Chapter 147

Chapter 147

YHAGK 146

Chapter

146






  मौली हॉस्पिटल से घर वापस आ गई थी और मानव ने आते ही सबके सामने ऐसा बम फोड़ा के किसी को भी यकीन नहीं हुआ। मौली के साथ ऐसी हरकत करने वाला और कोई नहीं बल्कि राहुल था। इस बात पर किसी को यकीन नहीं हो रहा था। रेहान गुस्से में मानव से बोला, "यह क्या बकवास कर रहे हो तुम? तुम्हें एहसास भी है कि तुम क्या बोल रहे हो? इतने भी छोटे नहीं रहे कि तुम कुछ भी बकवास करो और सब तुम पर यकीन कर ले!"


    मानव रोते हुए बोला, "मैं सही कह रहा हूं अंकल! मैं बिल्कुल सच बोल रहा हूं। इस ने मुझसे कहा कि मौली के साथ जो हुआ वह सब इसी ने किया। सिर्फ इसलिए क्योंकि मैंने मौली के साथ फ्रेंडशिप कर ली थी, वह मेरी बेस्ट फ्रेंड बन गई। यह बात उसे अच्छी नहीं लगी। उसने भी तो कितनों से फ्रेंडशिप की, मैंने तो कुछ नहीं कहा। फिर मेरे किसी के साथ फ्रेंडशिप करने से इसको इतनी प्रॉब्लम क्यों हो गई?"


    रेहान गुस्से में बोला, "अपनी बकवास बंद करो मानव! यहां कोई तुम्हारी बात पर यकीन नहीं करेगा।"


    मानव ने उम्मीद भरी नजरों से अपने पापा की तरफ देखा और बोला, "यह कोई पहली बार नहीं है जब राहुल ने मौली को परेशान किया या उससे बदला लेना चाहा हो। स्कूल में भी वह मौली को परेशान करने का एक भी मौका नहीं छोड़ता है। कभी उसकी नोटबुक खराब कर देता है तो कभी उसका होमवर्क! तो कभी उस के लंच में पानी डाल देता है। कभी चलते हुए उसे पैर लगा देता है। एक बार तो उसको क्लास में बंद कर दिया था। लेकिन जब टीचर ने आकर खोला तब मौली ने साफ-साफ झूठ बोल दिया कि उसे इस बारे में कुछ नहीं पता। एक बार 1 मेंढक उसने मौली के बैग के अंदर डाल दिया था। उसके बारे में बहुत सी बेकार और गंदी गंदी बातें वह अपने दोस्तों से करता है। उसके दोस्त भी मौली को परेशान करने के नए नए बहाने ढूंढते रहते हैं और राहुल को सिखाते रहते हैं। पहले तो मैं भी राहुल का साथ देता था लेकिन फिर धीरे धीरे मुझे लगने लगा कि मौली राहुल से उलझना नहीं जाती है। वरना अगर वो चाहे तो राहुल को एक हाथ से सीधा कर सकती है। वह बेवजह किसी बात को बढ़ाना नहीं चाहती थी इसलिए उसने कभी पलट कर राहुल को कोई जवाब नहीं दिया। उल्टा वो तो राहुल की और मेरी हेल्प करने की कोशिश करती रहती है। मैं सच कह रहा हूं पापा! इस सब के पीछे राहुल और उसके दोस्तों का हाथ है।"


     विहान ने मानव की आंखों में झांका और कहा, "मुझे आपकी बातों पर यकीन है बेटा! मुझे यकीन है मेरा बच्चा कभी मुझसे झूठ नहीं बोलेगा। किसी से भी झूठ नहीं बोलेगा। वह भी अपने दोस्त के बारे में तो बिल्कुल भी नहीं। अगर वह कह रहा है कि राहुल ने कुछ किया है मतलब उसने किया है। जितना भरोसा मुझे अपने आप पर है उतना ही भरोसा मुझे अपने बेटे पर भी है।"


    रेहान तंज भरे लहजे में बोला, "तुम्हारा बेटा.........! तुम्हारा बेटा तो अभी 1 महीने का भी नहीं हुआ फिर वह कैसे बोलेगा?"


