Chapter 167
YHAGK 166
Chapter
166
एक नया दिन और एक नई सुबह। आज शरण्या और लावण्या दोनों की ही जिंदगी का सबसे बड़ा दिन था। एक ओर जहां शरण्या अपने रूद्र के साथ उसका हाथ थामे नई जिंदगी की ओर कदम बढ़ाने जा रही थी तो वही लावण्या हमेशा के लिए रेहान के साथ अपने रिश्ते तोड़ कर इस घर से जाने वाली थी।
शरण्या के होठों पर मुस्कुराहट थी। आंखों में आने वाली जिंदगी के सपने थे तो वही लावण्या की आंखों में दर्द साफ नजर आ रहा था। उसने अपनी आंखें बंद कर ली और एक गहरी सांस लेकर खुदसे कहा, "खुद को संभालो लावण्या! आज तुम्हारी बहन के लिए सबसे खूबसूरत दिन है। इस दिन का इंतजार उन दोनों ने बरसों किया है। आज के दिन पूरी दुनिया की नजरों में वो दोनों पति-पत्नी होंगे। एक नई ज़िंदगी की शुरुआत करने जा रहे हैं वह दोनों। तुम्हारी आंखों में खुशी के आंसू होने चाहिए। जब रेहान से तुम्हारा कोई लेना देना नहीं है तो फिर उससे दूर जाने का कोई अफसोस भी नहीं होना चाहिए। तुमने जो फैसला लिया है बहुत सोच समझ कर लिया है और यही सही भी है। जिस रिश्ते की बुनियाद में ही धोखा हो, उस रिश्ते का टूट जाना ही बेहतर है।" कहते हुए उसने अपनी आंखों से आंसू पोंछे। उसके हाथ में एक प्रेगनेंसी टेस्ट किट थी जो की पॉजिटिव दिखा रही थी।
शरण्या अपने कमरे में थी। फ्रेश होकर उसने अपनी शादी का लहंगा पहना और आईने के सामने बैठ गई। उसके सामने कई सारे गहनों के डब्बे खुले रखे हुए थे जो कि रूद्र की मां अभी-अभी उसे देख कर गई थी। शरण्या को समझ नहीं आ रहा था कि वह शुरू कहां से करें। उसी वक्त उसके कमरे में रूद्र आया। उसके पीछे दो लड़कियां थी। रूद्र ने उन दोनों को इशारा किया और वह दोनों ही अपना सामान खोल कर शरण्या का मेकअप करने लगी। उसका मेकअप और हेयर स्टाइल करने के बाद दोनों ही लड़कियां कमरे से बाहर निकल गई और दरवाजा बंद कर दिया।
शरण्या को यह बात बड़ी अजीब लगी कि उन दोनों लड़कियों ने उसे गहने नहीं पहनाए। यानी वो अभी भी पूरी तरह से तैयार नहीं थी। इससे पहले कि शरण्या कुछ और सोंचती, रूद्र उसके पास आया और सबसे पहले मांग टीका उठाकर उसके माथे पर लगाते हुए बोला, "थोड़ा तो मेरा भी हक बनता है ना कि मैं अपनी दुल्हन को अपने हाथों से तैयार करू।" कहते हुए उसने शरण्या का चेहरा थोड़ा ऊपर किया और उसकी ललाट को चूम लिया।
शरण्या ने अपनी आंखें मूंद ली और कहा, "जब इतना सब कुछ कर रहे हो तो फिर इस तरह कोर्ट में शादी करना अच्छा लगता है क्या?"
