Chapter 170
YHAGK 169
Chapter
169
रूद्र और शरण्या हनीमून के लिए जा चुके थे। रजत और नेहा भी मौली और राहुल को लेकर उनके पीछे-पीछे एयरपोर्ट तक उन्हें छोड़ने चले गए। उनके जाते ही लावण्या ने अनन्या जी और शिखा जी के सामने घर छोड़ने की बात कह दी थी, साथ ही रेहान से अलग होने की बात भी जिससे वहां मौजूद सभी हैरान परेशान थे। वही कमरे में रेहान को लावण्या की प्रेगनेंसी टेस्ट किट मिली और साथ में तलाक के पेपर भी, जिसे देख रेहान के होश उड़ गए और उसके आंखों के सामने पूरी दुनिया बिखर गई।
लावण्या के प्रेग्नेंट होने का क्या मतलब हो सकता था यह बात हर कोई जानता था। शिखा जी ने गुस्से में रेहान को आवाज लगाई तो रेहान ने वो पेपर्स और टेस्ट किट अपने हाथ में दबोच लिए और गुस्से में कमरे से निकला। उसके नीचे आते हैं शिखा जी ने उसे डांट लगाना शुरू कर दिया।
"क्या है यह सब रेहान? ऐसा क्या हो गया कि लावण्या ने इतना बड़ा फैसला ले लिया? कोई भी प्रॉब्लम इतनी बड़ी नहीं होती जिसे सॉल्व नहीं किया जा सके। कोई भी लड़ाई ऐसी नहीं होती जिसे सुलझाया ना जा सके। आखिर ऐसा क्या हो गया तुम दोनों के बीच जो बात इतनी आगे बढ़ गई?"
रेहान वैसे ही गुस्से में था। अपनी मां से इतनी सारी बातें सुनकर उसने लावण्या की तरफ देखा और अपनी मां से कहा, "मुझसे सवाल करने की बजाए ये बात आप अपनी लाडली बहू से पूछ लेती। वो बेहतर बता सकती है इस बारे में। आखिर ऐसा क्या हो गया जो ये मुझे तलाक देना चाहती है? आखिर ऐसा क्या हो गया जो वो सब कुछ छोड़ कर जाना चाहती है? और जरा यह भी पूछना कि आखिर ऐसा कब और कैसे, क्या हो गया जो वो प्रेग्नेंट हो गई?"
लावण्या की प्रेग्नेंसी की बात सुनकर सभी सकते में आ गए। क्योंकि यह बात हर कोई जानता था कि रेहान अब कभी बाप नहीं बन सकता। मिस्टर रॉय को रेहान की बातों पर यकीन नहीं हुआ। उन्होंने रेहान को डांट लगाते हुए कहा, "अपनी बकवास बंद करो रेहान! अगर लावण्या मेरी बेटी है तो वो तुम्हारी पत्नी भी है। उसके बारे में ऐसा वैसा कुछ भी बोलने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई?"