   विहान उसके कहने का मतलब बखूबी समझ गया। रूद्र को एहसास हुआ कि रेहान इस बात को कहीं और ले कर जा रहा है। वह कुछ कहता उससे पहले विहान ने कहा, "मेरे दो बेटे हैं रेहान! और यह मैं पूरे हक़ से कहता हूं, सीना ठोक कर कहता हूं। क्या तुम में भी इतनी हिम्मत है?"


    विहान के इस कटाक्ष पर रेहान बुरी तरह से तिलमिला गया। उसने आगे कुछ कहना चाहा लेकिन रूद्र एकदम से उठ खड़ा हुआ और चिल्लाया, "बस......! बहुत हो गया। बात कहां से शुरू हुई और कहां जा रही है! रेहान.....! तुझसे तो कोई उम्मीद रखना ही बेकार है। एक बच्चे से लड़ पड़े हो तुम। और विहान तु..........! तू भी बच्चों के सामने बच्चा बन गया? बात मानव और राहुल के बीच थी, तुम दोनों कूद पड़े! बात कहां से कहां घूमा दी गई। तुम दोनों में सच में अकल हैं या नहीं?" 


   विहान और रेहान दोनों ने ही अपनी बात रखनी चाही लेकिन रूद्र ने कुछ भी सुनने से इनकार कर दिया और कहा, "बस!!! बात जहां थी वहीं पर खत्म। यह बात अब इसके आगे नहीं बढ़ेगी। पुलिस इन्वेस्टिगेशन कर रही है। अगर वाकई में राहुल ने यह सब किया है तो फिर उसका फैसला पुलिस ही करेगी कि उसके साथ क्या करना है! हम कुछ नहीं कर सकते। यह सारा केस अब पुलिस के हाथों में है। किसी के मानने या ना मानने से कुछ फर्क नहीं पड़ेगा। मुझे अभी अभी ध्यान आया कि उस पार्टी हॉल में एक सीक्रेट हिडन कैमरा लगा हुआ था जो अंधेरे में भी सारे फुटेज कैप्चर कर सकता है। मैं पुलिस को फोन करता हूं। वह लोग वहां जाकर उस कैमरा और उसके फुटेज अपने कब्जे में ले लेगे।" कहते हुए रूद्र ने अपना फोन निकाला और पुलिस का नंबर डायल करने लगा। 


     राहुल बुरी तरह से घबरा गया। उसे आगे कुछ समझ नहीं आया। यानी जिस वक्त उसने मौली को वहां से खींचा था, वह सारी रिकॉर्डिंग हो चुकी थी और अब वो रिकॉर्डिंग पुलिस के हाथ लगने वाली थी। यानी अब उसे जेल जाना होगा! यह सोचकर ही उसके पसीने छूट गए। उसने जल्दी से रूद्र के पैर पकड़ लिए और कहा, "चाचू प्लीज!!! पुलिस को फोन मत करना, प्लीज! मैंने किया था यह सब। मैं ने हीं मौली से बदला लेने के लिए यह सब किया था और इसमें मेरे फ्रेंड्स ने मेरा साथ दिया था। ये मेरा आईडिया नहीं था ये सब उन्हीं लोगों का आइडिया था। मेरा यकीन कीजिए चाचू मैं यह सब नहीं करना चाहता था।"


     राहुल की बात सुनकर लावण्या का चेहरा पीला पड़ गया। उसे कि नहीं हुआ कि उसके अपने बेटे ने ऐसी हरकत की है, और वह अपनी ही बहन के साथ! लावण्या ने गुस्से में एक थप्पड़ राहुल को जड़ दिया। राहुल ने पहली बार अपनी मां के हाथ से थप्पड़ खाया था। रेहान ने उसे इतने लाड प्यार से रखा था कि वह लावण्या को उसे डांटने तक नहीं देता था। अपने बेटे को इस तरह मार खाता देखना रेहान बोला, "लावण्या.....! यह क्या तरीका है बच्चों से बात करने का? इस तरह अपनी बेटे को कोई मारता है क्या?"


