Chapter 128
YHAGK 127
Chapter
127
शरण्या और रूद्र को कमरे में बंद कर शिखा जी बाहर निकल गई। रेहान अपने कमरे की ओर तरफ बढ़ा। अपने नींद में खलल पड़ने से वह वैसे ही चीडचीड़ाया हुआ था, उसने चिढ़ते हुए कहा, "बोला था मैंने, रूद्र है वहां पर वह संभाल लेगा। इतने दिनों से वही संभाल रहा है। हॉस्पिटल में उसके साथ था फिर भी तुम्हें चिंता हो रही थी। बेवजह जगा दिया मुझे। ऑफिस का काम कम होता है जो घर में भी टेंशन! कल सुबह ऑफिस निकलना है मुझे। तुम्हें रुकना है अपनी बहन के साथ तो तुम रुक सकती हो लेकिन इस तरह मुझे डिस्टर्ब मत किया करो।"
शिखा जी जो नीचे अपने कमरे की ओर जा रही थी, उनके कानों में जब रेहान के शब्द पड़े तो उनसे बर्दाश्त नहीं हुआ। वह पलट कर आई और बोली, "रेहान.......!"
रेहान ने जब अपनी मां की आवाज सुनी तो उनकी ओर देखते हुए बोला, "जी माँ! बुलाया आपने! कुछ बात करनी थी?"
शिखा जी ने सख्त लहजे में कहा और नीचे की तरफ चली गई। रेहान ने लावण्या को कमरे में जाकर सोने को कहा और खुद अपनी मां के पीछे नीचे चला गया। शिखा जी पीछे तरफ के गार्डन का दरवाजा खोल कर खड़ी हो गई। रेहान उनके पीछे आया और बोला, "आपने बुलाया माँ! कुछ जरूरी बात थी? हम कल सुबह भी तो बात कर सकते थे!"
शिखा जी गुस्से में उसकी तरफ पलटी और बोली, "तुम्हें अपने अलावा कोई और नजर नहीं आता है ना रेहान! बहुत बड़े हो चुके हो तुम! किसी की तकलीफ से तुम्हें कोई फर्क नहीं पड़ता! बस तुम्हें अपने अलावा और कोई दिखाई नहीं देता। रूद्र ने तुम्हें साफ साफ जवाब दिया था। आज तुमने मौली के साथ जो किया वह दोबारा ना हो! खुद में और उस में फर्क तुम्हें सब समझ आ रहा होगा। तुम सब मिलकर भी एक अच्छी खासी कंपनी को चला ना सके और रूद्र अकेला उसने अपनी बच्ची को भी संभाला और एक अच्छी खासी कंपनी खड़ा कर दी। वह हर मामले में तुमसे बेहतर है। उससेे हमेशा चिढ़ते रहे हो तुम। बचपन से लेकर आज तक क्या कुछ नहीं किया उसने तुम्हारे लिए! खुद की जिंदगी दांव पर लगा दी उसनें। इसके बावजूद तुम्हारा असली रंग देखने को मिल रहा है। अब भी वक्त है रेहान सुधर जाओ वरना तुम्हारी हरकतें एक दिन खुद तुम्हारा कच्चा चिट्ठा सबके सामने लाकर रख देगी। दिक्कत तो यही है कि हम लोग सारा सच जानते हुए भी किसी से कुछ कह नहीं सकते लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमारी चुप्पी को तुम हमारी कमजोरी समझो और अपनी मनमानी करो! रूद्र और शरण्या इस वक्त जिन हालातों से गुजर रहे हैं उसके जिम्मेदार तुम हो! लेकिन रूद्र तुम्हें कभी कोई दोष नहीं देगा। शरण्या की हालत का जिम्मेदार वो खुद को मानता है। अगर वह नहीं गया होता तो शरण्या के साथ ये सब कुछ कभी नहीं होता। लेकिन वह गया क्यों? इसलिए ताकि तुम्हारे और लावण्या के रिश्ते में कभी कोई प्रॉब्लम ना आए! खुद को झोंक दिया उस आग में ताकि तुम्हारा और लावण्या का रिश्ता ना जल जाए!"
रेहान गुस्से में बोला, "बहुत महान है ना वो! इसलिए सब कुछ छोड़ कर चला गया। मुझ पर एहसान किया उसने! तो फिर वह वापस क्यों आया? तब उसे ख्याल नहीं आया कि मेरे और लावण्या के रिश्ते में प्रॉब्लम हो सकती है! इतने सालों के बाद उसका खुद का मन बदल गया है। उसने कहा था जब शरण्या मिल जाएगी तब वह चला जाएगा लेकिन मुझे नहीं लगता वो यहां से जाएगा। मेरे और लावण्या के बीच में दरार डाल कर रहेगा वो। जिस तरह उसनें मौली के मन में मेरे खिलाफ जहर घोला है वैसे ही लावण्या को भी मेरे खिलाफ कर देगा। किसी न किसी तरीके से वह लावण्या को सब सच बता देगा। मौली मेरी बेटी है माँ! मेरा अपना खून है! जिस तरह से वो नफरत भरी नजरों से मुझे देखती है, आज जिस तरह उसने मेरे साथ बर्ताव किया, जिस तरह की बातें उसने मुझसे कहीं, दिल दुखता है मेरा! आखिर बाप हूं मैं उसका!"
शिखा जी गुस्से में उसकी आंखों में आंखें डाल कर बोली, "मेरे सामने कह दिया तुमने! यह बात रूद्र के सामने बिल्कुल मत कहना और मौली के सामने तो भूलकर भी नहीं! सारा सच पता है उसे, सब जानती है वह। इतने सालों तक उसने अपने डैड को तकलीफ में देखा है इसीलिए नफरत करती है वह तुमसे। जिस सच को रूद्र ने बरसों तक उस से छुपा कर रखा, वह सच यहां आते ही मौली को पता चल गया। तुम्हारी वजह से जाने कितनी जिंदगियां बर्बाद हो गई! आज तुम्हें एहसास हो रहा है कि वो तुम्हारी बेटी है? तब कहां गया था यह एहसास जब तुमने इशिता को अबॉर्शन के लिए फोर्स किया था! अपने गुनाहो को छुपाने के लिए तुम उस बच्ची को इस दुनिया में आने ही नहीं देना चाहते थे। तुम उसे खत्म कर देना चाहते थे और रूद्र ने उसकी जान बचाई। उसे नई जिंदगी दी, उसे इस दुनिया में लेकर आया, उसके लिए रूद्र ने अपना सब कुछ खो दिया। अपना परिवार, अपना प्यार, अपनी जिंदगी, अपने सपने, सब कुछ छोड़ कर चला गया फिर भी तुमसे उसे कोई शिकायत नहीं। आज मौली की आंखों में अपने लिए नफरत देख रहे हो तो तुम्हें तकलीफ हो रही है? आइंदा कभी मौली को अपनी बेटी कहने की गलती मत करना वरना ना ही रूद्र बर्दाश्त करेगा और ना ही मौली!"
रेहान बोला, "वह सिर्फ एक गलती थी मां! उसे जिंदगी भर अपने कंधों पर ढोने वाला नहीं था मैं। कहा था उससे, अगर उस पागल बेवकूफ लड़की ने अबॉर्शन करवा लिया होता तो किसी को भी इतनी प्रॉब्लम नहीं होती। और मैंने तो रूद्र से नहीं कहा था इतना बड़ा त्याग करने को! उसने जो किया अपनी मर्जी से किया तो इसके लिए आप मुझे ब्लेम नहीं कर सकती।"
शिखा जी से बर्दाश्त नहीं हुआ और वह बोली, "सही कहा तुमने! तुम्हारी कोई गलती नहीं है! कुछ भी नहीं किया तुमने, सारी गलती तो रूद्र की है ना! जिस इशिता के साथ एक रात में ही तुम अपने और लावण्या के रिश्ते को भूल गए उसी इशिता के साथ रूद्र ने पूरे एक साल गुजारे है। इसके बावजूद उसने कभी अपनी बीवी से बेवफ़ाई नहीं की।"
रेहान ने कुछ कहना चाहा तो शिखा जी अपना हाथ ऊपर कर उसे बोलने से रोक दिया और कहा, "रात बहुत हो चुकी है, अब तुम्हें सोना चाहिए। कल तुम्हें ऑफिस भी तो जाना है। क्योंकि आखिर ये घर तुम्हारे रहमों करम पर ही तो चल रहा है।" कहकर शिखा जी वहां से चली गई।
जाते जाते भी उन्होंने रेहान को ऐसा ताना मारा की वो बस तिलमिला कर रह गया। अंधेरे में खड़ी लावण्या की आंखों से आंसू बह निकले। आखिर बरसों बाद सच्चाई उसके सामने आ ही गई थी। रेहान ने गुस्से में दरवाजा बंद किया जिसकी आवाज से लावण्या होश में आई और इससे पहले कि रेहान उसे देखता, वह जल्दी से अपने कमरे की तरफ भागी।
रेहान जब अपने कमरे में पहुंचा उस वक्त लावण्या आंखें बंद कर बिस्तर पर लेटी हुई थी। रेहान को लगा वो सो गई है इसलिए उसने अपनी साइड की लाइट बंद की और सो गया। कंबल के अंदर अपनी सिसकियों को थामे लावण्या पूरी रात रोती रही। अब तक जो कुछ भी हुआ था जो कुछ भी रूद्र ने किया अब जो कुछ भी उसने रूद्र के साथ किया, वह सब उसकी आंखों के सामने आ रहे थे। जब शरण्या ने खुलकर रूद्र का साथ दिया, और ये तक कहा कि वह बच्चा रेहान का है, तब उसी ने शरण्या पर हाथ उठा दिया था।
लावण्या खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रही थी। उसे आगे क्या करना चाहिए कुछ समझ नहीं आ रहा था। अब जाकर उसे सारी कड़ियां जुड़ते हुए नजर आ रही थी। शादी से पहले रेहान ने उसे रिलेशनशिप के लिए फोर्स किया था लेकिन वो नहीं मानी। फिर एकदम से अगले ही दिन रेहान का बर्ताव एकदम से बदल गया! यानी पूरी रात रेहान इशिता के साथ था? शरण्या को अपने प्यार पर यकीन था और उसे भी। लेकिन जितने अच्छे से शरण्या अपने रूद्र को जानती थी वह तो अपने रेहान को जरा सा भी नहीं जान पाई। उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा कि उसका रेहान उसे धोखा दे सकता है। ऐसे इंसान के लिए उसने कभी अपनी बहन पर हाथ उठाया था। जिस रूद्र को गलत समझती रही, वो बस उसके लिए सब कुछ छोड़ कर चला गया! शरण्या के लिए उसका प्यार, उसकी परवाह को अब तक एक नाटक ही समझती रही। कितनी बड़ी बेवकूफ थी वह! उसे समझ नहीं आ रहा था अब उसे आगे क्या करना है? अब जाकर उसे अपनी मां का दर्द महसूस हो रहा था। जब उसकी माँ शरण्या से नफरत करती थी और लावण्या इस बात के लिए अपनी मां से लड़ जाती थी, सोचते सोचते उसका मन भारी हो गया और सुबह कब हो गई पता ही नहीं चला।
लावण्या उठी, उसने अपने कपड़े बदले और जॉगिंग के लिए निकल गई। इस वक्त अपने कमरे में उसे बुरी तरह से घुटन महसूस हो रही थी। घर में सभी आराम से सो रहे थे। लावण्या को किसी भी चीज की परवाह नहीं थी। वो आराम से घर से बाहर निकल गई। उसके मन में बहुत सी बातें घूम रही थी। उसे थोड़ा बहुत शक तो हुआ था लेकिन वह समझ नहीं पाई थी। रूद्र के आने पर जो बातें खुलकर उसके सामने आई थी उसे लेकर वह पूरी तरह से श्योर नहीं थी। उसने 8 साल पुरानी ऑफिस के मीटिंग रूम की सीसीटीवी फुटेज निकलवाने की कोशिश की लेकिन उस दिन की वह फुटेज रेहान ने पहले ही डिलीट करवा दी थी।
चाह कर भी लावण्या को उस फुटेज का बैकअप नहीं मिल पाया था लेकिन एक उम्मीद अभी भी बाकी थी। उस दिन का ऑडियो रिकॉर्डिंग! जिसकी पूरी सेटिंग रेहान ने ही करवाई थी और शायद वह मिलने की उम्मीद थी। लावण्या ने जल्दी से अपना फोन निकाला और उस इंसान को कॉल किया।
पूरी रिंग जाने के बाद उस आदमी ने फोन उठाया और बोला, "सॉरी मैडम! वह पिछले काफी दिनों से आप ही के काम में लगा हुआ था, इसलिए थोड़ी आंख लग गई।"
लावण्या के पास वक्त नहीं था। उसने उस आदमी से कहा, "मुझे कोई बहाना नहीं सुनना है। तुम बस साफ साफ यह बताओ कि मेरा काम हुआ या नहीं? क्या आज भी तुम्हारे पास मुझे देने के लिए कोई खबर नहीं है?"
दूसरी तरफ से वह आदमी बोला, "अरे नहीं मैडम! वीडियो रिकॉर्डिंग तो डिलीट हो गई थी, वह भी परमानेंट रूप से। लेकिन जो ऑडियो रिकॉर्डिंग थी, वह पूरी तरह से डिलीट नहीं हुई थी। उसका बैकअप मुझे मिल गया है और उसी को निकालने की कोशिश कर रहा था। आज मेरे पास आपको देने के लिए अच्छी खबर है। मैं वह रिकॉर्डिंग आपको भेज रहा हूं, आप खुद सुन लीजिए और मेरे पैसे मुझे टाइम पर चाहिए।"
लावण्या बोली, "तुम्हें तुम्हारे पैसे मिल जाएंगे, उसकी चिंता मत करना। बस मुझे वह रिकॉर्डिंग चाहिए।" कहते हुए उसने फोन रख दिया। 2 मिनट के अंदर ही लावण्या के फोन पर एक नोटिफिकेशन आया। उसने खोलकर देखा तो एक रिकॉर्डिंग थी जिसे उसके ईमेल एड्रेस पर भेजा गया था। लावण्या ने अपना ब्लूटूथ ऑन किया और रिकॉर्डिंग खोल कर बैठ गई।
उस दिन रूद्र के आने से लेकर उसके वापस जाने तक की सारी रिकॉर्डिंग मौजूद थी। रूद्र और रेहान के बीच की सारी बातें लावण्या बिना किसी प्रॉब्लम के सुन पा रही थी। सारी तस्वीर अब लावन्या के आँखो के सामने थी। सारी बातें सुनने के बाद जितनी नफरत वो रूद्र से करती थी, उससे भी कहीं ज्यादा नफरत उसे अब रेहान से हो गयी थी। उसकी आँखों से आँसू बह निकले।