इससे पहले कि रेहान कोई जवाब देता, लावण्या बोली, "रेहान सही कह रहा है पापा!" यह सुनकर अनन्या जी की आंखें हैरानी से फैल गई। उन्होंने लावण्या की कलाई पकड़ी और अपनी तरफ खींचते हुए बोली, "क्या बकवास किए जा रही है तू? तुझे होश भी है कि तू क्या बोल रही है? इस सब का मतलब भी तुझे पता है? तू जानती है ना कि रेहान कभी बाप नहीं बन सकता।"
लावण्या ने बिना किसी झिझक के कहा, "जानती हु माँ कि रेहान बाप नहीं बन सकता। लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि मैं मां नहीं बन सकती।" यह सुनकर अनन्या जी को गुस्सा आया और उन्होंने लावण्या पर हाथ उठा दिया।
शिखा जी लावण्या का बचाव करते हुए बोली, "यह क्या कर रही हो तुम अनन्या! जवान और शादीशुदा बच्चों पर कोई हाथ उठाता है क्या? तुम होश में तो हो! माना ये तुम्हारी बेटी है लेकिन मेरी भी बहू है। जितना तुम इसे जानती हो उतना मैं भी जानती हूं और एक बात मैं अच्छे से मानती हूं कि लावण्या कभी ऐसी वैसी कोई हरकत नहीं करेगी। जरूर कोई गलतफहमी है। जरूर कोई और बात है जो हम नहीं जानते।" फिर उन्होंने रेहान की तरफ देखते हुए कहा, "रेहान! वो तेरी पत्नी है। तुझ से बेहतर उसे और कोई नहीं समझ सकता। जो भी हुआ वह क्यों हुआ कैसे हुआ ये सब मुझे नहीं पता। मैं सिर्फ इतना जानती हूं कि लावण्या कभी ऐसी कोई हरकत नहीं करेगी जिससे इन दोनों घरों की मान और प्रतिष्ठा पर आच आए।"
अपनी माँ की बातें सुनकर रेहान थोड़ा नरम पड़ा और उसका गुस्सा भी थोड़ा कम हुआ। उसे एहसास हुआ कि जो कुछ भी हुआ उसने लावण्या की कोई गलती नहीं थी और जिसकी गलती थी वो यहाँ नहीं था। वो तो बस जतिन के वापस आने का इंतजार कर रहा था। उसने लावण्या का हाथ पकड़ा और कहा, "लावण्या!! मैं जानता हूं तुम मुझे कभी धोखा नहीं दोगी। जानता हूँ तुम मुझसे बहुत प्यार करती हो। जो भी हुआ उसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं और जिसकी गलती है मैं उसे सजा दिलवाकर रहूंगा यह मेरा वादा है तुमसे। सिर्फ इस बात पर तुम्हें मुझ से अलग होने की कोई जरूरत नहीं। भूल जाओ सब कुछ। हमारा रिश्ता जैसा पहले था वैसे ही होगा, कोई बदलाव नहीं आएगा। इससे ना हमारा प्यार कम होगा। बस मेरी एक बात मान लो। अपना अबॉर्शन करवा लो। उसके बाद सब ठीक हो जाएगा। उस इंसान को मैं छोडूंगा नहीं।"
रेहान की बात सुनकर लावण्या ने रेहान के हाथ से अपना हाथ छुड़ाया और मुस्कुराते हुए बोली, "अबॉर्शन करवा लुँ? तुम्हें चाहते हो मैं इस बच्चे को मार डालूँ? क्योंकि यह बच्चा तुम्हारा नहीं है सिर्फ इसलिए तुम चाहते हो कि मैं अबॉर्शन करवा लू! क्या इस सबसे सब कुछ ठीक हो जाएगा? क्या सब कुछ वापस पहले की तरह हो जाएगा? पिछले कुछ टाइम में तुम मेरे करीब आने से हिचकिचाते रहे हो, क्या इस सब से हमारे बीच सब कुछ ठीक हो जाएगा? ठीक है! मान लेती हूं कि सब कुछ ठीक हो जाएगा। तुम मुझे अबॉर्शन के लिए इसलिए कह रहे हो क्योंकि यह तुम्हारा बच्चा नहीं है और मैं इस बात को समझती भी हूं कि किसी और के बच्चे को अपना नाम देना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन यह बात नहीं समझ में नहीं आ रहा कि तुमने इशिता को अबॉर्शन के लिए क्यों कहा था? वह बच्चा तो तुम्हारा था ना! फिर तुम अपने ही बच्चे को मारने की बात कैसे सोच सकते थे?"
लावण्या के मुंह से यह बात सुनते ही रेहान भौंचक्का रह गया। उसे यकीन नहीं हुआ कि लावण्या को उसके और इशिता के रिश्ते के बारे में पता था लेकिन कब और कैसे? लगनिया की बातें सुन वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें हैरानी से फैल गई। उन्हें यकीन नहीं हुआ जो कुछ भी लावण्या ने अभी-अभी रेहान से कहा था। अनन्या जी ने लावण्या को झन्झोड़ते हुए कहा, "यह क्या बकवास कर रही है लावण्या? होश में आ लावण्या! तू रेहान पर क्या इल्जाम लगा रही है? रेहान और इशिता का क्या रिश्ता है? इशिता का रिश्ता तो रूद्र के साथ था ना! तो फिर इस सब में तू रेहान को क्यों घसीट रही है?"
