Chapter 86
सुन मेरे हमसफ़र 79
Chapter
79
निर्वाण ने अपना सर झुका लिया और कुछ सोचने के बाद एक गहरी सांस लेकर बोला "कुणाल सही लड़का नहीं लगा मुझे। मुझे नहीं पता उसका बैकग्राउंड क्या है, वो कैसी फैमिली से आता है और कुहू दी उसे कैसे और कब से जानती है। मैं भी उसे ज्यादा नहीं जानता, लेकिन जो थोड़ा बहुत मैंने उसे जाना है उसकी कई सारी गर्लफ्रेंड रही है। एक के साथ रिलेशनशिप में रहते हुए भी वो किसी और को डेट करता था। ऐसे में हम कैसे उसे कुहू दी के लिए सही मान सकते हैं? अगर उसने हमारी दी के साथ कुछ गलत किया तो?"
अंशु, कुणाल के बारे में ऐसी बातें सोच भी नहीं सकता। उसे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि सीधा-साधा दिखने वाला कुणाल, अपनी रियल लाइफ में ऐसा भी हो सकता है। ऐसी हरकत तो कभी खुद अव्यांश ने भी नहीं की थी। अव्यांश को अभी भी यकीन नहीं हुआ। उसने पूछा "क्या तुझे पूरा यकीन है, जो तू कह रहा है वह सच है? देख! कई सारी गर्लफ्रेंड का होना अभी के टाइम में नॉर्मल सी बात है। लेकिन एक साथ कई सारी गर्लफ्रेंड होना, यह तो कोई भी बर्दाश्त नहीं करेगा। किसी रिश्ते में लॉयल होना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। और कुणाल को देखकर या उसकी बातों से मुझे ऐसा नहीं लगा कि वह........." कहते कहते अव्यांश खुद ही रुक गया। उससे अपनी बात पूरी करते नहीं बनी।
उसे ऐसे बीच में चुप होते देख निर्वाण को भी थोड़ा सा बल मिला और उसने पूछा "क्या हुआ? कुछ समझ में आया क्या?"
अंशु को याद आया, कैसे सगाई के ठीक बाद कुणाल एकदम से गायब हो गया था और किसी को पता ही नहीं था कि वह बैंगलोर में है। अगर उसने धमकी देकर कुणाल को वापस आने के लिए नहीं कहा होता तो अभी भी उसका कोई ठिकाना नहीं था। तो क्या वाकई कुणाल अपनी किसी फ्रेंड से मिलने गया था या फिर बात कुछ और थी? अभी भी अंशु ये मानने को पूरी तरह तैयार नहीं हुआ और बोला "कुछ तो प्रॉब्लम है। देख, हमारे पास इसका कोई सबूत नहीं है। अगर तेरे पास है तो हम दोनों मिलकर उसका पर्दाफाश करेंगे। मैं तेरी बात से इंकार नहीं कर रहा, लेकिन पूरी तरह यकीन भी नहीं कर सकता। हो सकता है तुझे कोई गलतफहमी हुई हो। बात हमारी बहन की है तो हम उसे ऐसे ही नहीं जाने दे सकते। तू रुक, मैं कुछ करता हूं।"
अव्यांश वहां से चला गया लेकिन उसे करना क्या है यह वह खुद नहीं समझ पा रहा था। शिवि जो एक साइड खड़े होकर उन दोनों की बातें सुन रही थी वो अंशु के सामने आकर बोली, "निशी के मां पापा वापस जाने को तैयार है। सब तुझे ही ढूंढ रहे है।" अंशु जल्दी से निकल गया।
अंशु के जाते ही शिवि ने निर्वाण से पूछा "क्या हुआ? तुम कुणाल को इतनी अच्छी तरीके से कैसे जानते हो?"
निर्वाण नजरे चुराता हुआ बोला "वह....... उसको देखा है मैंने। वह मेरे किसी क्लोज फ्रेंड के साथ रिलेशनशिप में था, और वो किसी और को भी डेट कर रहा था।"
शिवि ने सीधा सा सवाल किया "क्लोज फ्रेंड या फिर बहन?"
निर्वाण बुरी तरह चौक गया। उसने नजर उठाकर शिवि की तरफ देखा तो शिवि ने पूछा "कुणाल नेत्रा को डेट कर रहा था और उसे चीट कर रहा था, इसलिए गुस्से में आकर तूने उसका एक्सीडेंट किया। जिसके कारण नेत्रा कुणाल के सामने नहीं आना चाहती थी, इसलिए उसने मुझे फोन किया। बता मैं सही कह रही हूं ना?"
निर्वाण ने अब बात पूरी तरह खुलकर सामने रखती दी "मैंने नेत्रा को काफी समझाने की कोशिश की लेकिन उसका यही कहना था कि कुणाल ऐसा नहीं है और वो कुछ टाइम के बाद कुणाल को सबसे मिलवाएगी। मेरी समझ में नहीं आया आखिर नेत्रा को कैसे समझाऊं? अपनी बहन को उससे बचाने की कोशिश की मैंने लेकिन उसे लगा, हर भाई की तरह मैं प्रॉब्लम क्रिएट कर रहा हूं। मुझे कुणाल से कोई प्रॉब्लम नहीं होती, अगर वो मेरी बहन के लिए लॉयल होता तो। जो इंसान कपड़ों की तरह गर्लफ्रेंड बदल सकता है, जो मेरी एक बहन को छोड़कर दूसरी बहन से सगाई कर सकता है, मैं उससे ईमानदारी की कितनी उम्मीद रखू, आप ही बताओ!"
शिवि कुछ सोचते हुए बोली "टेंशन तो मुझे भी है, क्योंकि बात यहां नेत्रा और कुहू दी की है। उन दोनों के बीच में पहले से ही टेंशन है, कहीं और ज्यादा ना बढ़ जाए। हमें ध्यान रखना होगा। नेत्रा से इस बारे में पूछना होगा कि उसके दिल में अभी भी कुणाल के लिए कोई फीलिंग है या नहीं! अगर उसका जवाब ना हुआ तो फिर मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है। क्योंकि इतना तो मुझे पता है कुणाल कुहू को चीट नहीं कर सकता। अगर ऐसा करेगा तो फिर बात यहां से उन दोनों के बीच नहीं होगी बल्कि फैमिली के बीच रिश्ते खराब होंगे। सबसे पहले तो हमें कुणाल से बात करनी होगी। अगर वह इस सब से डिल करने को तैयार है तो हम उसका साथ जरूर देंगे, क्योंकि कुहू दी कुणाल से बहुत प्यार करती है और यह मैंने उनकी आंखों में देखा है। हमें बहुत सोच समझकर यह काम करना होगा। इस बारे में तुमने अव्यांश को बताया, अब किसी और को बताने की जरूरत नहीं है। हम लोग देखते हैं क्या कर सकते हैं। अगर कुणाल कुहू दी के लिए वाकई सीरियस हुआ तो हम अपनी ही बहन की खुशियां छीन लेंगे।"
*****
कुणाल ने अपनी मां को फोन लगाया। मिसेज रायचंद अभी किसी काम में लगी हुई थी। कुणाल का फोन देख उन्होंने खुश होकर फोन उठाया और बोली “ससुराल से फुर्सत मिल गई तुम्हें? मुझे तो लगा था कि आज तुम्हें घर की याद नहीं आने वाली।“
कुणाल ने जबरदस्ती मुस्कुराकर कहा “मां! चाहे कोई भी इंसान हो, वो अपने घर को कभी नहीं भूल सकता।“
मिसेज रायचंद ने पूछा “अच्छा बताओ, सब कैसा रहा वहां पर? और अभी तुमने फोन क्यों किया, जब घर आ ही रहे हो तो?”
कुणाल ने एकदम से कहा “मैं घर नहीं आ रहा।“
मिसेज रायचंद को अपने बेटे की बात समझ नहीं आई। उन्होंने पूछा "क्या हुआ? कोई परेशानी है? कुछ हुआ है क्या? तुम्हारे और कुहू के बीच सब ठीक तो है ना?"
कुणाल ने सीधे सपाट लहजे में कहा, "मां! मैं कुहू से सगाई तोड़ रहा हूं।"
मिसेज रायचंद का दिल धक से रह गया। वो अपनी जगह से उठकर खड़ी हो गई और बोली "कुणाल! ये कैसी बात कर रहे हो तुम? इस रिश्ते लिए तुमने हामी भरी थी। ऐसे कैसे इस रिश्ते को तुम तोड़ सकते हो? यह रिश्ता सिर्फ तुम्हारे और कुहू के बीच नहीं हैं, बल्कि दो परिवारों के बीच भी जुड़ा है। तुम्हे पता भी है, इससे दोनों परिवारो के बिजनेस रिलेशन में कितना बड़ा फर्क आएगा?"
लेकिन कुणाल को कहां इस सब से कोई फर्क पड़ने वाला था। उसने अपनी मां को ताना देते हुए कहा "आखिर मेरी लाइफ को बिजनेस डील बनाकर रख दिया ना आप लोगों ने? मैं आपका अपना बेटा हूं भी या नहीं?"
मिसेज रायचंद को बस अपने पति के नाराजगी का डर था। वो नाराजगी जो गुस्सा बनकर कुणाल पर ही फूटने वाला था। उन्होंने सवाल किया "कैसी बात कर रहा है तू? हुआ क्या है? तुझे कोई प्रॉब्लम है? कोई परेशानी है तो बता मुझे। हम सब मिलकर इस प्रॉब्लम का कुछ ना कुछ सलूशन शुरू ढूंढ लेंगे।"
कुणाल ने पूछा "आप पक्का मेरी हेल्प करोगे?"
मिसेज रायचंद अपने बेटे को प्रॉमिस करती हुई बोली "मैं पक्का तेरे पापा से बात करूंगी। हम सब मिलकर कोई ना कोई हल जरूर निकालेंगे। जो भी परेशानी है वह हम सब देख लेंगे। मेरे बच्चे, तेरी खुशी से बढ़कर कुछ नहीं है हमारे लिए। तेरे पापा ने तुझे प्रॉमिस किया था ना!"
कुणाल ने खुश होकर कहा, "जानता हूं मां! इसीलिए तो। मुझे मेरी खुशी मिल गई है। मुझे वो लड़की मिल गई है जिसे में ढूंढ रहा था। इसलिए मैं कुहू से सगाई तोड़ रहा हूं"
मिसेज रायचंद चौंक गई और एकदम से बोल पड़ी "क्या? वो लड़की मिल गई? लेकिन ये कैसे हो सकता है? तेरे पापा ने सारे रास्ते बंद कर दिए थे, तो फिर वो लड़की तुझे कैसे............."
मिसेज रायचंद ने अपने मुंह पर हाथ रख लिया। अपने पति की कर
तूत वो अपने बेटे के सामने रख चुकी थी। अब क्या करेगा कुणाल?