     लावण्या गुस्से में रेहान की तरफ पलटी और कहा, "कुछ गलतियां माफी के लायक नहीं होती रेहान! उसके लिए सजा होती है। राहुल ने जो किया आज अगर उसे सजा नहीं मिली तो वह यह गलती दोबारा करेगा। मैं नहीं चाहती कि मेरा बेटा गलत संगत में गलत राह पर निकल जाए। आज अगर मेरा एक थप्पड़ मेरे बेटे को सुधार सकता है तो मैं उसे दो थप्पड़ लगा कर सीधे रास्ते पर लाना चाहूंगी ताकि वह दोबारा इस तरह की कोई हरकत ना करें। तुमने उसे बहुत सर पर चढ़ा रखा है, अब उसे नीचे उतारना होगा। अपनी बहन के साथ ऐसी हरकत करते हुए उसे शर्म नहीं आई। अब जब तक वह अपनी बड़ी बहन से माफी नहीं मांगता, तब तक मैं इसकी मां नहीं।" कहते हुए लावण्या ने राहुल को अपने से दूर झटक दिया और वहां से चली गई। 


     लावण्या का गुस्सा रेहान की समझ से परे था। रूद्र ने रेहान की तरफ अजीब नजरों से देखा। जैसे उसे कह रहा हो कि रेहान तु एक अच्छा बाप भी नहीं बन पाया! रेहान को शर्मिंदगी हुई। उसने आँखें झुका ली। किसी को भी राहुल से ऐसी उम्मीद नहीं थी और ना ही रेहान से ऐसे बर्ताव की। सभी वहां से उठकर चले गए हॉल में रह गए तो सिर्फ राहुल और रेहान। 


     रेहान अपने बेटे से क्या कहता? क्या शिकायत करतावो? उसने सिर्फ इतना कहा, "आज आपने अपने पापा का सर शर्म से झुका दिया बेटा! हर किसी की नजर आपके पापा पर थी और सब की आंखों में सवाल था। आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था। मेरी गलती है। बहुत प्यार करता हूं तुमसे इसलिए तुम्हारी कोई गलती नजर नहीं आती। तुम्हारी हर बदतमीजी को तुम्हारा बचपना समझता रहा। कभी उन गलतियों के लिए तुम्हें डांटा नहीं। आइंदा ऐसी कोई हरकत ना हो इसका ध्यान रखना और जाकर मौली से माफी मांग लो वरना तुम्हारी मम्मी का गुस्सा और क्या गुल खिलाएगा यह तो मैं भी नहीं जानता। लावण्या को पहली बार इतने गुस्से में देख रहा हूं मैं। क्या बात सिर्फ इतनी सी है जितनी नजर आ रही है या फिर कुछ और? मेरी खुद समझ नहीं आ रहा!" 


     रेहान राहुल को वहीं पर छोड़ कर अपने कमरे की तरफ चला आया। उसके दिमाग में पहले से ही काफी सारी उथल पुथल मची हुई थी। ऊपर से राहुल की यह हरकत! उसे अपने ही घर वालों की नजरों में गिरने पर मजबूर कर दिया था। इस वक्त वह किसी से भी नजर नहीं मिला पा रहा था। यहां तक कि लावण्या से भी नहीं। 


      सारी बातें सोचते हुए रेहान का सर दर्द से फटा जा रहा था। कमरे में आया तो देखा, लावण्या गुस्से में इधर उधर टहल रही थी। उसने लावण्या के उस गुस्से पर ध्यान नहीं दिया और कहा, "लावण्या! एक कप कॉफी पिला दो प्लीज! सर में बहुत तेज दर्द हो रहा है।"


    लावण्या वैसे ही गुस्से में थी। रेहान की बात सुनकर वह गुस्से में फट पड़ी और कहा, "तुम्हें सिर्फ अपनी पड़ी है रेहान! तुमने कभी किसी और के बारे में सोचा? सिर्फ अपना सुख नजर आता है तुम्हें। फिर चाहे उसके लिए कितनी ही जिंदगियाँ कुर्बान क्यों ना हो जाए! तुम्हें कभी कोई फर्क नहीं पड़ता। ना जाने किस मिट्टी से बने हो तुम! मैं नहीं चाहती कि मेरा बेटा तुम्हारी तरह बने। उस पर से तुम्हारा असर कम करना चाहती हूं इसलिए आइंदा तुम राहुल की तरफदारी नहीं करोगे। वो मेरा बेटा है, मैं उसे अपने तरीके से हैंडल करूंगी। मैं उसे हॉस्टल भेज रही हूं।"


     लावण्या की बात सुनकर रेहान हैरान रह गया और बोला, "तुम्हारा बेटा..........!!! लावण्या वो हमारा बेटा है और फिर हॉस्टल वाली बात कहां से आ गई बीच में? हमने तो कभी नहीं कहा कि वो हॉस्टल में जाएगा। आज से पहले उसे हॉस्टल में डालने का हमने कभी सोचा तक नहीं तुम एकदम से उसके बारे में इतना बड़ा फैसला कैसे ले सकती हो? राहुल इसी घर में रहेगा। ये उसका घर है, कहीं नहीं जाएगा वो यहां से।"


     लावण्या मुस्कुरा कर बोली, "यह राहुल का घर है। ये तुम्हारा घर है। वो तुम्हारा बेटा है तो मैं कौन होती हूं इस सब के बीच में बोलने वाली? तुम्हें जो करना है तुम वो करोwo। तुम्हारी बेटे को जो करना है वह करें और मुझे जो करना है मैं वो करूंगी। तुम्हारा घर तुम्हारा बेटा तुम्हें मुबारक हो। मैं जा रही हूं यहां से।" कहते हुए लावण्या ने अपना अलमारी खोला ऊपर से बैग निकाला और अपने कपड़े बैग में डालने लगी। 


     रेहान अपना सर पकड़ लिया। लावण्या गुस्से में अपना सामान पैक कर रही थी। रेहान से जब देखा नहीं गया उसने लावण्या का हाथ पकड़ा और अलमारी की तरफ पक्का देते हुए दीवार से लगा दिया। लावण्या बस उसकी इस हरकत को देख रही थी। रेहान बोला, "यह घर हम दोनों का है। राहुल भी हम दोनों का है मेरे अकेले का नहीं है और ना ही हो सकता है। जितना हक मेरा है उससे कहीं ज्यादा हक तुम्हारा है उस पर! लेकिन तुम खुद सोचो, इतने सालों से लाड प्यार में पला बढ़ा हमारा बेटा एकदम से ऐसे ही हॉस्टल में चला जाएगा तो वह कैसे एडजस्ट करेगा वहां? तुम खुद सोचो लावण्या, एक बार ठंडे दिमाग से सोचो। क्या हम रह पाएंगे अपने बेटे से दूर? क्या तुम वाकई में उसे देखे बिना रह सकती हो?"


     लावण्या ने फीकी हंसी हंसते हुए कहा, "सोचा तो मैंने बहुत कुछ नहीं था रेहान लेकिन जिंदगी ने ऐसे रंग दिखाए मुझे कि लगता है अब मैं किसी पर भरोसा नहीं कर सकती। क्या करूं रेहान! जिन लोगों से मैंने बेइंतहा प्यार किया वह सब मुझे धोखा दिया और मेरा दिल तोड़ दिया है। और मुझे इसका अहसास तक नहीं हुआ। बहुत बड़ी बेवकूफ हु ना! सारी सच्चाई आंखों के सामने होते हुए भी उस पर यकीन करना मुश्किल हो रहा है मुझे। मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा कि मैं क्या करू? अगर तुम्हें लगता है कि राहुल पर हाथ उठा कर मैंने गलती की है तो फिर मैं तुमसे माफी मांगती हूं या फिर राहुल से माफी मांगने को तैयार हूं। लेकिन अगर तुम्हें लगता है कि राहुल ने जो किया वह गलती नहीं गुनाह था तो उससे कहो कि वह मौली से माफी मांगे वो भी सबके सामने और कसम खाए कि वह आइंदा ऐसी कोई हरकत नहीं करेगा।"


    लावण्या की आंखों में दर्द छुपा था जिसे रेहान साफ-साफ देख सकता था।