारांश मित्तल के लिए इस बात का पता लगाना कोई मुश्किल काम है इसीलिए अगर अपनी सलामती चाहते है तो अभी इसी वक़्त यहाँ से निकल जाइये। और हाँ......! जिसने भी आप सब को इंवाइट किया था उसे मै बस इतना ही कहना चाहती हु कि मेरा सारांश का रिश्ता इतना कमजोर नही है कि किसी के चाहने या कुछ करने से टूट जाए। मै, उनकी पत्नी उन पर आँखे बन्द कर भरोसा करती हु और ये बात अपने दिमाग मे हमेशा के लिए बैठा ले।" बोलते बोलते अवनि की आवाज़ सख्त हो गयी। अपनी बात कह वहाँ से मुड़ी और बिना किसी के सवाल का जवाब दिये वापस चली गयी। उसे वक़्त उसके चेहरे पर जो रौब था उसे देख कार्तिक भी मुस्कुराए बिना ना रह सका।
क्रमश: