Chapter 79
humsafar 79
Chapter
79
अवनी जो कि अपनी ही दुनिया में थी अचानक से वास्तविकता में आई। लक्ष्य की बातों ने उसे बुरी तरह से डरा दिया। उसे एक बार फिर यकीन हो गया कि मॉल में हुआ हादसा कोई हादसा नहीं बल्कि लक्ष्य का सोचा समझा काम था। अवनि के लिए सारांश से बढ़कर और कोई नहीं था और लक्ष्य ने उसे ही चोट पहुंचाने की कोशिश की थी और अब खुलेआम धमकी दे रहा था। लक्ष्य फोन काट चुका था लेकिन अवनि अभी भी उसी तरह शॉक की स्थिति में वही बैठी रही। काव्या को डाउट हुआ तो उसने अवनि के कंधे पर हाथ रखकर पूछा, "क्या हुआ अवनि! तु ठीक तो है, किसका फोन था?"
काव्या की आवाज सुन अवनि होश में आई और खुद को संभालते हुए बोली,"कुछ नहीं दिदु! बस ऐसे ही कोई रॉन्ग नंबर था, पता नहीं कौन था। मैं थोड़ी देर में आती हूं, आप ख्याल रखना अपना।" कहकर अवनि अचानक से वहां से तेजी से निकल गई। काव्या को थोड़ा अजीब लगा।
कमरे मे पहुंच अवनि ने दरवाजा लॉक किया और तेज तेज सांसें लेने लगी। एक डर उसके दिलों दिमाग पर हावी होने लगा। अवनि को समझ नहीं आया कि उस लक्ष्य को उसका नया नंबर मिला तो मिला कैसे! यह नंबर तो सिर्फ कुछ चुनिंदा लोगों को पता था और किसी के पास नहीं था। जब घबराहट ज्यादा बढ़ गयी तो उसने बिना देरी किए सारांश को कॉल कर दिया।
पूरा रिंग होने के बाद भी सारांश ने फोन नहीं उठाया तो अवनि घबरा गई। उसने सारांश के केबिन के लैंडलाइन पर फोन किया। कुछ देर रिंग जाने के बाद सारांश के बजाय किसी लड़की ने फोन उठाया।
"हेलो! हेलो!! सारांश.......!" अवनि ने कहा।
उधर से आवाज आई, "सर अभी मीटिंग में बिजी हैं। अगर कोई मैसेज है तो दे दीजिए मैं सर को दे दूंगी। मैं उनके फाइनेंस डिपार्टमेंट से अलीशा बोल रही हूं।"
"नहीं ऐसी कोई जरूरी मैसेज नहीं है, बस वह जब आए तो उनसे कहना कि मैंने फोन किया था।"अवनी ने कहा
"मैम आप अपना नाम बता दीजिए ताकि मुझे आसानी हो" अलीशा ने कहा।
"मैं उनकी वाइफ बोल रही हूं" अवनि ने कहा तो अलीशा के तेवर बदल गए। "तुम.....! और सारांश की वाइफ....! तुम जैसी लड़कियों को ना मैं बहुत अच्छे से जानती हूं। यहां की आधी से ज्यादा लड़कियाँ सारांश की बीवी बनने के सपने देखती हैं। खबरदार अगर तुमने मेरे सारांश पर नजर भी डाली तो! वह सिर्फ मेरा है!" बोल कर उसने फोन रख दिया।
अलीशा की बात सुन अवनि जो अभी तक घबराई हुई थी वह हैरान हो गई। एक नर्स के सिर्फ घूरने भर से उसे इतना गुस्सा आया था तो यह लड़की तो साफ-साफ उसके पति पर अपना हक जता रही थी तो अब अवनी कैसे बर्दाश्त करती। गुस्से में फोन पर उसकी पकड़ और मजबूत हो गई। वह उसी तरह कमरे से बाहर निकली और नीचे आई। बाहर जाने से पहले एक बार दरवाजे पर ठिठकी और फिर कुछ सोचकर वह काव्या के कमरे में गई।
" दिदु मैं अभी थोड़ी देर में आती हूं। थोड़ा कुछ काम है मुझे।" अवनि ने नॉर्मल होकर कहा तो काव्या ने भी मुस्कुरा कर हां कह दिया। अवनि बाहर निकलकर जैसे ही जाने को हुई, दरवाजे पर दस्तक हुई। एक नौकर ने जब दरवाजा खोला तो सामने दो लड़कियां खड़ी थी वहां पर। अवनि उन दोनों को देखते ही पहचान गई, वह उसकी ही एनजीओ से आई थी। उन दोनों में से एक ने कहा,"भाभी वह सिया मैडम ने कहा था कि आपको मेहंदी लगा दु। कल तीज है ना इसीलिए।"
