Chapter 141
YHAGK 139
Chapter
140
मौली के दिमाग में कुछ खुराफात चल रही थी। वह पिछले आधे घंटे से मानव के कान में हेडफोन लगाए उसे कुछ सुना रही थी। मानव बेचारा मौली के साथ बुरा फंसा था। उसने वहां से निकलने की कोशिश की लेकिन मौली ने उसे आंखें बड़ी बड़ी करके डराते हुए कहा, "चुपचाप यहां बैठा रह! वरना मेरे से बुरा कोई नहीं होगा? उस घोंचू को जितना मारा था ना, उससे भी ज्यादा मारूंगी।"
बेचारा मानव! वैसे ही मौली से डरा सहमा सा रहता था, उसकी बातें सुन और भी ज्यादा डर गया और वहीं बैठ गया। वह पिछले आधे घंटे से कुछ सुन रहा था। थक हार कर उसने एक बार फिर कहा, "मौली! मेरे से नहीं होगा!"
मौली अपने दोनों हाथ कमर पर रखते हुए बोली, "तुझे बस शुरू करना है! उसके बाद मैं संभाल लूंगी। तूने ही कहा था ना कि राहुल अपने नए दोस्तों के साथ बिजी है और तुझे भाव नहीं दे रहा! जैसा कह रही हूं वैसा कर फिर देख तेरा चंगू किस तरह तेरे पास लट्टू होकर आता है।"
मानव घबराते हुए बोला, "कहीं कुछ गड़बड़ हो गई तो? मम्मी मुझे बहुत मारेगी। वैसे तो पापा है वहां पर, वह बचा लेंगे मुझे लेकिन फिर भी कुछ पंगा हो गया तो?"
मौली चिढ़कर उसे उंगली दिखाते हुए बोली, "मैं जो कह रही हूं वह सीधा सीधा कर, ज्यादा चपड़ चपड़ करने की जरूरत नहीं है वरना दूंगी एक घुमा के! शांति से जो सुना रही हूं उसकी प्रैक्टिस कर। शुरुआत तुझे करनी है। वैसे भी इस पार्टी में कुछ तो काम होना चाहिए। सब अपने-अपने दुनिया में मगन है किस एंगल से ये नए साल की पार्टी लग रही है? इसलिए मैं कभी डैड की पार्टी में नहीं जाती हूं। इस वक्त तो सिंथिया का भी पता नहीं कहां है! आने दो इसे फिर बताती हूं मैं!"
कुछ देर तक मानव को समझाने और डराने के बाद मौली उसे लेकर सबके पास आई और अपने प्लान को अंजाम देने के लिए उसने सबसे पहले जतिन को पकड़ा। जतिन को पहले तो कुछ समझ नहीं आया लेकिन फिर मौली ने जब अपना प्लान बताया तब उसने भी उसके प्लान में शामिल होने की हामी भर दी और अपने काम के लिए निकल गया।
सब लोग पार्टी में होते हुए भी अपनी दुनिया में मगन थे। मौली मानव को खींचते हुए पार्टी हॉल में लेकर आई। मानव ने फिर कहा, "मुझे बहुत डर लग रहा है मौली! एक बार फिर सोच लो कहीं कुछ गड़बड़ हो गई ना तो पूरी पार्टी खराब हो जाना है।"
मौली गुस्से भरी नजरों से उसे घूरते हुए बोली, "अब इससे ज्यादा और क्या खराब होगी? शायद तेरी कोशिश से यह पार्टी अच्छी हो जाए और तू सबका लाड़ला बन जाए! अपनी मम्मी के पल्लू से निकलो मानव बेटा छोटे बच्चे नहीं हो तुम! तुमसे छोटा एक बेबी आ चुका है इसलिए चुपचाप जो मैं कह रही हूं वह करो और बिहेव लाइक ए मैन!!! अब तुम बड़े हो चुके हो!" कहते हुए मौली ने जतिन को इशारा किया तो उसने पूरे पार्टी हॉल की लाइट ऑफ कर दी।
सभी चौंक गए! क्योंकि इस वक्त 12:00 बजने में अभी काफी टाइम था। इतनी जल्दी लाइट ऑफ होने का क्या मतलब था? सभी आपस में खुशर फुसर करने लगे। उसी वक्त हॉल में लगे एक बड़े से स्क्रीन की लाइट ऑन हुई और हाल के बीचोबीच एक सेंटर लाइट जल उठी। सबने देखा उस सेंटर लाइट में कैरिओके माइक लिए मानव खड़ा था।
म्यूजिक चालू हुआ लेकिन बेचारे मानव की हालत खराब थी। इससे पहले उसने ऐसा कुछ नहीं किया था। वह भी इतने सारे लोगों के सामने! लेकिन उसे कुछ तो करना ही था। उसने एक नजर मौली की तरफ देखा तो मौली ने हाथ उठाकर उसे आशीर्वाद देने की मुद्रा बना दी। स्क्रीन पर जैसे ही म्यूजिक के बाद शब्द आने शुरू हुए, मानव में कैरीओके माइक को कस कर पकड़ लिया और गाना शुरू कर दिया!
ओ हसीना जुल्फों वाली जाने जहां
पार्टी में मौजूद सभी लोग बस मानव को ही देख रहे थे। पुराने गाने ने वहां मौजूद सभी उम्र दराज लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा तो साथ ही जो यंग कपल्स थे वह भी इस गाने को इंजॉय करने में पीछे नहीं थे। जैसे ही मानव की लाइन खत्म हुई मौली ने उसके हाथ से माइक छीना और बड़ी ही अदाओं से आगे की लाइन गाने लगी
वह अनजान हूं ढूंढती हूं
दीवाना ढूंढती हु
जला कर जो छुप गया है
वह परवाना ढूंढती हूं
मानसी तो बच्चों की बलाये लेते नहीं थक रही थी। मौली ने तो जैसे शमा ही बांध दिया था। उसकी अदाए इतनी खूबसूरत थी मानो वह कोई हीरोइन हो। सभी इंजॉय कर रहे थे लेकिन तभी मानसी की नजर विहान पर गई जो किसी लड़की से बात कर रहा था और वह लड़की बार-बार विहान को टच करने की कोशिश कर रही थी। अब इस पार्टी में वह विहान पर गुस्सा नहीं हो सकती थी लेकिन वह उसे ऐसे छोड़ भी नहीं सकती थी। उसने मौली के हाथ से माइक लिया और आगे की लाइन गाई
गर्म है तेज़ है यह निगाहें मेरी!
उसका निशाना सीधे-सीधे बिहान था। विहान भी समझ गया कि उसकी वाट लगने वाली है। उसने जल्दी से मुस्कुराते हुए आगे की लाइन कहा
काम आ जाएगी शर्द आहें मेरी
अनन्या जी ने गाया "तुम किसी राह में तो मिलोगे कहीं"
मिस्टर रॉय ने भी उनका साथ देते हुए गाया
इश्क हूं मैं कहीं ठहरता ही नहीं
लावण्या ने उनके हाथ से माइक छीना और लहराते हुए आगे की लाइन गाने लगी
मैं भी हूं गलियों की परछाई कभी यहां कभी वहां
वाकई में मौली का यह आईडिया काम कर गया था और अभी तक जो लोग बस एक दूसरे से सिर्फ बातें कर रहे थे वह सभी खड़े होकर इस परफॉर्मेंस को इंजॉय कर रहे थे और साथ ही खुद भी इसमें शामिल होना चाहते थे। मानव और मौली ने मिलकर जो शुरू किया था वह वाकई में कमाल का था। मानव ने सर झुका कर मौली कों थैंक्यू कहा और उसके आईडिया पर उसकी तारीफ की, तो बदले में मौली ने उसे गले लगा लिया। उन दोनों को इतना खुश देख कर राहुल जल भून कर रह गया।
वो भागते हुए मानव के पास आया और बोला, "तू इस चांडाल ने के साथ क्या कर रहा है? तुझे याद है ना यह कितनी खतरनाक है, जंगली लड़की!"
मानव उसका हाथ छुड़ाते हुए बोला, "पहले तू बता, तू यहां क्या कर रहा है? तेरे सारे दोस्त वहां तुझे ढूंढ रहे होंगे। तु जा अपने दोस्त के साथ इंजॉय कर। मैं किसी के साथ भी रहूं तुझे उससे क्या मतलब? मैंने एक बार भी कहा तुझे तो फिर तू मुझे क्यों बोल रहा है? मैं और मौली अब बेस्ट फ्रेंडस् है। मुझे नहीं चाहिए तेरी फ्रेंडशिप, तू जा यहां से। मौली! हम लोग ही चलते हैं यहां से।" कहते हुए उसने मौली का हाथ पकड़ा और वहां से लेकर चला गया।
मौली ने भी जाते जाते राहुल को मुंह चढ़ा दिया जिससे राहुल बहुत ज्यादा गुस्सा हो गया। "तुझे......! तुझे तो मैं देख लूंगा जंगली लड़की! तू रुक, मैं तेरे साथ क्या करता हूं! हर बार बचती आई है ना तू! इस बार नहीं बचेगी!"
शरण्या बहुत ज्यादा खुश थी और रूद्र के लिए इससे बड़ी बात और कुछ हो ही नहीं सकती थी। पार्टी में चार चांद लग चुका था और सबके चेहरे पर एक बड़ी सी स्माइल थी। रूद्र शरण्या के पास आया और बोला, "देखा मेरी बेटी को!! कितने अच्छे से डांस करती है।"
शरण्या तिरछी नजरों से उस पर तंज कसते हुए बोली, "हां! जैसे तुझे डांस करना बड़ा आता है। वह मेरी बेटी है मुझ पर गई है। शक्ल भले तेरी तरह हो लेकिन तू भी यह मानता है कि उसकी सारी हरकतें और सारी आदतें मेरी तरह है तो इसका क्रेडिट मुझे मिलना चाहिए।"
रूद्र ने अपना निचला होंठ भींच लिया और मुस्कुरा दिया। कुछ देर बाद एक बार फिर लाईट बंद हुई और सिर्फ एक लाइट रुद्र पर पड़ी जो कि ठीक सेंटर में खड़ा था। शरण्या ने तो बस यूं ही मजाक में उसे कहा था लेकिन रूद्र भी ये मौका कहां गांवाने वाला था। बरसों हो गए थे उसे डांस किए हुए। एक वक्त था जब वह और रेहान एक साथ स्टेज पर परफॉर्म करते थे, फिर चाहे वह स्कूल में हो कॉलेज में या फिर किसी भी फेस्टिवल में।
एक बार फिर रेहान ने भी उसका पूरा पूरा साथ दिया। उन दोनों ने ही "इश्क वाला लव" गाने पर लिरिकल् डाँस से वह समां बांधा कि सब थिरकने से खुद को रोक नहीं पाए। एक बार फिर रूद्र और रेहान वापस से पहले की तरह एक दूसरे का साथ दे रहे थे और उन दोनों की ये जुगलबंदी कमाल की थी। डांस करते हुए रूद्र ने शरण्या को अपना प्यार जताया तो रेहान भी कहां पीछे रहने वाला था
लेकिन लावण्या इस बार चाह कर भी मुस्कुरा नहीं पाई और जिस वक्त सभी का ध्यान कहीं और था उसी वक्त मौका पाकर लावण्या वहां से बाहर निकल गई।
रजत पहली बार अपने आर एस को रूद्र बनते हुए देख रहा था। उसके लिए बिल्कुल नया था। डांस परफॉर्मेंस खत्म होने के बाद रूद्र ने बॉल यानी कि माइक रजत के हाथ में पकड़ा दी और आंख मार कर उसे इशारा किया। अब जबकि माइक रजत के हाथ में थी तो सबका ध्यान रजत पर ही था कि अब वो क्या करने वाला था। आगे क्या कोई परफॉर्मेंस थी या कुछ और, सभी यह जानने के लिए बेचैन थे।
रजत पहले तो घबराया हुआ था। जाहिर सी बात थी। शरण्या अब और ज्यादा उत्सुक हो गई यह जानने के लिए कि आखिर रजत क्या करने वाला था? जिसके लिए वह इतनी देर से परेशान था। रजत ने चारों ओर नजर दौड़ाई और फिर सबके बीच आकर बोला, "जैसा कि नया साल शुरू हो रहा है! सब की लाइफ में अच्छा हो और सब की लाइफ में खुशियां आएं इससे ज्यादा बेस्ट विशेज् और कोई क्या दे सकता है। मैं उम्मीद करता हूं कि सब की लाइफ में खुशियां आए और साथ ही मुझे भी मुस्कुराने का मौका मिले तो फिर चलो एक काम करते हैं। शुरुआत कहां से की जाए........ कहां से की जाए..........!" कहते हुए उसने चारों ओर नजर दौड़ाना शुरू किया तो रूद्र ने चिल्लाते हुए कहा, "डॉ नेहा.......!"
