Chapter 44
humsafar 44
Chapter
44
अवनि तैयार होकर निकली तो सारांश शरारत भरी नज़रों से उसे देखने लगा। रेड कलर के गाउन जो सारांश लेकर आया था, मे अवनि बहुत प्यारी लग रही थी। सारांश भी ब्लैक रेड का सूट मे उसको मैच कर रहा था। ड्रेस बिलकुल फ़िटिंग होने की वजह से अवनि थोड़ी अनकम्फर्टेबल हो रही थी लेकिन सारांश को देख वह समझ गयी की वो बहुत अच्छी लग रही है। अवनि को थोड़ा अजीब लगा तो उसने पूछा, "ये ड्रेस मेरे साइज से एकदम परफेक्ट है। लेकिन आपको कैसे पता चला?"
सारांश ने आँखे गोल घुमाई और बोला,"वो कल तुम्हे हग किया था न, तो पता कैसे नही चलेगा!"
"लेकिन शादी का लहंगा भी एकदम परफेक्ट साइज मे था। वो कैसे भला? थोड़ा बहुत समझ मे आता है लेकिन इतना नही। अब मुझे सच सच बताओ की तुम्हे कैसे पता चला?" अवनि ने सख्ती से पूछा।
सारांश ने मासूम से शक्ल बनाया और बोला, "वो जब तुमने काव्या के बुटीक मे अपना नाप दिया था न......! तो मैंने उसी वक़्त उस टेलर को ही किडनैप करवा लिया था। उसीसे पता चला था।" अवनि सारांश की बातों से हैरान रह गयी। उसका दिल किया सारांश को डाँट लगाए लेकिन उसका मासूम सा चेहरा देख हमेशा की तरह फिर पिघल गयी।
सारांश मुस्कुरा दिया और घडी की ओर देख चलने को कहा तो अवनि उसे रोकते हुए बोली, "कल चित्रा जा रही है। क्या....... क्या उससे आज बात करनी होगी? क्या आप बात करेंगे उससे?"
"डोन्ट वरी! वो कहीं नही जा रही। " सारांश ने कहा।
"लेकिन उसने कहा था सुबह की फ्लाइट है, और उसके और जीजू के बीच जो कुछ भी है वो जानना भी तो जरूरी है।" अवनि ने कहा।
"वो नही जायेगी, मै जानता हु। और उसके और कार्तिक के बीच की बात बाद मे पहले मुझे ये जानना है की तुम्हारे और कार्तिक के बीच क्या चल रहा है।" सारांश ने कहा तो अवनि थोड़ी सहम गयी। फिर बात घुमाते हुए बोली, "मेरे और जीजू के बीच क्या चल रहा? कुछ भी तो नही!!!"
"तो फिर तुम दोनो मे बात क्यों बन्द है?" सारांश ने सीधा सा सवाल किया। अवनि चुप रह गयी, उसके पास इस सवाल का जवाब नही था और जो जवाब था उसे सारांश को अच्छा नही लगता। कुछ देर चुप रहने के बाद अवनि ने कहा, "इस बारे मे बाद मे बात करे!! चित्रा इंतज़ार कर रही होगी, पहले वहाँ हो कर आते है फिर मुझे आप को कुछ बताना भी है।"
सारांश ने भी हाँ मे सिर हिलाया और उसे लेकर बाहर निकला फिर बड़े अदब से अवनि के लिए गाड़ी का दरवाजा खोला। अवनि भी मुस्कुरा कर अंदर बैठी लेकिन मन ही मन सोचने लगी की वह सारांश को अपने पास्ट के बारे मे सब कुछ बता देगी। कुछ ही देर मे दोनो एक नाइट क्लब के बाहर थे। ये चित्रा के पसंदीदा जगहों मे से एक था। क्लब के बाहर ही कार्तिक और काव्या भी मिल गए। सारांश और अवनि की तरह सफेद रंग के आउटफिट मे थे। कमी बस इतनी थी कि काव्या ने अपना चूड़ा उतार दिया था।
अवनि की नज़र जब काव्या के खाली हाथों पर गयी तो उसने टोका लेकिन उसका यूँ टोकना काव्या को अच्छा नही लगा। वह तुनक कर बोली, "अब तु भी मत शुरू हो जाना। वैसे ही घर मे कम लेक्चर सुनने को मिला है! अरे यार ऐसे ड्रेस मे चूड़ा कौन पहनता है! सब तेरी तरह गवार नही है।"
