Chapter 112
YHAGK 111
Chapter
111
तीन दिनों के बाद ईशान को मिस्टर सिंधिया के असिस्टेंट का फोन आया और उसने कहा, "मिस्टर ईशान वालिया! अगर आप चाहें तो अभी आप आर एस को अपना प्रपोजल दिखा सकते हैं। अगले आधे घंटे में मिस्टर सिंधिया एयरपोर्ट के लिए निकलने वाले हैं और यहां से एयरपोर्ट पहुंचने में 2 घंटे लग जाएंगे। शायद 2 घंटे आपके लिए काफी होगा अपना प्रपोजल उन्हें दिखाने में और उनका अप्रूवल लेने में। आपके पास ये गोल्डन चांस है। मैंने बड़ी मुश्किल से उन्हें मनाया है। अगर यह मौका आपने खो दिया तो इसके बाद आर एस आपको हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट कर देंगे। अब सब कुछ आपके हाथों में है। अगर आप चाहते हैं तो जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी आप यहां आ जाइए वरना इसके बाद मैं भी कुछ नहीं कर पाऊंगा।"
ईशान ने जब सुना तब वह हड़बड़ाते हुए उठा और फोन रख कर उसने जल्दबाजी में फाइल ढूंढा। लैपटॉप और फाइल हाथ में लेकर ईशान अपने केबिन से बाहर आया और गाड़ी में बैठते हुए बोला, "रूद्र.....! होगे तुम कोई बिजनेसमैन या कोई आर्टिस्ट लेकिन आज जो मैं करने जा रहा हूं उसके बाद अरे तुम्हारे पास कितने भी पैसे क्यों ना हो अपनी फैमिली को और उसके डूबते कोई बिजनेस को तुम कभी नहीं उबार पाओगे। तुम्हारी पूरी फैमिली सड़क पर आ जाएगी उसके बाद तुम संभालते रहना अपनी फैमिली को और मैं संभालूंगा अपनी शरणया को। उप्स...... सॉरी! तुम्हारी बीवी को!!" कहकर ईशान जोर से हंस पड़ा।
36 वर्षीय मिस्टर रजत सिंधिया अपने ऑफिस से निकल कर गाड़ी में बैठे और ड्राइवर से चलने को कहा। ट्रैफिक में फंसे होने के कारण ईशान को ऑफिस पहुंचने में थोड़ी सी देर हो गई। गनीमत यह रही कि मिस्टर सिंधिया अभी अपने ऑफिस के दरवाजे पर ही थे। उनकी गाड़ी अभी ऑफिस गेट से बाहर नहीं गई थी। ईशान ने जल्दी से अपनी गाड़ी का दरवाजा बंद किया और चाबी गार्ड की तरफ देखते हुए वह सीधे मिस्टर सिंधिया के गाड़ी के सामने खड़ा हो गया।
अचानक ब्रेक लगने से मिस्टर सिंधिया नाराज हुए और उन्होंने अपने ड्राइवर को डाँटते हुए कहा, "इस तरह ब्रेक लगाते हैं क्या? इतने साल हो गए अभी तक तुम्हें गाड़ी चलाने नहीं आई?"
ड्राइवर बोला, "सर वह गाड़ी के सामने कोई खड़ा है इसलिए.........! सॉरी सर!"
मिस्टर सिंधिया का असिस्टेंट बोला, "यह मिस्टर ईशान वालिया है। हमने उनके साथ डील करने की बात की थी और उस दिन आप इन्हीं से मिलने वाले थे। इतने में ईशान दौड़ता हुआ आया और उनके खिड़की की तरफ नॉक करते हुए बोला, "सर मैं आप का ज्यादा टाइम नहीं लूंगा। बस थोड़ी देर के लिए आप एक बार मेरी बात सुन ले और मेरा प्रजेंटेशन देख ले तो!!!! मैं आपका ज्यादा वक्त नहीं लूंगा, प्लीज सर! सिर्फ एक आखरी बार! अगर मैं आपको कंवेंस नहीं कर पाया तो फिर मैं दोबारा नहीं आऊंगा।"
मिस्टर सिंधिया ने एक तिरछी नजर अपने असिस्टेंट को देखा। असिस्टेंट समझ गया कि मिस्टर सिंधिया को सब कुछ पता चल गया है। उन्होंने ईशान को अंदर गाड़ी में बैठने को कहा। ईशान खुश होकर गाड़ी में बैठा और अपना लैपटॉप फाइल वगैरह सब कुछ उनके सामने खोल कर रख दिया।
गाड़ी तेजी से एयरपोर्ट की ओर जा रही थी। ईशान ने एक-एक कर सारा प्लान सारी डिटेल उन्हें समझाते रहा। मिस्टर सिंधिया काफी इंप्रेस्ड हुए। ईशान के प्रोजेक्ट में जो बारीकिया उन्होंने देखी वह उन्हें काफी पसंद आई। पूरा प्रेजेंटेशन देखने के बाद उन्होंने ईशान से कहा, "आपका आइडिया तो काफी अच्छा हैं। क्या ये ओरिजिनली आप ही का आईडिया है?"
ईशान बोला, "हां सर! मैंने इस फाइल पर दिन रात मेहनत की है। मुझे पता है इसके बारे में। मेरा मतलब मैंने बनाया है यह फाइल।" ईशान साफ साफ झूठ बोल गया जबकि वह अच्छे से जानता था कि इस पर सिर्फ रेहान की मेहनत थी।
गाड़ी एयरपोर्ट पर पहुंच चुकी थी। मिस्टर सिंधिया गाड़ी से उतरते हुए बोले, "मिस्टर वालिया आपका प्रेजेंटेशन मुझे बहुत अच्छा लगा। हम आपके साथ बिजनेस जरूर करना चाहेंगे लेकिन हमारे भी कुछ उसूल है जिसके बारे में आपको पूरी डिटेल दे दी जाएगी। आपकी जानकारी के लिए फिलहाल में इतना बता दू कि हम किसी से पार्टनरशिप नहीं करते बल्कि उस पार्टनरशिप के बदले हम उस कंपनी के आधे से ज्यादा शेयर अपने पास रखते हैं, एक सिक्योरिटी के तहत। हमें ऐसा करना पड़ता है। काम पूरा होते ही वो सारे शेयर कंपनी को हम वापस लौटा देते हैं। इससे फायदा यह होता है कि जिस कंपनी के साथ हम इंवॉल्व होते है वह अपने प्रोजेक्ट को आधा अधूरा नहीं छोड़ता। अगर आपको मंजूर हो सिर्फ 2 दिनों के बाद मैं वापस इंडिया लौट रहा हूं। उस वक्त हम यह डील साइन कर सकते हैं। वैसे आज तक हमने जिससे भी साथ काम किया है उन्हें कभी हमसे शिकायत नहीं हुई है और हम भी पूरी इमानदारी रखते हैं। आप भी अच्छे से सोच लीजिए। आपकी कंपनी के 51% शेयर की कीमत यही करीब पर 400 करोड़ होगी और जिस प्रोजेक्ट को लेकर आप मेरे पास आए हैं उस पर हम ग्यारह सौ करोड़ इन्वेस्ट करना चाहेंगे। सोच लीजिए आपके पास 2 दिन का वक्त है।"
ईशान ने जब सुना तब थोड़ा चौक सा गया। आखिर पार्टनरशिप के बदले अपनी कंपनी के 51% शेयर किसी और कंपनी के नाम कर देना एक लिहाज से बेवकूफी होती। लेकिन इस कंपनी ने जितनी तेजी से ऊंचाई हासिल की थी और जैसा इनके काम करने का तरीका था उस लिहाज से ईशान को इसमें कोई बुराई नजर नहीं आया। लेकिन फिर भी उसे इस बारे में अपने सारे इन्वेस्टर्स और बोर्ड मेंबर्स को भी तैयार करना था। आखिर जिस प्रोजेक्ट को उसने पाँच सौ करोड़ के हिसाब से तैयार किया था उस पर मिस्टर सिंधिया खुद से ग्यारह सौ करोड़ लगाने वाले थे।
ईशान उसी वक्त ऑफिस के लिए निकल गया और उसने बोर्ड मेंबर्स की एक मीटिंग बुलाई। सारे बोर्ड मेंबर्स और इन्वेस्टर्स को इस बारे में खबर कर दी गई। ईशान को बस उन्हें कंवेंस करना था ताकि वह रॉय और सिंघानिया पर ऐसी चोट कर सके जिससे वह जिंदगी भर ना उबर पाए। शरण्या को दूर भेज कर उसने वैसे ही आधी जंग लगभग जीत ही ली थी।
अगले दिन ही उसने सारे मेंबर्स और इन्वेस्टर्स को मीटिंग रूम में इकट्ठा किया और अपनी पूरी प्लानिंग बता दी साथ ही आर एस के प्रपोजल के बारे में भी बताया। उसकी बात सुनकर ही सारे लोग उसके खिलाफ खड़े हो गए। आखिर कंपनी के 51% शेयर किसी और के हवाले कर देना वह भी सिर्फ एक पार्टनरशिप के नाम पर वह भी सिर्फ एक प्रोजेक्ट के लिए, यह काम काफी खतरनाक था।
ईशान बोला, "यह सिर्फ एक प्रोजेक्ट के लिए है और उनके काम करने का तरीका भी यही है ताकि उनका कोई भी प्रोजेक्ट अधूरा ना रहे। हम एकदम प्रॉपर कॉन्ट्रैक्ट के तहत ये काम करेंगे जिससे कि हमारी कंपनी को कोई नुकसान ना हो। वैसे भी हम इतने टाइम से उन लोगों के साथ काम करने को बेचैन थे। एक बार इस बारे में सोच कर देखिए। हमारी पूरी लीगल टीम यह कॉन्ट्रैक्ट पेपर तैयार करवाएगी या फिर आर एस की टीम हमें जो भी कॉन्ट्रैक्ट पेपर देगी हम उसे अपने लीगल एडवाइजर की पूरी टीम के साथ डिस्कस करेंगे उसके बाद ही यह कॉन्ट्रैक्ट साइन करेंगे। उन्होंने मुझे अपने कॉन्ट्रैक्ट की एक कॉपी भेजी है। मैंने उसे हमारे लीगल टीम से वेरीफाई करवाया है। उनकी नजरों में भी इस कॉंटेक्ट में कोई हिडेन क्लोज नहीं है और एक लिहाज से यह काफी हद तक सही भी है। अगर हम यह कॉन्ट्रैक्ट साइन करते हैं तो फायदा सिर्फ हमारा है। वह लोग हमारे इस प्रोजेक्ट में हमारे डिमांड से कहीं ज्यादा पैसा लगाने को तैयार है। ऐसा क्लाइंट ऐसा इन्वेस्टर और ऐसा पार्टनर कहीं नहीं मिलेगा यह बात आप लोग अच्छे से जानते हैं। इसलिए कह रहा हूं, हमारे पास यह सुनहरा मौका है। अगर किसी भी तरह की कोई भी गड़बड़ी होती है तो सारी जिम्मेदारी मेरी होगी और यह मैं लिख कर देता हूं।"
काफी देर समझाने के बाद भी जब सभी ने सहमति ना बनी तो वोटिंग कराई गई। काफी सारे मेंबर ऐसे थे जो ईशान के कहे पर चलते थे और उस पर आंख मूंदकर भरोसा करते थे। वोटिंग के बाद रिजल्ट यही निकला, ईशान जैसा चाहता था वैसा ही होगा और कंपनी के 51% शेयर उस ऑस्ट्रेलियन कंपनी और आर एस के हवाले किए जाएंगे।
ईशान अपनी प्लानिंग से बहुत ज्यादा खुश था। बस एक बार यह डील हो जाए उसके बाद वह अलायंस ग्रुप के जितने भी शेयर उसके पास थे वह सारे आधे पौने दाम में बेचने की फिराक में था। जिससे उन लोगों के पास कंपनी की कोई अथॉरिटी ना रह जाए और सड़क पर आ जाए।
इधर रूद्र भी काफी परेशान था। उसने हर मुमकिन कोशिश की ताकि वह हॉस्पिटल के टॉप फ्लोर तक हो सके और वह छानबीन कर सके। ईशान ने वहां पर कुछ भी बदलाव नहीं होने दिए थे और जैसा चल रहा था वैसा ही चलने दिया ताकि अगर कभी रूद्र को गलती से खबर लग भी गई तब भी उसके हाथ कुछ ना लगे और रूद्र को कभी पता ही ना चल सके की शरण्या कहां है!
काफी मशक्कत के बावजूद रूद्र वहां पर पहुंचने में नाकामयाब रहा। ईशान को रूद्र की हर हरकत के बारे में अच्छे से पता था। उसके आदमी रूद्र के हॉस्पिटल आने से लेकर वापस जाने तक की सारी खबर उसे दिया करते थे और वो अपने ऑफिस में बैठा बैठा खुश होता था। आखिर रूद्र को बेवकूफ बनाने में उसे मजा जो आता था।
वही नेहा परेशान थी। बड़ी मुश्किल से उसने शरण्या को अब तक ईशान के गंदे इरादों से बचा रखा था और अबतक उसे होश में नहीं आने दिया था। लेकिन अब जबकि शरण्या हीं उसके पास नहीं है तो ऐसे में अगर इस बीच उसे होश आ जाता है तब वह क्या करेगी? नेहा सोच सोच कर परेशान हो रही थी। ईशान के चंगुल में वो कुछ इस तरह से फंसी थी कि चाह कर भी ना वो खुद निकल सकती थी ना ही शरण्या को निकाल सकती थी और ना ही रूद्र को शरण्या का पता दे सकती थी। फिलहाल तो उसे खुद भी शरण्या के बारे में नहीं पता था। सिवाए भगवान से प्रार्थना करने के नेहा और कुछ नहीं कर सकती थी।
उस रोज भी रूद्र हॉस्पिटल में ही था और वहां से घर वापस आने को था तभी विहान पर उसकी नजर गई। उसने विहान के कंधे पर हाथ रखा तो वह चौक पर पलटा और रुद्र को सामने देख हैरान रह गया। वह बोला, "तू यहाँ क्या कर रहा है? सब ठीक तो है? घर में सब ठीक है?
रुद्र बोला, "सब ठीक है बस हाथ की थोड़ी ड्रेसिंग करवानी थी। छोटी सी चोट लग गई थी इसलिए आया था। तू बता तू यहां क्या कर रहा है? मानसी ठीक तो है?"
विहान बोला, "उसी को लेकर आया हूं। एकदम से उसे लेबर पेन शुरू हो गया। हमें लगा शायद पिछली बार की तरह होगा लेकिन डॉक्टर ने कहा कि अभी डिलीवरी करनी होगी। मैंने नेहा को फोन कर दिया है वह आती ही होगी। मेरा ध्यान ही नहीं रहा। मैं मॉम को कब से फोन कर रहा था लेकिन उनका फोन ही नहीं लग रहा है। डैड भी इस वक्त शहर में नहीं है। मानसी की कुछ जरूरी चीजें लेने घर जाना था और समझ नहीं आ रहा था कि मैं कैसे जाऊं। मानसी को यहां अकेले छोड़ भी नहीं सकता।"
रूद्र बोला, "तू घबरा मत, मैं हूं यहां पर! कोई भी जरूरत होगी तो मैं तुझे कॉल कर दूंगा। तू जा और मानसी की जो भी चीजें हैं वह लेते आ। इस वक्त वो भी जरूरी है। यहां की टेंशन मत लेना मैं सब संभाल लूंगा।"
विहान को तसल्ली हुई और वह उसी वक्त हाथ में पकड़े सारे पेपर रूद्र के हाथ में पकड़ा कर वहां से निकल गया। रूद्र भी वहां रुका नहीं और सीधे मानसी के पास गया। मानसी इस वक्त ऑपरेशन थिएटर में थी और डॉक्टर उसके साथ में थी। नेहा अभी आई नहीं थी।
रुद्र को नेहा से बहुत जरूरी बात करनी थी लेकिन क्या नेहा उसे खुलकर कुछ बताएगी? यही सोचकर रूद्र परेशान हो रहा था। रुद्र इतना तो जानता था कि नेहा शरण्या के बारे में बहुत कुछ जानती है और उससे बहुत कुछ कहना भी चाहती है लेकिन ऐसी कौन सी वजह थी जो नेहा को खुलकर कहने से रोक रही थी? क्या इसकी वजह ईशान था या फिर कुछ और? आखिर नेहा ईशान के साथ क्यों रह रही थी? क्या सच में उन दोनों ने शादी की थी या फिर दोनों के रिश्ते का सच कुछ और था? रुद्र के लिए इस सारे सवालों के जवाब जानना बेहद जरूरी था।