" लेकिन अभी इस वक्त मुझे किसी काम से बाहर जाना था" अवनि ने थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा।
"कोई बात नहीं भाभी! हमें बस आधा घंटा लगेगा, उसके बाद आप चले जाइएगा। वरना सिया मैडम हमारी क्लास लगा देंगी", दोनों ने हंसते हुए कहा तो अवनि भी बैठ गई मेहंदी लगवाने। जब दोनों ने मेहंदी खत्म कर दी, उसके कुछ देर बाद ही सारांश का ड्राइवर आया उसके लिए खाना ले जाने तो अवनि को बहाना मिल गया सारांश के ऑफिस जाने का। अवनि इस वक्त इतने गुस्से में थी कि अभी इसी वक्त उस लड़की को दो थप्पड़ लगाना चाहती थी।
अवनि ने ड्राइवर से बोल कर खाना गाड़ी में रखवाया और खुद भी आकर बैठ गई। आज पहली बार अवनि सारांश के ऑफिस जा रही थी, इससे पहले वह सिर्फ कार्तिक के ऑफिस गई थी जहां वह पहली बार सारांश से आमने सामने मिली थी। ऑफिस पहुंचते ही वह ड्राइवर उसे सारांश के प्राइवेट लिफ्ट की ओर ले गया। अवनि ऊपर पहुंची तो वह ड्राइवर उसे सीधे सारांश के केबिन की ओर ले गया। केविन के बाहर सारांश का असिस्टेंट नितिन खड़ा था। उसने जब अवनी को देखा तो उसे पहचाना तो नहीं लेकिन अवनि की चाल में जो रौब और गुस्सा था उसे देख उसकी हिम्मत नहीं हुई की वह उसे रोके।
सारांश की मीटिंग अभी थोड़ी देर पहले ही खत्म हुई थी और वह अपने केबिन में लौटा था। जहां अलीशा उसे फाइनेंस रिलेटेड कुछ रिपोर्ट दे रही थी। अवनी ने एक झटके से दरवाजा खोला और अंदर दाखिल हुई। अवनि को इस तरह अचानक से आते देख सारांश चौक गया। अवनि ने देखा वहां पहले से ही दो तीन लोग मौजूद थे जो उसे अजीब नजरों से घूर रहे थे क्योंकि सारांश को इस तरह बिना नॉक किये अंदर आना बिल्कुल भी पसंद नहीं था और सारांश के गुस्से से ऑफिस का हर एक एंप्लॉय वाकिफ था।
एक लड़की को सारांश के केबिन में इस तरह से आते देख अलीशा की भौहें चढ़ गई। सब को लगा कि अब अवनि को डांट पड़ेगी लेकिन गुस्सा होने की बजाय सारांश में केबिन में मौजूद सब को जाने के लिए बोल दिया। किसी को समझ नहीं आया कि आखिर यह लेडी है कौन जिसके लिए सारांश ने इतना इंपोर्टेंट डिस्कसन को बीच में ही बन्द कर दी लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई कि वो सारांश से कुछ पूछ सके।
अवनि को इस तरह अपने ऑफिस में देख सारांश को बहुत अच्छा लगा। उसने अवनि को अपने पास बुलाया तो केबिन में मौजूद सभी लोग एक-एक कर बाहर निकलने लगे। जैसे ही अलीशा बाहर जाने को हुई तभी अवनि ने उसका नाम पुकारा। अवनि ने जब जब केबिन में कदम रखा था तभी उसकी नजर अलिशा पर गई थी। उसके शॉर्ट ड्रेस और मेक अप से भरे चेहरे को देख कर ही अवनि समझ गई थी कि यही वह लड़की है जिसने फोन उठाया था।
अलीशा जाते-जाते रुक गई और उसने पलट कर अवनि की ओर देखा। अवनि ने कहा,"अलीशा!!! तुम्हारे सैंडल बहुत खूबसूरत है लेकिन क्या इससे तुम्हे परेशानी नही होती? मान लो अगर चलते चलते कही लडखडा कर गिर गयी तो? और इतने शॉर्ट और टाइट फ़िटिंग ड्रेस.......! तुम्हें झुकने मे प्रोब्लम नही होती क्या? पता है! ऐसे मे काम पर ध्यान नही जाता।"
