Chapter 92

Chapter 92

सुन मेरे हमसफ़र 85

Chapter

85








     काया ने नजर घुमाकर ऋषभ की तरफ देखा और गुस्से में नीचे पड़ी अपनी सैंडल उठाकर ऋषभ की तरफ फेंका लेकिन ऋषभ, उससे बचता हुआ मुस्कुरा कर वहां से बड़े आराम से निकल गया जैसे कुछ हुआ ही नहीं। काया पैर पटकती रह गई।





   सुहानी और निशी दोनों ही जूते खरीदने में बिजी थी। निशी को लेना नहीं था लेकिन सुहानी ने जबरदस्ती उसके लिए 2 जोड़ी जूते खरीद लिए। वहां से होकर वह दोनों कुहू के पास जाने के लिए निकले लेकिन एक स्टोर पर उन्हें काया नजर आ गई जो काफी गुस्से में नजर आ रही थी।




     सुहानी अंदर गई और काया से पूछा "क्या हुआ तुझे? इतने गुस्से में पागल क्यों हो रही है?"




    काया अब क्या ही बताती उसे। सारी बातें तो कह नहीं सकती थी, जो कुछ भी उसके साथ हुआ। उसने बस इतना कहा "कल वह लफंगा कितना शरीफ बन रहा था, देखा था तूने?"




    काया की बातें सुहानी को थोड़ी अजीब लगी। उसने पूछा "लफंगा? तू किसकी बात कर रही है?"




     काया तो खार खाए बैठी थी। उसने कहा "वही लफंगा, जो कुणाल जीजू का दोस्त बन कर आया था। कितना शरीफ बन रहा था! अभी 10 मिनट पहले अगर तू यहां होती तो तुझे पता चलता कि कितना बड़ा............! उसने मुझे पागल कर के रख दिया है। पता नहीं किस मनहूस घड़ी में उस से टकराई थी मैं, जो मेरा पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रहा। कहीं भी जाऊं, वह टपक पड़ता है। समझ नहीं आता वह सच जानबूझकर करता है या फिर अनजाने में मेरे से टकराता है?" बोलते हुए काया की सांस फूल रही थी।




     काया के हाथ में वही ड्रेस थी जो उसने पहन कर ट्राई किया था। उसने उस ड्रेस को ऐसे ही कपड़ों के रेक में फेंक दिया और वहां से जाने लगी तो सुहानी बोली "इतनी अच्छी ड्रेस थी, तूने छोड़ क्यों दिया? फिट नहीं आ रही थी क्या?"




     काया का मूड पूरी तरह खराब हो चुका था। वह बाहर निकलते हुए बोली "मुझे पसंद नहीं आया।" सुहानी उसके पीछे भागी। पीछे खड़े किसी ने उस ड्रेस को उठा लिया और बिलिंग काउंटर पर भेज दिया।








     कुहू अपने लिए एक चेन देख रही थी जो वाइट गोल्ड की बनी थी जिसमें एक बड़ा ही प्यारा सा लॉकेट था। कुहू की नजरे उस पर से हट ही नहीं रही थी। उसने एक बार अपने गले में ट्राई किया और आईने में देखने लगी। सुहानी पीछे से आई और उसके गले लग कर बोली "बहुत खूबसूरत लग रहा है। जैसे आपके लिए ही बना हो।"




     निशी भी उसकी तारीफ किए बिना रह ना पाई और बोली "वाकई! बहुत खूबसूरत है।"




     कुहू ने उस चैन को अपने गले से उतारा और निशी के गले में पहना दिया। निशी इस बात से हैरान रह गई। उसने कहा "यह क्या है दी?"




   कुहू बड़े प्यार से बोली, "अभी तुमने कहा ना कि बहुत खूबसूरत है! तो मुझे यह तुम पर ज्यादा अच्छा लगा।"




      सुहानी नाराज होकर बोली "तारीफ तो मैंने भी की थी!"




