Chapter 178

Chapter 178

YHAGK 177

Chapter

 177




 शरण्या का जो प्लान था उसे देख लावण्या से कुछ कहते नहीं बन रहा था। वह बस यही सोच रही थी कि अगर रूद्र को इस बारे में पता चल गया तब वो क्या करेगा। शरण्या को इसकी बहुत बड़ी सजा मिलेगी लेकिन वह खुद रूद्र से कैसे नजरे मिलाएगी? यह उसे समझ नहीं आ रहा था। क्योंकि शरण्या ने लावण्या को जो लिंक भेजा था वह किसी शॉपिंग साइट का नहीं बल्कि एक डेटिंग साइट की थी और शरण्या जितनी आसानी से "आर्डर" करने की बात कर रही थी असल में वह किसी और के साथ डेट पर जाने की बात कर रही थी और अपने साथ लावण्या के लिए भी डेटिंग पार्टनर सुन रही थी। 


      लावण्या ने घूरकर शरण्या को देखा जिसके चेहरे पर एक शैतानी मुस्कुराहट थी। लावण्या ने अपने दोनों बाजूओं को फोल्ड किया और सख्त लहजे में कहा, "शरण्या! बहुत हो गया मजाक अब तुम जाओ अपने कमरे में। मुझे बहुत काम है मैं पहले उसे खत्म करूंगी उसके बाद सोने जाऊंगी। वैसे ही आज बहुत ज्यादा थकी हुई हूं। किसी भी मजाक के मूड में नहीं हूं मैं तुम निकलो अभी के अभी, फटाफट!"


     लावण्या ने जिस तरह दरवाजे की तरफ उंगली दिखाई शरण्या का चेहरा उतर गया। वह मुंह लटकाए खड़ी हुई और कमरे से बाहर चली गई। लावण्या ने दरवाजा बंद किया और उसके चेहरे पर हल्की शैतानी मुस्कुराहट थी। उसने वो लिंक रूद्र को भेज दिया और साथ में यह भी लिख दिया कि शरण्या क्या करना चाह रही थी। 


     रूद्र बाथरूम से बाहर निकला। आज उसने काफी देर से अपना फोन चेक नहीं किया था और फोन भी साइलेंट पर ही था। बैटरी थोड़ी डाउन थी तो रूद्र ने उसे चार्ज में लगा दिया। उसी वक्त उसकी नजर लावण्या के भेजें उस मैसेज पर गई। रूद्र ने जब देखा तो उसकी भौंहे चढ़ गई। इसी वक्त वह शरण्या से मिलकर यह सारी बातें क्लियर करना चाहता था और ऐसा सोचने के लिए भी उसे सजा देना चाहता था लेकिन अपनी तरह से। 


     कुछ सोच कर उसने फोन साइड में रख दिया और मुस्कुराकर खुद से बोला, "कोई बात नहीं शरण्या! मुझसे दूर जाकर तुम अपनी लाइफ अपने तरीके से इंजॉय करना चाहती हो ना! एक बार करके दिखाओ मैं तुम्हारी क्या हालत करूंगा ये तुम सोच भी नहीं सकती। तुमने मेरे अलावा किसी और के बारे में सोचा भी कैसे? इसकी सजा तुम्हें जरूर मिलेगी, बराबर मिलेगी लेकिन फिलहाल मुझे रेहान के साथ रहना है वरना इस वक्त तुम मेरे सामने घुटने के बल होती। कोई बात नहीं। आज नहीं लेकिन तो कल मैं जरूर आऊंगा।" रूद्र ने अपनी हथेलियों को आपस में रगड़ा और कुछ सोचते हुए वह वापस रेहान के कमरे में आया। 


     रेहान अपने बिस्तर पर जाने वाला था। इससे पहले कि वह बिस्तर पर जाता रूद्र कूदकर कंबल के अंदर घुस गया। रूद्र को इस तरह अपने बिस्तर पर देख रेहान ने कंबल खींचकर साइड कर दिया और बोला, "तु निकल यहां से। मेरे कमरे में तू क्या कर रहा है? देख रूद्र! अगर तू सोच रहा है कि तू यहां मुझे आज रात कंपनी देगा तो ये मैं बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करूंगा। इसीलिए अभी के अभी मेरे कमरे से निकल जा।"


     रूद्र उठ कर बैठ गया और ताना देते हुए बोला, "अच्छा बेटा! अभी कुछ देर पहले क्या बोल रहा था? तूने इतनी पी क्योंकि तुझे संभालने के लिए मैं था। पिछले लगभग 12 घंटे से तू मेरे साथ है तब तुझे एक बार भी ख्याल नहीं आया। अब मैं तेरी प्राइवेसी डिस्टर्ब कर रहा हूं? अब तुझे मेरी जरूरत नहीं है। तेरा नशा उतर गया लगता है अगर नहीं उतरा तो आजा मैं उतारता हूं।"


     रेहान ने कुछ देर बिना किसी भाव के उसे देखा और फिर एकदम से बोला, "तुझे पता है ना! मैंने अभी अभी कहां उल्टी की! चल आज 12 घंटे से मैं तेरे साथ हूं तूने मुझे एक पल के लिए भी नहीं छोड़ा इस बात पर एक चुम्मी तो बनती है।" कहते हुए रेहान ने अपनी बाहें फैलाई और रूद्र की तरफ लपका। रूद्र को एकदम से याद आया और वह फुर्ती से बिस्तर से कूद पड़ा। रेहान जब तक बिस्तर पर आता तब तक रूद्र दरवाजे तक पहुंच गया था। उसने दरवाजा खोला और कहा, "तेरी चुम्मी तुझे मुबारक हो। आज तक मेरी चुम्मी नहीं ली तूने तो मैं तेरी चूम्मी क्यों लूं? तु रख अपनी अपने पास। गुड नाइट।" रूद्र ने दरवाजा बंद कर दिया और अपने कमरे में चला गया। 




    लावण्या अपने कमरे में सोने की तैयारी कर रही थी। उसने लाइट ऑफ कर दिया था लेकिन ना जाने उसे जा महसूस हुआ उसने उठ कर जाकर बालकनी का दरवाजा खोला। ठंडी हवाओं ने उसका स्वागत किया। अपने आप को बाहों में समेट कर लावण्या ने बालकनी से बाहर चारों ओर नजर दौड़ाई। अचानक एक जगह जाकर उसकी नजर ठहर गई। कुछ देर एक तक उस ओर देखने के बाद लावण्या वही बालकनी में रखें कुर्सी पर बैठ गई। ना उसे नींद आ रही थी ना ही उसका मन हो रहा था कि वह उठकर अपने कमरे में जाए। वह वही रहना चाहती थी। उसने वही कुर्सी से सर टिका कर आंखें मूंद ली। 


     सड़क के किनारे कुछ दूर पर एक गाड़ी खड़ी थी उसके अंदर बैठे एक शख्स की नजर लावण्या पर टिकी थी। वह रेहान था जो एकटक लावण्या को देखे जा रहा था। उसे घर जाने का बिल्कुल भी मन नहीं था उसने सोचा नहीं था कि यहां वो एक बार लावण्या को देख भी पाएगा। घर के अंदर जाने की उसकी हिम्मत नहीं थी ऐसे में बाहर बैठकर इंतजार करने के अलावा उसके पास और कोई रास्ता नहीं था। 


    कमरे की लाइट ऑफ हो चुकी थी। यह देख कर रेहान को पूरा यकीन हो गया कि आज की रात वो लावण्या को नहीं देख पाएगा लेकिन फिर भी उसने उसका इंतजार करना नही छोड़ा। उसकी किस्मत इतनी भी खराब नहीं थी। कुछ देर के बाद ही लावण्या उसे बालकनी में नजर आई। वह तो बस अपनी लावण्या को जी भर कर देख लेना चाहता था। वो नहीं जानता था कि लावण्या वहाँ बैठी रह जाएगी। अपनी बीवी को इतनी दूर से देख कर उसे इतना अच्छा लग रहा था। जब तक उसके सामने थी वह भी वहीं बैठा रहा। 


     लावण्या बस आंखें मुंदे वहां बैठी रही इस इंतजार में कि जब रेहान यहां से जाएगा तब वह अपने कमरे में जाएगी। लेकिन ना रेहान वहां से हटा और ना ही लावण्या। दोनों पूरी रात एक दूसरे की नजरों के सामने होते हुए भी दूर बैठे रहे। दूर होकर भी वह दोनों आज करीब थे। 




     आधी रात से ज्यादा का वक्त हो चुका था। शरण्या अपने कमरे में सो चुकी थी। अचानक से उसे किसी की पकड़ अपने ऊपर महसूस हुई। शरण्या ने जल्दी से आंखें खोल दी। उसने हैरानी से अपने सामने उस चेहरे को देखा और घबराते हुए बोली, "तुम यहां? डरा दिया तुमने मुझे। लेकिन तुम इस वक्त यहाँ क्या कर रहे हो? तुमने कहा था ना कि तुम रेहान के साथ रहोगे इसलिए तुमने पूरा टाइम मुझे कॉल तक नहीं किया और मैंने डिस्टर्ब करना सही नहीं समझा तो अब क्या करने आए हो यहां पर?"


     रूद्र उसे अपनी बाहों में भर कर शिकायती लहजे में बोला, "वो क्या है ना! पूरा दिन मैं रेहान के साथ था थोड़ा बिजी था। मैंने सोचा भी तुम्हें मैसेज करू, कॉल करू फिर मुझे लगा कि तुम लावण्या के साथ बिजी होगी। लेकिन मुझे क्या पता चलता है कि मेरे एक दिन कॉल या मैसेज ना करने से मेरी बीवी इतनी डेसपरेट हो गई कि वह डेटिंग साइट से किसी यंग लड़के को ढूंढ रही है। यह तो गलत बात है, बहुत गलत बात है। इसका मतलब यह हुआ कि या तो मेरी बीवी मुझसे बोर हो गई है या फिर उसे थोड़े ज्यादा एक्सरसाइज की जरूरत है। यू नो बेड टाईम एक्सरसाइज!"


     शरण्या को समझते देर न लगी कि उसके और लावण्या के बीच की बात रूद्र तक कैसे पहुंची। उसने घबराते हुए कहा, "ये तुम क्या बात कर रहे हो? मैं तुम्हारे अलावा कभी किसी और के साथ डेट पर जाने का सोच भी कैसे सकती हूं। तुम खुद सोचो ना! हमारी अभी अभी शादी हुई है ऐसे में किसी और का ख्याल भी मेरे मन में कैसे आ सकता है और यह सब कुछ जो भी मेरा प्लान था वह तो सिर्फ लावण्या दी के लिए था वरना मुझे क्या जरूरत है इस सब की। मैं तो बस दिदु को चीयर अप करना चाहती थी।"


     रूद्र उसे टेढ़ी नजर से देखा और बोला, "लेकिन मैं कैसे यकीन कर लूं? हो सकता है तुम्हारे मन में यह बात आई हो। सोचने वाली बात है कि तुम्हारे मन में यह बात आई तो आई कैसे? हाँ माना हम दोनों ही 30 पार कर चुके हैं लेकिन मुझे लगा कि मेरा स्टैमिना अभी काफी अच्छा है तो क्यों ना आज रात ट्राई किया जाए। मैं भी तो देखूं मैं अपनी बीवी को खुश कर पाता हूं या नहीं बस। लेकिन एक बात दावे से कह सकता हूं कल सुबह के बाद तुम्हारे दिल में गलती से भी इसका ख्याल नहीं आएगा और किसी और के साथ डेट पर जाने का तो सोचना भी मत।"


     शरण्या रूद्र की आंखों में उसके इरादे साफ समझ रही थी। उसने मौका देखते ही खुद को रुद्र की पकड़ से छुड़ाया और कमरे से भागने को हुई। उसे अच्छे से पता था आज रूद्र उसके साथ क्या करेगा। जिससे वह बचना चाहती थी लेकिन उससे पहले कि वो दरवाज़े तक पहुंच पाती एक बार फिर रूद्र ने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और बिस्तर पर पटक दिया। 


     अपनी शर्ट के बटन खोलते हुए रूद्र ने एक तीखी मुस्कान के साथ कहा, "आज मैं साबित कर सकता हूं कि मुझ में अभी भी उस 25 साल वाले रूद्र जितनी एनर्जी है। अब जब तुमने मिक्सी के जार में सर रख ही दिया है तो स्विच ऑन करने से डरना क्यों?"


    शरण्या ने घबरा कर जल्दी से खुद को कंबल के अंदर छुपा लिया। आज की रात काफी भारी पड़ने वाली थी।