अवनि सारांश की ओर मुड़ी और बोली, "सारांश....! आप भी न! बिलकुल भी ध्यान नही देते अपने इंप्लॉयी सब पर! एक काम कीजिए, ऑफिस मे सब को बोल कर हाई हिल और शॉर्ट ड्रेस को बैन करवा दीजिए। देखिए तो कितनी तकलीफ हो रही है उसे ऐसे कपड़ो मे।" कहते ही अवनि सारांश के गोद मे जा बैठी जिससे अलीशा और भी ज्यादा जलभून गयी।
अलीशा ने उम्मीद भरी नज़रों से सारांश को देखा की शायद वह इस बदतमीज़ को डाँट लगाएगा। लेकिन सारांश ने नितिन को बुला कर अवनि के कहे अनुसार ही ऑर्डर दे दिया। अलीशा समझ नही पा रही थी की क्या सच मे ये लड़की सारांश की बीवी है? लेकिन सारांश ने शादी की तो कब?" ऑफिस मे उन दोनोंकी शादी के बारे मे बहुत कम लोग ही जानते थे और वो भी जो सारांश की फैमिली को करीब से जानते थे।
"सारांश.....! मेरा पैर पता नही क्यों बहुत दर्द कर रहा है। शायद सैंडल की वजह से! और मैं इन्हें उतार भी नहीं पा रही, मेरे हाथ में मेहंदी लगी है" अवनि ने अपने चेहरे पर दर्द दिखाते हुए कहा।
सारांश ने कहा, "लाओ मैं उतार देता हूं।" कहते हुए उसने पैर छूने की कोशिश की तो अवनि ने झट से अपने पैर खींच लिए और बोली, "आप मेरे पैर नहीं छू सकते! मुझे अच्छा नहीं लगता! एक काम करते है, अलीशा मेरी सेंडल उतार देगी।" कहते हुए अवनि ने तिरछी निगाहों से अलीशा की ओर देखा जिसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी। उसने एक बार फिर उम्मीद भरी नजरों से सारांश की ओर देखा लेकिन सारांश......!उसकी नजर तो अवनि पर ही टिकी हुई थी।
"मिस अलीशा! अवनि की सैंडल उतार दो!" सारांश ने अलीशा से कहा तो अलीशा का तो मानो अब रो पड़ेगी। इतनी बेज्जती उसकी कभी नहीं हुई थी। उसके पास दूसरा कोई ऑप्शन नहीं था। वह धीरे से चलती हुई आई और अवनि के पैरों के पास बैठ गई। अवनि की नौटंकी से वह इतना तो समझ गई थी कि यह वही है जिसने 1 घंटे पहले सारांश को कॉल किया था और जिसकी उसने बेज्जती कर दी थी और अब वह अपना हिसाब बराबर कर रही है। अलीशा चाह कर भी सारांश के सामने अवनी को कुछ नहीं कह सकती थी। वह यहां काम ही इसलिए कर रही थी ताकि वह सारांश के पास रह सके और किसी भी हालत में वह सारांश उसको नाराज नहीं कर सकती थी।
जैसे ही आलीशा ने अवनि के सेंडल को हाथ लगाना चाहा उसने में झट से अपना पैर खींच लिया और बोली, "तुम जाओ अलीशा! तुम्हारे पास बहुत सारे काम होंगे ना! और हां जाते हुए बाहर डु नॉट डिस्टर्ब का बोर्ड लगा देना" अलीशा ने जैसे ही अवनी की बात सुनी वह झटके से उठी और तेजी से केबिन से बाहर निकलकर फूट-फूट कर रोने लगे। सारांश को किसी और के इतने करीब देख उसे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था लेकिन वह यह जॉब छोड़ कर जा भी नहीं सकती थी। उसने अपने आंसू पोछे और अपने केबिन की ओर निकल गई।
अलीशा के जाने के बाद अवनि ने सारांश की ओर देखा जो उसे ही घूर रहा था। उसने पूछा, "ऐसे क्या देख रहे हो?" सारांश ने कहा,"देख रहा हूं और सोच रहा हूं कि कौन सी अवनी असली है? वो जो कल डरी सहमी सी थी या फिर आज की तेजतर्रार!!!"