अवनि ने आगे कुछ नही कहा। सारांश ने भी उसे चूड़ा उतारने को कहा था लेकिन सुहाग की निशानी इतनी जल्दी उतारना उसे सही नही लगा। जाने क्यों उसे सारांश और इस शादी से जुडा हर एक चीज उसे अच्छा लगने लगा था। उसने एक नज़र सारांश को देखा जो साथ अंदर चलने को कह रहा था। अवनि ने आगे बढ़कर सारांश का हाथ पकड़ा और उसकी उंगलियो मे अपनी उंगलियाँ फसा ली।
सारांश को अवनि की ये हरकत अच्छी लगी। शादी के बाद ही सही, ये अवनि की तरफ से लिया गया पहला कदम था। अवनि ने दूसरे हाथ से भी सारांश का वही हाथ पकड़ लिया और उसकी आँखों मे देखने लगी। सारांश का यूँ धीरे धीरे प्यार मे आगे बढ़ना अवनि को अच्छा लगता था लेकिन लक्ष्य नाम का एक डर उसके मन मे बसा हुआ था कि जाने सारांश कैसे रिएक्ट करे। सारांश ने उसकी आँखों मे वो एक डर महसूस किया लेकिन उस वक़्त कुछ नही कहा और उसे लेकर अंदर चला आया।
कार्तिक और काव्या पहले ही अंदर जाकर बैठ चुके थे। सारांश और अवनि ने भी अपनी जगह संभाल ली। मानव और श्रेया तो पहले ही वहाँ पहुँच चुके थे लेकिन जिसके लिए सब आये थे वो ही गायब थी। कार्तिक और बाकी सब की निगाहें चित्रा को ढूँढने मे लगी लेकिन सारांश आराम से बैठा अपने फोन मे लगा था। शनिवार होने की वजह से क्लब मे काफी भीड़ थी और डांस फ्लोर के पास तो कुछ ज्यादा ही शोर शरबा हो रहा था।
"ये चित्रा कहा रह गयी? हमे यहाँ बुलाकर खुद गायब है।" कार्तिक ने चारों ओर नज़र दौड़ा कर कहा।
"ठीक से देख!! ! वो हम सबसे पहले ही यहाँ आई है।" सारांश ने बिना किसी की ओर देखे कहा तो सबने चारों ओर देखा लेकिन किसी को भी चित्रा नज़र नही आई। तभी श्रेया डांस फ्लोर की ओर उंगली उठाकर चिल्लाई, "चित्रा.....!" सब की नज़र उस ओर उठ गयी जहाँ एक शॉर्ट ड्रेस मे एक लड़की पूरी टल्ली होकर नाच रही थी। वो लड़की चित्रा ही थी। कार्तिक ने उसे इस तरह से देखा तो उसे यकीन नही हुआ। चित्रा कभी लड़कियो वाले कपड़े नही पहनती थी और ऐसे शॉर्ट ड्रेस मे उसे देखने की तो उम्मीद भी नही की थी। " खैर आजकल बहुत कुछ ऐसा हो रहा है लाइफ मे जो अनएक्सपेक्टेड है" सोच कार्तिक ने अपने होंठो को भीच लिया।
चित्रा पूरी तरह से टल्ली होकर नाच रही थी की तभी वह लड़खड़ाई। कार्तिक ने देखा एक लड़के के उसे गिरने से बचा लिया और चित्रा उसकी बाहों मे झूल रही थी। कार्तिक को अच्छा नही लगा तो वो चित्रा की ओर बढ़ने लगा लेकिन सारांश ने उसे रोक लिया। "लेकिन सारांश वो लड़का!!! पता नही कौन है किस इरादे से है? चित्रा को यूँ किसी के साथ छोड़ना सही नही होगा।" कार्तिक ने चिंता जताई।
"डोंट वरी! मै जानता हु वो कौन है और चित्रा भी अच्छे से जानती है उसे।" सारांश ने बड़े आराम से कहा।
"कौन है वो जिसे तुम दोनो जानते हो लेकिन मै नही जानता?" कार्तिक ने पूछा।
"याद है चित्रा ने किसी निक्षय के बारे मे बताया था। ये वही है।" सारांश ने कहा तो कार्तिक को ध्यान मे आया। ये नाम वो कैसे भूल सकता था। चित्रा के मुह से ये नाम सुन नाजाने क्यों लेकिन अजीब सा लगा था। आज वो निक्षय उसके सामने खड़ा चित्रा को बाहों मे थामे डांस कर रहा था। कार्तिक का ध्यान काव्या पर नही था जो अपने वाइन का चौथा ग्लास खाली कर चुकी थी।