रूद्र प्यार से उसे देखते हुए बोला, "तुझे पता है ना शरू! मैं अपनी खुशी में सिर्फ अपनी फैमिली को शामिल करना चाहता हूं और किसी को नहीं। मेरी हमेशा से यही चाहत रही कि हमारी शादी के दिन तू सबसे खूबसूरत लगे। वैसे भी मेरे लिए तो दुनिया की सबसे ज्यादा खूबसूरत तु ही है। नहीं.......... मेरी मां सबसे ज्यादा खूबसूरत है। या शायद तुम दोनों ही! मैं डिसाइड नहीं कर पा रहा हु।"
रूद्र को कंफ्यूज देख शरण्या की हंसी छूट गई। रूद्र ने बड़े प्यार से शरण्या को धीरे धीरे तैयार किया। शरण्या भी इस पल को अपनी आंखें मूंदकर महसूस कर रही थी। रूद्र की हर एक छुअन उसे बहकने पर मजबूर कर रहे थे लेकिन वो खुद को शांत किए बैठी रही। रूद्र ने पास में रखी कमरबंद उठाई और धीेरे से उसकी कमर में हाथ डालते हुए बोला, "अब हो गई तु तैयार। बिलकुल वैसे ही जैसे मैं चाहता था। जल्दी कर वरना हम लेट हो जाएंगे। आईने में एक बार देख ले तू, कहीं कुछ रह तो नहीं गया?"
शरण्या उसकी तरफ देखते हुए बोली, "आज मुझसे ज्यादा खूबसूरत और कोई हो ही नहीं सकता। क्योंकि मुझे तू ने तैयार किया है। उस इंसान ने जिससे मैं सबसे ज्यादा प्यार करती हूं। आज कोई आईना मेरी खूबसूरती बर्दाश्त नहीं कर सकता इसीलिए मुझे आईना नहीं देखना। अब चले देर हो रही है ना!"
रूद्र ने शरण्या का हाथ पकड़ा और उसे लेकर बाहर की ओर चल दिया। नीचे सभी उन दोनों का इंतजार कर रहे थे। मिस्टर रॉय और अनन्या जी पहले ही वहां पहुंच चुके थे। लावण्या खुद भी बेचैनी से इस पल का इंतजार कर रही थी। शरण्या को देखकर अनन्या जी की आंखें भर आई। शिखा जी ने जल्दी से उन दोनों की नजर उतारी। शरण्या को लेकर अनन्या जी घर में ही बने मंदिर की ओर गई और वहां शरण्या से गौरी पूजन करवाया।
रूद्र बाहर खड़ा अपनी शरण्या का इंतजार कर रहा था। एक घबराहट एक बेचैनी उसके दिल में थी। सब कुछ सही हो जाए इस बात की चिंता उसे थी। आखिर इतने सालों से उसने इस पल का इंतजार किया था और वो नहीं चाहता था कि किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी हो। अब वो अपने और शरण्या के बीच किसी को भी नहीं आने दे सकता था।
कुछ देर के बाद ही मौली का हाथ पकड़े शरण्या बाहर आई। उसे देख रूद्र की बेचैनी थोड़ी कम हुई और उसनें जल्दी से कार का दरवाजा खोल दिया। शरण्या जैसे ही गाड़ी में बैठने को हुई, उसी वक्त रजत और नेहा भी वहाँ पहुँचे। नेहा ने देखते ही शरण्या को गले से लगा लिया और बोली, "आज तु दुनिया की सबसे खूबसूरत दुल्हन लग रही है। कहीं किसी की नजर ना लग जाए।" कहते हुए उसने अपनी आँखों का काजल लेकर शरण्या के कान के पीछे लगा दिया।
शरण्या उसे झूठा गुस्सा दिखाते हुए बोली, "शादी के बाद तो तेरे पास मेरे लिए बिलकुल भी टाइम नही रह गया है। रजत तुझे कुछ ज्यादा ही बिजी रखता है!"
नेहा कुछ बोलती उससे पहले रूद्र ने आवाज लगाई, "अभी गाड़ी में बैठो। ये सारी बातें करने के लिए पूरी लाइफ पड़ी है। देर हो गए तो हो गयी हमारी शादी।"
नेहा उसे चिढ़ाते हुए बोली, "चल शरण्या वरना तेरा पति यही बेचैनी में मर जाएगा। शरण्या की हँसी छूट गई और वो जल्दी से रूद्र की बगल में बैठ गयी। रूद्र ने ड्राईवर को इशारा किया तो उसने गाड़ी आगे बढ़ा ली।