रजत को यही तो चाहिए था और रूद्र ने उसका काम आसान कर दिया था। रजत नेहा के पास आया और उसके सामने घुटने के बल बैठ गया। रूद्र मुस्कुरा दिया और मन ही मन डोला, "डायरेक्ट छक्का मारने की फिराक में है बेटा! कहीं विकेट ना गिर जाए! पैड हेलमेट तो लगा के रखा होता।"
नेहा हैरानी से रजत की तरफ देख रही थी और सबकी नजरें नेहा पर ही टिकी थी। रजत ने माइक तस्कर पकड़ा और थोड़ा डरते डरते बोला, "अ.........! शुरू करने से पहले एक रिक्वेस्ट है! अगर आप अपनी सैंडल उतार दे तो!"
नेहा हैरान होकर बोली, "इसमें मेरी सैंडल का क्या काम?"
रजत बोला, "प्लीज! यह रूल है!"
शरण्या आवाज देते हुए बोली, "कम ऑन नेहा! रूल इज रूल! उतार दे सैंडल!"
नेहा ने भी हिचकीचाते हुए अपने दोनों पैरों में से सैंडल निकाल दी तो रजत ने एक झटके से उन सैंडल को लिया और रूद्र की तरफ सरका दिया। रूद्र ने भी पैरों से उन सैंडल्स को समेट लिया। नेहा और बाकी के लोग अब और भी ज्यादा क्यूरियस थे यह जानने के लिए कि आगे रजत क्या करने वाला है। रजत अपना दिल थामकर एक गहरी सांस ली और अपना जेब टटोलने लगा। नेहा हर एक सेकंड में ना जाने क्या क्या सोचने लगी थी। उसे सारा माहौल बहुत अजीब लग रहा था और ऐसे में जब सब की नजर सिर्फ उस पर टिकी हुई थी तो उसे और भी ज्यादा अनकंफरटेबल महसूस हो रहा था। उसे परेशान होता देख रजत ने अपनी जेब से एक छोटी सी अंगूठी निकाली और नेहा की उंगली में पहनाते हुए बोला, "विल यू मैरी मी डॉ नेहा? क्या आप मुझसे शादी करोगी?"
नेहा का दिल धक से रह गया। उसने बिल्कुल भी उम्मीद नहीं की थी कि रजत ऐसा कुछ करेगा। शरण्या भी इस सब से बहुत ज्यादा हैरान थी लेकिन साथ में उसे खुशी भी थी कि उसकी सहेली के लिए रजत जैसा लड़का मिला था। लेकिन शरण्या अभी भी कंफ्यूज थी। उसने पूछा, "वह सब तो ठीक है लेकिन तुमने सैंडल क्यों उतरवाए?"
रजत ने सर झुका लिया और नेहा के जवाब का इंतज़ार करने लगा।