Chapter 116

Chapter 116

YHAGK 115

Chapter

115




 रूद्र ने जो बिसात बिछाई थी उसमें मिस्टर सिंधिया सिर्फ एक वजीर था और ईशान बस एक प्यादा। दूर बैठा रूद्र ईशान से वह सब करवा रहा था जिसकी भनक तक ईशान को नहीं थी। इतने दिनों से हर एक चीज उसके फेवर में जा रही थी जिसकी खुशी में ईशान ने कुछ और सोचा ही नहीं। जिसका इंतजार उसे बरसों से था वह सारे काम एक-एक कर इतनी आसानी से पूरे होते जा रहे थे कि ईशान इस सब के पीछे किसी साजिश की गंध तक महसूस न कर पाया। कहां तो वह रूद्र के पापा का बिजनेस हड़पना चाहता था और आज अपना बिजनेस भी रूद्र के हाथों गवां चुका था। लेकिन इतने पर भी वह हार मानने वाला नहीं था। शरण्या अभी भी उसके पास थी जोकि उसके लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकती थी। 


     रूद्र ने जैसे ही ईशान के मुंह से शरण्या का नाम सुना उसने अपनी ग्लास टेबल पर पटकी और एक झटके में खड़ा होकर ईशान के सामने खड़ा हो गया। रुद्र का चेहरा इस वक्त गुस्से में तमतमाया हुआ था। रूद्र का एक इशारा और मिस्टर सिंधिया के पास खड़े उस आदमी ने ईशान के मुंह पर भरपूर वार किया जिससे ईशान को वहीं खड़े तारे नजर आ गए और नाक से खून बह निकला। 


    रूद्र बोला, "जब मैं यहां आया था ना ईशान! उस वक्त मुझे यह लगा था कि तुम्हारी और शरण्या की शादी हो चुकी है। लेकिन जब मुझे पता चला कि शरण्या अभी भी मेरी है, उस वक्त मैंने अपने आप को बहुत कोसा था कि मैंने इतना वक्त क्यों लगाया? अगर पहले ही आ गया होता तो शरण्या और मैं एक साथ होते। फिर जाकर मुझे पता चला कि तुम दोनों की शादी क्यों नहीं हो पाई। शरण्या सुसाइड कर सकती है इस बात का यकीन ना मुझे तब था ना अब है ना कभी होगा! लोग मुझे चाहे पागल, कहे बेवकूफ कहे या सनकी! मुझे उससे फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मैं जानता हूं मेरी शरण्या कभी अपनी जान लेने की कोशिश नहीं करेगी। उसके बाद मुझे पता चला कि तुमने क्या हरकतें की है तब जाकर मुझे एहसास हुआ कि आखिर मेरा इतने सालों तक लौट कर ना आना ही सही था। पिछले कुछ टाइम से तुम लगे हुए थे मेरी कंपनी के साथ कोलैबोरेशन करने में! हर बार मुझे जब भी तुम्हारी कंपनी का प्रपोजल मिलता मैं हमेशा ही उसको रिजेक्ट कर देता था जानते हो क्यों? क्योंकि वह सारे प्रपोजल तुम्हारे नाम से होते थे। पहली बार जब मैंने वो फाइल देखी थी ना, उसी वक्त मैं समझ गया था कि इस फाइल के पीछे सिर्फ और सिर्फ मेरे भाई की मेहनत है जिसे तुम अपने नाम से अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हो। इसीलिए मैंने तुम्हें इस बार प्रपोजल ना भेजने का आईडिया दिया और खुद तुम्हें रिस्पॉंस दिया उसके बाद तुम्हारा प्रपोजल मैंने एक्सेप्ट कर लिया और तुम्हारे सामने शर्त रखी। तुम इतने बड़े बेवकूफ निकलोगे मैंने सपने में भी नहीं सोचा था और इतनी आसानी से मेरे जाल में फस जाओगे यह तो और भी नहीं सोचा था। तुमसे जब बात हुई थी ना उस वक्त समझ गया था कि तुम्हें बिजनेस की कितनी नॉलेज है! मैं ठहरा गली नुक्कड़ पर पेंट ब्रश लेकर घूमने वाला इंसान, मुझे इसी में अच्छा लगता है खुशी मिलती है। यह दूसरों का बिजनेस हड़प कर अपना बिजनेस बढ़ाना! यही रीजन था कि मैं कभी बिजनेसमैन नहीं बनना चाहता था। जब पापा ने उस दिन मुझसे कहा कि मैं एक बॉर्न बिजनेसमैन हूं! बस यही मुझे बहुत अजीब लगी थी। हां बिजनेस की थोड़ी बहुत समझ है मुझे और उसी समझ को इस्तेमाल करके मैंने एक कंपनी खड़ी की जो आज तुम्हारे सामने खड़ी है और जो तुम्हारे कंपनी की होल्डिंग कंपनी है। जिस शरण्या की तुम बात कर रहे हो ना, अब वह तुम्हारी बॉस है। इसीलिए थोड़ा तमीज से ईशान!"


     ईशान अपने नाक का खून साफ करते हुए हंसा और बोला, "तमीज.....? तु तमीज की बात कर रहा है? मैं उसके साथ क्या-क्या करने वाला हूं यह तु सोच भी नहीं सकता। बस अब बहुत जल्द वह होश में आने वाली है। फिर बताऊंगा मैं तुझे और दिखाऊंगा भी!"


    इस बार फिर रूद्र ने इशारे पर उस आदमी ने एक किक उसकी कनपटी पर जमा दी जिससे ईशान और भी बुरी तरह से जख्मी हो गया। रूद्र को देखकर कहीं से भी यह नहीं लग रहा था कि उसने जरा सी भी पी रखी है। वह पूरी तरह से होश में था और बिल्कुल सीधा खड़ा था। उसने कहा, "मैंने कहा ना तमीज से! जिस शरण्या की तू बात कर रहा है उसका नौकर भी बनने के लायक नहीं है तू! इतना सब होने के बाद भी तेरी अकड़ नहीं गई। अब तु यह सोच कि तू अपने इन्वेस्टर्स को क्या जवाब देगा? उनके पैसे किस तरह से लौटाएगा? फिलहाल तो तुझे जेल भी जाना है, शरण्या को किडनैप करने और उसे वर्षों तक टॉर्चर करने के जुर्म में तेरी लंबी लगने वाली है। और क्या कहा तूने? शरण्या तेरे पास है? कहाँ रखा है तूने उसे? अपने फॉर्म हाउस पर? तेरे उस फार्म हाउस का पता मैं तुझे दूं ताकि तू वहां जाकर अपनी आंखों से देख सके कि शरण्या वहां है या नहीं?"


     ईशान बुरी तरह से चौक गया। उसे अब अपने सारे पत्ते हाथ से फिसलते हुए नजर आ रहे थे। रूद्र आगे बोला, "क्या हुआ? यकीन नहीं हो रहा? ठीक है बताता हूं तुझे कब क्या हुआ! मैं जब पहली बार नेहा के हॉस्पिटल पहुंचा था ना, उसी वक्त मुझे पता चल गया था कि शरण्या उसी हॉस्पिटल में है। उसे ढूंढने के लिए मुझे इन आंखों की जरूरत नहीं। मैं चाहता तो उसी वक्त उसे अपने साथ ले आ सकता था लेकिन मैं तुझे इतनी आसानी से नहीं छोड़ना चाहता था। उसके बाद मैं कई बार उस हॉस्पिटल में गया हूं किसी ना किसी बहाने से ताकि तुझे बिल्कुल भी अंदाजा ना हो कि मैं क्या करने वाला हूं और तू अपने प्लान को सक्सेसफुल होता देख खुश हो सके। सोचा तुझे बर्बाद करने से पहले थोड़ी खुशी तो दे ही सकता हूं। मैंने वैसा ही किया। जिस तरह तूने मुझ पर नजर रखी थी वैसे ही मैंने तुझ पर नजर रखी थी। जिस दिन सब लोग शरण्या की बरसी मनाने मैं लगे थे। उस दिन मैं सबको डिस्टर्ब नहीं करना चाहता था लेकिन मैं तुझे थोड़ा सा डराना चाहता था और वही मैंने किया। तु डर गया और उसी रात तूने शरण्या को हॉस्पिटल से शिफ्ट करने का सोचा। किसी को फोन किया था ना तूने! उस आदमी ने चार लोगों को हॉस्पिटल भेजा था जो हॉस्पिटल की ड्रेस में चेहरे पर मास्क लगाए लिफ्ट से ऊपर आए थे। याद कर! तुझे उनके चेहरे याद है? कैसे होंगे, मार्क्स जो लगा रखा था! एक बार वेरीफाई कर लेता तो तू कभी मेरे से इस तरह बात नहीं कर पाता। उन 4 लोगों में एक मैं भी था। शरण्या को वहां से निकालने में मैं भी शामिल था। वहां से लेकर जाते वक्त रास्ते में मैंने तुम्हारे उन आदमियों को जेल भिजवा दिया। वह सब के सब इस वक्त लॉकअप में है। यकीन ना हो तो तू जा ही रहा है वहाँ उसके पास, मिल लेना। तुझे किसी तरह का कोई शक ना हो इसलिए मैं हर रोज हॉस्पिटल जाता है और टॉप फ्लोर के आसपास मंडराता जिससे तुझे यह लगे कि मैं वहां पर घुसने की फिराक में हूं और तू यह सोच कर खुश होता रहे। मैंने तुझे खुश होने के एक नहीं कई मौके दिए हैं। किसी को भी शक ना हो इसके लिए मुझे थोड़ा उदास होने की एक्टिंग करनी पड़ी। वैसे एक बात बिल्कुल सही कही तूने! शरण्या को होश आने वाला है। इनफैक्ट आज ही उसे होश आया है तूने अभी तक जो भी किया बहुत गलत किया लेकिन इस सब में तूने एक काम बहुत अच्छा किया जो अपनी पार्टी में तो अपने सारे कलीग्स और इन्वेस्टर्स को बुला लिया। उन लोगों को भी पता चल गया कि तू अब किसी काम का नहीं है। तेरे आधे से ज्यादा शेयर तो मेरे पास है! बाकी के जो जो बचे हैं उन्हें बेचकर तु अपने सारे इन्वेस्टर्स का कर्जा चुका देना वरना तुझ पर और भी ज्यादा केस दर्ज हो जाएंगे।


      इतने में दरवाजे़ से पुलिस अंदर आती हुई नजर आई। रूद्र उन्हें देख कर बोला, "तेरे ससुराल वाले आ गए हैं तुझे अपने साथ ले जाने। तेरी बारात जो निकालनी है!"


    नेहा को हॉस्पिटल में कोई इमरजेंसी केस अटेंड करनी थी जिस वजह से वो पार्टी में आने से लेट हो गई थी। उसने वहाँ रूद्र की सारी बातें सुनी जिससे उसे खुशी तो हुई लेकिन अपने माँ पापा की चिंता भी हो रही थी। 


    पुलिस ने ईशान को अरेस्ट किया और लेकर जाने लगी तो ईशान चिल्लाया, "रूद्र!!! मेरा छुआ हुआ कोई भी चीज तुम्हें गंदी लगती है ना! तो शरण्या को भी मैंने छुआ है उसे भी फेंक दोगे क्या तुम? अब वह तुम्हारे किसी काम की नहीं है!"


   रूद्र उसके करीब आया और बोला, "तुम जैसा घटिया इंसान! मेरी शरण्या का नाम लेने के लायक भी नहीं हो तुम! सही कहा तुमने, तुम्हारा छुआ किसी भी चीज को मैं हाथ नहीं लगाने वाला। लेकिन एक बात कान खोलकर सुन लो! शरण्या कोई चीज नहीं है! वह मेरा प्यार है, एक जीता जागता इंसान! जिसे कोई मैला नहीं कर सकता। तुम्हारी जितनी घटिया सोच नहीं है मेरी और ना कभी हो सकती है।"


   ईशान के जाने के बाद रुद्र नेहा से बोला, "घबराओ मत नेहा! तुम्हारे मम्मी पापा इस वक्त विहान के घर पर है और पूरी तरह से सेफ है। उनकी वजह से तुम्हें ईशान का टॉर्चर झेलना पड़ा। अब तुम्हें यह सब नहीं सहना पड़ेगा। 


 नेहा को रूद्र की बातों पर यकीन नहीं हुआ। आखिर इतनी जल्दी उसको कैसे पता चल गया कि शरण्या कहा है और उसके माँ पापा कहाँ है?"


   रूद्र बोला, "हैरान मत हो! तुमने कहा था ना अपनी आंखों पर भरोसा मत करना। जो दिल कहे वही करना। इसलिए तो आया था मैं तुम्हारे हॉस्पिटल में। जिस फूल को देखने के लिए तुमने मुझे बुलाया था उसे महसूस करके गया था। ईशान या कोई और चाहे भी तो मुझे शरण्या से दूर नहीं रख सकता। वह बहुत किस्मत वाली है जो उसे तुम जैसे दोस्त मिली। तुमने उसका बहुत ख्याल रखा है। उसके लिए बस जिंदगी भर तुम्हारा एहसानमंद रहूंगा।"


      नेहा खुशी से रो पड़ी। मानसी ने हैरानी से पूछा, "तुम्हेँ पता था शरण्या जिंदा है फिर भी तुम ने किसी से भी यह बात नहीं कहीं? सब से छुपा कर रखी? उस इंसान का साथ दे रही थी?"


     रूद्र बोला, "इसमें नेहा की कोई गलती नहीं है। जब ईशान शरण्या कोई हासिल नहीं कर गया था और वह उसकी वजह से शरण्या बेहोश हो गई थी तब उसे होश में लाने के लिए जिस डॉक्टर को हॉस्पिटल से उठाया था वह नेहा ही थी। शरण्या की दोस्त होने के नाते उसका इलाज करना नेहा का फर्ज था और उसके बारे में सब को बताना भी लेकिन इससे पहले कि वह कुछ कर पाती ईशान ने नेहा के मां-पापा को किडनैप कर लिया जिस वजह से ना चाहते हुए भी उसे खामोश रहना पड़ा।"


     विहान बोला, "लेकिन तूने मुझसे झूठ क्यों बोला? तेरी खुद की कंपनी है वह भी इतनी बड़ी लेकिन तूने कहा था तु किसी की गुलामी करता है।"


   रूद्र ने मुस्कुराते हुए अपने दोनों हाथ पैंट की जेब में डाला और बोला, "तू अपनी बीवी के गुलामी नहीं करता क्या? मैं करता हूं तो कौन सी बड़ी बात हो गई? कोई भी इंसान अपनी मां का लाडला होता है और अपनी बीवी का गुलाम! एक नॉर्मल सी बात है, तुझे समझ जाना चाहिए था।" 


     रूद्र अनन्या जी के पास आया और बोला, "आपने कहा था ना आपकी बेटी को ले आऊ! ले आया मैं उसे। दो कदम आपको बढ़ाने होंगे। उससे मिलने जाना होगा। अगर आप लोग चाहते हैं तो मैं अभी इसी वक्त उस के पास लेकर चल सकता हूं क्योंकि मैं भी अभी तक नहीं मिला हूं उससे। इतने सालों के बाद अभी अभी जगी है ना तो थोड़ा होश में आने में उसी वक्त लगेगा। अगर वह आपको ना पहचान पाए आप में से किसी को भी ना पहचान पाए तो घबराइएगा मत। धीरे धीरे जैसे जैसे वह सब समझने लग जाएगी वैसे-वैसे वह सब को पहचाना शुरू कर देगी और एक बार फिर अपने नॉर्मल लाइफ में लौट आएगी।"


    अनन्या जी बोली, "मुझे अभी इसी वक्त जाना है उसके पास क्या तुम मुझे ले चलोगे"


रूद्र ने मुस्कुरा कर हां में सर हिलाया और अपने ड्राइवर को गाड़ी निकालने को कहा।