    कुहू ने मुस्कुराकर सुहानी के गाल को छुआ और बोली "तुम्हारे लिए दूसरी लेते है। यह वाली तो सिर्फ मेरी भाभी के लिए।"




    काया ने शिकायत किया "यह गलत बात है दी।" सुहानी ने भी वही शिकायत दोहराई तो सभी हंस पड़े।






     इधर परेशान शिवि अपने कमरे में टहल रही थी। श्यामा उसे देखने जैसे ही उसके कमरे में आई तो देखा शिवि अपने बेड पर आराम से कंबल ओढ़े सो रही थी। उन्होंने प्यार से शिवि के बालों को सहलाया और वहां से चली गई। शिवि उनके जाते ही उठ कर बैठ गई और अपना फोन उठा कर बोली "तू कब फ्री होगी? मुझे तुमसे बात करनी है, तुझे समझ नहीं आ रहा?"




    शिवि बुरी तरह परेशान थी लेकिन फिर भी थकान की वजह से कब उसकी आंख लग गई उसे पता ही नही चला। लेकिन जैसे ही आंख लगी, उसका फोन बज उठा। शिवि ने अलसाई नजरों से अपने फोन के स्क्रीन की तरफ देखा तो नेत्रा का नंबर देखकर उसकी सारी नींद उड़ गई। उसने जल्दी से कॉल रिसीव किया और बोली "कब से तेरे फोन का इंतजार कर रही हूं! इतनी देर तक कौन सोता है?"




    दूसरी तरफ से नेत्रा बोली "मैं इंडिया में नहीं हूं, इसीलिए अगर आपको लग रहा है कि बहुत लेट है तो आप गलत हो। अब बताओ, फोन क्यों किया था?"




      शिवि ने कुछ कहने के लिए मुंह खोला लेकिन उसकी बात गले में ही अटक कर रह गई। उसे सवाल क्या पूछना था वही समझ नहीं आया। नेत्रा ने एक बार फिर सवाल किया "क्या हुआ? अब फोन किया था तो जाहिर सी बात है, कुछ पूछना ही था। अब पूछ भी लो, जो पूछना है।"




     शिवि ने गहरी सांस ली और कहां "तेरे और कुणाल के रिलेशनशिप के बारे में पूछना था मुझे। तू मुझे सच-सच बताएगी?"




    नेत्रा कुछ काम कर रही थी। कुणाल का नाम सुनकर उसके हाथ जहां थे वहीं रुक गए। कुणाल का नाम पिछले 1 साल में किसी ने नहीं लिया था उसके सामने। ना ही उसने कांटेक्ट करने की कोशिश की थी। इस तरह अचानक शिवि के पूछने से नेत्रा चौक गई "क्या हुआ? अचानक से यह सवाल क्यों?"




     शिवि ने सीधे से कहा "जितना मैंने पूछा है बस इतना ही जवाब दें। मैं तेरे और कुणाल की रिलेशनशिप को लेकर पूछ रही हूं। क्या तुम दोनों सीरियस थे? क्या तू सीरियस थी उसके लिए? जिस तरह कुणाल के एक्सीडेंट के बाद तूने मुझे कॉल किया था, उससे तो मुझे यही लगा कि वह तेरे लिए कितना मायने रखता है। लेकिन इतने टाइम बाद भी मुझे तुम दोनों की कोई खबर नहीं है। मुझे बस तेरे मन की बात जाननी है। किसी और से मेरा कोई लेना देना नहीं।"




     शिवि ने अपना सवाल रख तो दिया था लेकिन नेत्रा का जवाब क्या होगा यह सोच कर ही वह घबरा रही थी। उसके लिए जितनी जरूरी नेत्रा थी उतनी ही कुहू भी थी। वह दोनों के साथ ही कुछ गलत होते नहीं देख सकती थी।




     तो क्या होगा नेत्रा का जवाब? आइए जानते हैं अगले एपिसोड में।