लावण्या की आंखों में नमी थी और होठों पर दर्द भरी मुस्कान लेकर वह बोली, "रूद्र का इशिता से कोई रिश्ता नहीं था माँ! कोई भी रिश्ता नहीं था। इशिता रूद्र को चाहती थी और शरण्या से नफरत करती थी, बस यही एक रिश्ता था और कुछ नहीं। रूद्र के लिए इशिता की जो चाहत थी उसका फायदा उठाया इस इंसान ने! ये इंसान जो मेरे सामने खड़ा होकर मुझे अबॉर्शन के लिए कह रहा है, उसने उस लड़की को भी यही सब कुछ कहा था। लेकिन उस बच्चे को जन्म देना इशिता की मजबूरी थी। यह बात जब रूद्र को पता चली उसने उस बच्ची के लिए शरण्या को छोड़ दिया। मेरा और रेहान का रिश्ता ना जल जाए, उस आग में उसने अपना और शरण्या का रिश्ता जला दिया, खुद को जला दिया। रेहान के किए की सजा उसने भुगति। उसका हर गुनाह रूद्र ने अपने सर ले लिया किसके लिए? मेरे लिए। क्योंकि मेरी प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेटेड थी। मेरे बच्चे की जान जा सकती थी। रूद्र ने सब कुछ जानते हुए भी चुप्पी साध ली और सारा गुनाह अपने सर ले कर इशिता के साथ यहां से हमेशा के लिए चला गया ताकि शरण्या उसे भूल कर अपनी लाइफ में आगे बढ़ सके। लेकिन क्या हुआ? क्या वो खुद अपनी शरण्या को भूल पाया? नहीं, बिल्कुल भी नहीं! काश! काश माँ मुझे भी कोई रूद्र जितना प्यार करने वाला मिलता। जिस शिद्दत से उसने अपनी शरण्या से प्यार किया इतना प्यार कोई मुझे भी करता। रेहान से मैंने उम्मीद की थी लेकिन वह उम्मीद तो उसमें हमारी शादी से पहले ही तोड़ दी। जिस वक्त मैं रेहान का हाथ थामे सात फेरे ले रही उस वक्त मुझे नहीं पता था कि मेरे साथ इतना बड़ा धोखा हो रहा है। रेहान अच्छे से जानता था कि वह बाप बनने वाला है लेकिन उस बच्चे की मां मैं नहीं थी। मौली रूद्र की बेटी नहीं है मां! मौली रेहान और इशिता की बेटी है। रेहान तो उसे इस दुनिया में आने से पहले ही खत्म कर देना चाहता था लेकिन रूद्र ने बचाया उसे। उस नन्ही सी जान को जिसकी इसमें कोई गलती नहीं थी। रूद्र की भी तो कोई गलती नहीं थी। उसने बस एक गलती की जो वह शरण्या को छोड़कर चला गया। अपनी जिंदगी अपनी खुशियाँ, अपना सब कुछ छोड़ कर चला गया। जब वह आया था ना, तब उसकी हालत देखकर मेरा कलेजा कांप गया था। लेकिन फिर भी मैंने उससे नफरत करना नहीं छोड़ा। इन 8 सालों में रूद्र और शरण्या के साथ इतना कुछ हुआ लेकिन फिर भी इस इंसान का दिल नहीं पिघला। इस इंसान के दिल में जरा सी भी इंसानियत नहीं जागी। जरा सा भी अपराध बोध नहीं हुआ कि उसकी एक गलती ने कितनों की जिंदगियां तबाह कर दी। क्या आप अब भी चाहते हैं कि मैं उस इंसान के साथ एक छत के नीचे रहूं, उसकी बीवी बनकर? आई एम सॉरी मां! लेकिन यह मुझसे नहीं होगा।"