सारांश ने दो ग्लास वाइन ही लिया लेकिन अवनि को बिलकुल भी मन नही था लेने का तो किसी ने भी उसे फोर्स नही किया। मानव और श्रेया तो एक ही ग्लास के लिए झगड़ पड़े। कुछ ही देर बाद चित्रा को लेकर निक्षय सबके बीच पहुँचा और चित्रा को वही बैठा दिया। निक्षय एक खूबसूरत व्यक्तित्व का मालिक था। लंबा कर, चौडा सीना गोरा रंग, भूरी आँखे और हल्के घुंघराले बाल। श्रेया तो देखते ही फ्लैट हो गयी।
निक्षय ने भी सबको बारी बारी से हैलो किया और अवनि को देखकर कुछ देर के लिए उसकी आँखे उसके गले मे पड़े उस पेंडेंट पर ठहर गयी। जिसे अवनि ने गलत समझ लिया और असहज हो गयी। कार्तिक ने सवालिया नज़रों से सारांश को देखा तो सारांश ने बताया की निक्षय ही उनके नये प्रोजेक्ट का नया इन्वेसटर है। जब चित्रा ने उसका नाम लिया था तभी वो समझ गया था की वो किसके बारे मे बात कर रही थी
सबने कुछ देर मस्ती की फिर कार्तिक काव्या को लेकर घर चला गया। सारांश ने श्रेया और मानव के लिए कैब बुक कर घर भेजा । सारांश चित्रा को लेकर घर जाना चाहता था लेकिन चित्रा को नही जाना था। उसने सारांश को उसका वादा याद दिलाया की आज उसे कोई रोक टोक नही करेगा। लेकिन सारांश को उसकी फिक्र हो रही थी तो निक्षय ने चित्रा की जिम्मेदारी लेते हुए उसे अवनि को घर लेकर जाने को कहा।
सारांश अवनि को लेकर घर की ओर निकला। तभी रास्ते मे हल्की बारिश की फुहार पड़ने लगी। अवनि को पहले बारिश बहुत ज्यादा पसंद थी। उसका दिल किया तो विंडो ग्लास नीचे कर अवनि ने हथेली बाहर निकाल ली और पानी इकट्ठा कर सारांश के उपर उछाल दिया। सारांश ने भी उसे एक टेढ़ी नज़र से देखा तो अवनि खिलखिला कर हँस पड़ी। सारांश ने भी कुछ सोच कर साइड मे गाड़ी रोक दी। रात का वक़्त था और रास्ता सूना था। अवनि का चेहरा देख वह समझ गया था की वो नशे मे है लेकिन उसके सामने तो नही पी थी।
सारांश गाड़ी से उतरा और दूसरी तरफ से जाकर दरवाजा खोल दिया। अवनि ने आँखे मटका कर उसे देखा लेकिन उसकी समझ मे कुछ नही आया। बारिश हल्की बूँदाबांदी से तेज होकर सड़क भिगो चुकी थी। सारांश ने अवनि को गोद मे उठाया और बाहर निकाल लाया। अब दोनो ही बारिश मे भीग रहे थे। अवनि ने जो पानी का छिटा सारांश को मारा था उसके बदले सारांश ने अपने साथ पूरा भिगो दिया। रात का सन्नाटा, बारिश की फुहार, वाइन का नशा और सारांश की नजदीकियां...! ये सब मिलकर अवनि पर एक अलग ही खुमारी छाने लगी थी। उसने धीरे से सारांश का चेहरा अपने एक हाथ मे लेकर कहा, "आप जानते है आप कितने अच्छे है!!! आप की आँखे.......! जब पहली बार इन्हे करीब से देखा था न, तभी डूब गयी थी इनमें, सागर से भी गहरी है आपकी आँखे। इनमे इतना नशा है की किसी और नशे की जरूरत ही नही।"
अवनि की बात सुन सारांश का दिल किया अभी उसे चूम ले लेकिन इस वक़्त अवनि होश मे नही थी इसीलिए उसने वापस अवनि को गाड़ी मे बैठाया और ड्राईव् करने लगा। अचानक ही उसने अवनि से एक सवाल किया, "अवनि....! शादी से ठीक पहले कार्तिक ने अकेले मे तुमसे क्या कहा था?" अवनि के चेहरे पर कई तरह के भाव आ जा रहे थे। उसे समझ नही आया की क्या कहे।
क्रमश: