Chapter 68
humsafar 68
Chapter
68
सारांश ने जब श्रेया को चोटों को ध्यान से चेक किया तो उसे कुछ बात खटकी। श्रेया के सिर के दोनो तरफ चोट लगी थी, उसका एंकल् की बजाय उसकी पैर की उंगलियाँ ज्यादा चोटिल थी, घुटने पर चोट नही थी और उसके चेहरे पर निशान साफ बता रहा था की किसी ने उसे बुरी तरह से मारा है और ये मानव नही जो सकता। वो जो कोई भी है एक सनकी से ज्यादा कुछ नही है। उसने बहाने से अवनि को बाहर भेजा और श्रेया से सीधा सवाल किया।
"कौन था वो? किस ने किया ये सब? मानव ने किया न ये, इसीलिए तुमने उसे बाहर भेजा है न? मै अभी पुलिस को फोन करता हु फिर देखना वो कैसे हमेशा के लिए जेल मे सडेगा!" कहकर सारांश ने अपना फोन जेब से निकाला।
उसके हाथ मे फोन देख श्रेया समझ गयी की अवनि को बहाने से सारांश ने बाहर भेजा है। लेकिन मानव का नाम इन सब मे घसीटते देख उससे रहा नही गया और उसका फोन छिनकर् बोली, "नही मानव ने नही किया है ये, ना ही ऐसा कुछ कर सकता है, वो तो लक्ष्य......!" श्रेया के शब्द उसके गले मे ही अटक कर रह गए। उसे लगा शायद सारांश अवनि को लेकर कुछ गलत ना समझ ले।
"ये लक्ष्य कौन है?" सारांश ने पूछा लेकिन श्रेया ने कुछ नही कहा तो सारांश ने एक बार फिर कहा, "ठीक है! अगर तुम नही बताना चाहती तो मै अवनि से ही पूछ लूँगा, उसे तो पक्का पता होगा उसके बारे मे।"
अवनि का नाम सोचकर ही श्रेया के पसीने छुट गए। आखिर मे उसने सारांश को सच बताने का सोचा लेकिन अवनि ने सारांश को कुछ बताया है या नही, ये बात उसे नही पता थी। "अवनि से कुछ मत पूछना, मै बताती हू। लक्ष्य हमारे कॉलेज मे हमारा सुपर सीनियर था। कॉलेज के पहले दिन ही उसने मेरी और अवनि की रैगिंग की थी जिससे गुस्से मे आकर अवनि ने उसे थप्पड़ मारा था। ये बात उसके इगो पर लगी और उसने हम दोनो को ही परेशान करने का कोई मौका नही छोड़ा।
पहले तो हम ने उसे अवॉइड करने की बहुत कोशिश की लेकिन उसने शरीफ बनकर एक ही वक़्त मे अवनि और मुझे फ़ांसने की कोशिश की ताकि वो अपने इंसल्ट का बदला ले सके जो मुझे पता चल गयी। मैंने अवनि को उससे बचाने की हर मुमकिन कोशिश की है। आप से शादी भी मेरी उसी कोशिश मे से एक थी। मैंने ही कार्तिक जीजू को अवनि से बात कर उसे शादी के लिए राजी करने को कहा था फिर चाहें उसके लिए जोर जबरदस्ती ही क्यो ना करनी पड़े। पिछले दो सालों से वो अब्रॉड मे था। अचानक से कल रात जाने कैसे मेरे घर मे घुसा और मुझ पर हमला कर दिया। अब भी वो अवनि का पीछा छोड़ने को तैयार नही है। अवनि उसकी असलियत नही जानती लेकिन मै जानती हु। सारांश! मुझे पूरा यकीन है की आप उस को कभी कुछ नही होने देंगे।"
"किसको कुछ नही होने देंगे श्रेया?" अवनि दरवाजे पर खड़ी उनकी बात सुन रही थी लेकिन श्रेया की कोई भी बात उस तक नही पहुँची। सारांश ने श्रेया को देखा और उसे आश्वस्त किया। अवनि को उन दोनो के बीच का माहौल कुछ अजीब लगा, खामोशी तोड़ते हुए अवनि ने कहा, "आपका फोन तो गाड़ी मे नही है अपना पॉकेट ठीक से चेक तो किया है अपने!!!"
"अ.... हाँ! वो मेरे पॉकेट मे ही था। जब कॉल आया तब पता चला। सॉर्री मैंने तुम्हे तकलीफ दी। श्रेया अभी ठीक है बस उसे थोड़ा आराम की जरूरत है। आई थिंक हमें चलना चाहिए ताकि इन दोनो को अकेले मे टाइम मिल सके।" कहते हुए सारांश ने श्रेया और मानव की ओर देखा तो श्रेया का चेहरा शर्म से लाल हो गया।
श्रेया को यूँ शर्माता देख अवनि की आँखे हैरानी से फैल गयी। "ये कब हुआ? तुम दोनो क्या सच मे एक साथ.....?" अवनि खुशी मे चीख पड़ी। "लेकिन कल तक तो दोनो एक दूसरे से बात भी नही कर रहे थे, ये अचानक कैसे.... मतलब कब....?"
"कल रात को ही! इतने दिनों से जो इसने कोल्ड वॉर छेड़ रखी थी, मुझे बहुत बुरा लगता था। मेरा दिल करता था इससे लड़ने का लेकिन मेरे अलावा सभी से बाते करता था। उसके दूर होने से मुझे एहसास हुआ की मै मानव से..... " श्रेया को आगे बोलने की जरूरत ही नही पड़ी। अवनि दौड़कर उसको गले से लगा लिया। "अपना ख्याल रखना!" अवनि ने कहा।
"तु फिक्र मत कर, ये आदिमानव है न मेरा ख्याल रखने के लिए। तु जाकर अपना और अपने वाले का ख्याल रख।" श्रेया ने आखिरी लाइन उसके कानों मे कहा। अवनि मुस्कुराई और सारांश के साथ बाहर आ गयी। बाहर निकलने आ पहले जब अवनि ने मुड़ कर देख तो मानव श्रेया का सिर अपने गोद मे लेकर बैठा था और उसका सिर सहला रहा था। श्रेया सारांश तक अपनी बात पहुँचा कर सुकून महसूस कर रही थी।
चित्रा निक्षय का सवाल सुन उलझन मे पड़ गयी। उसे समझ नही आया कि क्या कहे। निक्षय जो हर फैसले मे उसके साथ था, उसे अपनाये या उसकी हेल्प ले अपने प्यार को हासिल करने मे। लेकिन अगर कार्तिक के दिल कोई भी फीलिंग्स होती तो वो काव्या से शादी नही करता। देखा जाय तो दोनो मे से चित्रा कोई भी एक फैसला लेती तो वो गलत ही होता। ना तो वो कार्तिक को भूल सकती तक और ना ही उसे पा सकती थी।
"मेरी समझ मे कुछ नही आ रहा निक! अगर मै उसे पाने की कोशिश करती हु तो मै उसके घर को तोड़ने का काम करूँगी और अगर मै उसका इंतज़ार करती हु तो तब भी मै यही करूँगी। एक गलती, जरा सी देरी और मैंने उसे खो दिया। एक बार हिम्मत दिखाती तो शायद आज वो मेरा होता। जो हो गया उसे बदल तो नही सकते लेकिन मै नही चाहती की जब वो मेरे पास आये तब मै उससे दूर......." चित्रा ने अपनी बात पूरी करने की हिम्मत नही दिखाई।
"चाय!" निक्षय ने बिना किसी भाव के उसकी ओर चाय का कप बढ़ा दिया, "अब ये तुम्हें खुद पीना होगा।"
चित्रा मुस्कुरा दी, अभी तक वो निक्षय के हाथ से ही खा रही थी। उसे सामने मुस्कुराता देख चित्रा का मन अपराधबोध से भर गया। "मै बहुत गलत कर रही हु तुम्हारे साथ। मुझे माफ कर देना।" चित्रा की आँखों मे आँसू आगये। निक्षय कुछ ना कह सका।
"अवनि ने कहा था की वो मेरा साथ देगी। और इसीलिए मै इस बारे मे ज्यादा नही सोच रही।" चित्रा ने कहा।
"अवनि की बात तुम्हारे लिए इतनी इंपोर्टेंट क्यों है? एक मिनट..... कार्तिक या सारांश?" निक्षय ने सवाल किया। चित्रा ने भी बिना कुछ छुपाये इस बार उसे कार्तिक का नाम बता दिया। निक्षय के चेहरे पर एक दर्द भरी मुस्कान तैर गयी।
गाड़ी मे बैठते ही अवनि ने सारांश का हाथ पकड़ लिया और बोली, "मिस्टर हसबैंड! आप इतने स्मार्ट क्यों है? मुझे कभी भनक भी नही लगी और आप ने तुरंत ही पकड़ लिया उन्हें! कैसे?"
"सिंपल है! जब एक लड़का और लड़की एक दूसरे से बेवजह लड़ते है एक दूसरे को गाली देते है अजीब नामों से बुलाते, इसका मतलब तो यही हुआ न की उन दोनो को ही भरोसा है की सामने वाला कभी नाराज नही होगा। और उन मे से एक जब दूसरे से अचानक ही बात करना बंद कर दे तो इसका मतलब यही की उसके दिल मे फीलिंग्स बदलने लगी है और अपनी दोस्ती को कोई और नाम नही देना चाहता। मुझे भी डाउट था उन दोनो को लेकर इसीलिए मैंने मना किया तुम्हें उन दोनो के बीच पड़ने से।" सारांश मुस्कुराया लेकिन उसके मन मे श्रेया की बाते घूम रही थी।
सारांश अवनि को लेकिन उसी फार्म हाउस मे गया जहाँ उनकी शादी हुई थी। वहाँ काम करने वाले केयरटेकर को उनके आने की बात पता थी इसीलिए खाना तैयार कर उसने फ्रिज मे रखा और अपने घर चला गया। इस वक़्त उस घर मे उन दोनो के अलावा और कोई नही था। अवनि ने पूछा, "हम यहाँ क्यो आये है?"
सारांश ने पीछे से उसे पकड़कर कहा, "ताकि सुबह तक कोई हमें डिस्टर्ब ना करे!" सारांश की बात सुन अवनि ने शर्म से अपना चेहरा उसके सीने मे छुपा लिया। "अरे! मैं तो सोने की बात कर रहा था। सुबह नींद पूरी नही हो पाई थी और तुम यहाँ रहोगी मेरे पास तो मच्छर भगाओगी तभी तो मै चैन से सो पाऊँगा।" सारांश की बात सुन अवनि को गुस्सा आया। इससे पहले अवनि उसे मारने के लिए अपना हाथ उठाती सारांश ऊपर अपने कमरे की ओर भागा और अवनि उसके पीछे। कमरे मे पहुँचते ही सारांश ने अवनि को पीछे से पकड़ गोद मे उठा लिया और बेड पर ले गया।