रेहान लावण्या के दोनों कंधे पकड़ते हुए बोला, "किसने कहा तुमसे यह सारी बातें? रूद्र ने? उसी ने कहा होगा। उसके अलावा कोई और तुम्हें यह बात कही नहीं सकता। झूठ बोल रहा है वह। क्या सबूत है उसके पास? इसीलिए तो वापस आया वह उससे मेरी खुशी देखी नहीं जाती ना। तुम उसकी बातों में मत आओ लावण्या और इतनी बड़ी बेवकूफी मत करो। मैं तुमसे प्यार करता हूं लावण्या तुम मेरी बीवी हो। किसी और के साथ मेरा नाम कैसे जोड़ सकती हो? तुम्हारे साथ जो हुआ मैं उसको भूल कर तुम्हारे साथ रहना चाहता हूं। इसके बाद भी तुम मुझ पर ऐसे इल्जाम लगा रही हो। बस बहुत हुआ मुझे और कुछ नहीं सुनना और कुछ नहीं जानना। तुम अभी के अभी यह बच्चा अबोर्ट करवा रही हो बस! उस इंसान को मैं छोडूंगा नहीं। तुम मुझसे दूर जाने की बात मत करो। तुम्हें पता है ना मैं तुमसे कितना प्यार करता हूं।"
लावण्या उसका हाथ झटकते हुए बोली, "इन हाथों से मुझे छूना भी मत रेहान और रूद्र पर तो इल्जाम लगाने की कोशिश भी मत करना। तुम्हारा गुनाह अपने सर लेकर गया था वह। इशिता को रूद्र से मतलब था इसलिए उसने रूद्र को चुना। वह चाहती तो सीधे-सीधे तुम पर इल्जाम लगा सकती थी लेकिन उसे तुमसे कोई मतलब नहीं था और रूद्र.........! उसे अच्छे से पता था कि मेरी कंडीशन क्या थी। उस वक्त उसे जो सही लगा उसने वो किया। इस सब में उसने खुद को खो दिया। जिस वक्त यह सब हुआ तुम यहां नहीं थे लेकिन जब तुम वापस आए तो तुमने जरा सी भी इंसानियत नहीं दिखाई। शरण्या की हालत तुमने अपनी आंखों से देखी थी इसके बावजूद तुमने किसी से कुछ नहीं कहा। शरण्या ने चीख चीख कर कहा था कि वह बच्चा तुम्हारा है फिर भी किसी ने भी उसकी बात का भरोसा नहीं किया। और यह बात किसी और ने नहीं खुद तुमने कही थी रेहान सिंघानिया! गुस्से में इंसान सब कुछ भूल जाता है उसे अपने आसपास की चीजें नजर नहीं आती। इसका मतलब यह तो नहीं कि कोई देखेगा नहीं कोई सुनेगा नहीं। मौली तुमसे नफरत करती है क्योंकि उसे अपनी सच्चाई पता है। मुझे बहलाने की कोशिश मत करना रेहान! तुमने खुद ही एडमिट किया था कि मौली तुम्हारी बेटी है तुम उस के बाप हो। पहले मुझे अजीब लगता था जब भी मौली तुमसे रुखा व्यवहार करती थी तुम्हें नफरत से देखती थी। लेकिन सच कहूं तो जब से सच्चाई मेरे सामने आई है, जितनी नफरत मैं रूद्र से करती थी उससे कहीं ज्यादा नफरत मैंने तुमसे किया है और उससे भी ज्यादा नफरत मैं अपने आपसे करने लगी कि मैंने तुम जैसे इंसान से प्यार किया जिसने मुझे शादी के बाद नहीं बल्कि शादी से पहले ही धोखा दिया। मैं पागल तुम्हारे साथ फेरे लेते हुए अपने आने वाली जिंदगी की खुशियों को महसूस कर रही थी। नहीं जानती थी कि इन खुशियों की नीव तुमने पहले ही खोखली कर दी थी। इस पर सपनों के महल कैसे बन सकते थे? रेहान सिंघानिया! आज से हमारे रास्ते अलग है। हम एक छत के नीचे नहीं रह सकते। मैं तुम्हें अपना जीवनसाथी मानने से इंकार करती हूं।"
रेहान बुरी तरह से घबरा गया। उसे समझ नहीं आया कि वह लावण्या को किस तरह से समझाएं?