अवनि ने उसके गले में बाहें डाल कर कहा,"आप मेरी सबसे बड़ी ताकत है सारांश और मेरी सबसे बड़ी कमजोरी भी। आप मेरे साथ है तो मुझे कोई डर कोई तकलीफ छू नहीं सकती लेकिन जब बात आपकी हो तो जरा जरा सी बात पर भी मेरा दिल घबराता है।" कहते हुए अवनी के कानों में लक्ष्य की आवाज गूंज गयी जिसने सीधे-सीधे सारांश की जान लेने की धमकी दी थी।
" लेकिन क्या किया था इसने?" सारांश ने पूछा तो अवनी ने जवाब दिया,"मेरे सामने कोई मेरे हस्बैंड पर डोरे डाले और मैं उसे छोड़ दू, ऐसा तो हो नहीं सकता!"
" लेकिन यह अचानक मेहंदी क्यों?" सारांश ने पूछा अवनी ने कहा, "वह कल तीज है ना! मा ने बताया! और इसलिए मॉम ने........!" अवनि ने कहा।
"मतलब तुम कल व्रत करने वाली हो!!! तुम्हें पता भी है कितना डिफिकल्ट होता है यह! कर पाओगी तुम?", सारांश ने पूछा तो अवनी ने हां में सिर हिला दिया और बोली," मुझ पर भरोसा नहीं है! मैं कर सकती हूं मिस्टर हसबैंड।" तो सारांश ने कहा, "ठीक है लेकिन एक शर्त पर कि मैं भी तुम्हारे साथ........ अगर तुम्हारे व्रत रखने से मेरी उम्र लंबी होती है तो लंबी उम्र तक जीने के लिए मुझे भी तो तुम्हारे लिए व्रत रखना पड़ेगा ना, ताकि मै बोर ना हो जाऊ।"
"आप भी ना सारांश! सब क्या कहेंगे! " अवनि ने शर्माते हुए कहा और सारांश के सीने में अपना मुंह छुपा लिया। अवनी पहले ऑफिस में कभी नहीं आई थी। इस तरह किसी लड़की का सारांश के प्राइवेट लिफ्ट का यूज करना और सीधे सारांश के केबिन में जाना सब के लिए अजीब बात थी। पूरे ऑफिस में खुसुर फुसुर शुरु हो गई की आखिर यह लड़की है कौन? नितिन जब कैंटिन पहुँचा तो सब ने उसे घेर लिया। सभी की दिलचस्पी अवनि को जानने मे थी। नितिन ने सब को सारांश और अवनि के रिश्ते के बारे मे बताया। नितिन का जवाब सुनकर सब और ज्यादा हैरान हो गए।
अवनि और सारांश ने एक साथ खाना खाया और कुछ देर के बाद अवनि वैसे ही सारांश की बाँह पकड़े बाहर निकली और घर वापस आ गयी। सारांश उसे छोड़ने ऑफिस के बाहर दरवाजे तक आया ताकि ऑफिस का हर स्टाफ उन दोनों को एक साथ देख सके और कोई भी आगे से अवनि के साथ किसी भी तरह की कोई बदतमीजी ना कर पाए। अवनी भी सारांश को अपना ख्याल रखने का बोलकर चली गई। पूरे रास्ते अवनी इसी उधेड़बुन में लगी थी कि क्या सारांश को लक्ष्य के बारे में बताना चाहिए या नहीं। अवनी वैसे ही काफी डरी हुई थी "पता नही सारांश कैसे रिएक्ट करेंगे" सोचते हुए उसने कार के सीट पर अपना सिर टिका दिया और आँखे मूंद ली।
क्रमश: