Chapter 114
YHAGK 113
Chapter
113
ईशान की मिस्टर सिंधिया के साथ डील हो चुकी थी और उसने खुशी खुशी अपने कंपनी के 51% शेयर आर एस के नाम कर दिया था। आर एस के ऑफिस से निकलने के बाद इशांत बहुत ज्यादा खुश था। बस एक और कदम, और रुद्र की पूरी फैमिली खत्म! उसने मन ही मन कहा, "तुम्हें पार्टी चाहिए था ना रूद्र! बस कुछ दिन रुक जाओ। मैं तुम्हें ऐसी पार्टी दूंगा कि तुम लोग कभी भूल नहीं पाओगे।"
ईशान अपने ऑफिस पहुंच और आते ही अपने असिस्टेंट को फोन किया। असिस्टेंट जैसे उसकी केबिन में आया ईशान बोला, "अलायंस ग्रुप के जितने भी शेयर्स हमारे पास है उन सब को इश्यू कर दो।"
उसके असिस्टेंट ने जब सुना तब हैरान होकर बोला, "लेकिन सर इससे तो वो लोग.........! सर इसमें आधे से ज्यादा उनके ऑथराइज्ड शेयर है। अगर सबको यीशु कर देंगे तो फिर उन्हें प्रॉब्लम हो जाएगी।"
ईशान बोला, "तुम ज्यादा दिमाग मत लगाओ। जितना कहा जाए उतना करो। मुझे जल्द से जल्द इन लोगों से छुटकारा चाहिए। मैं अपनी कंपनी को यहां से सीधे ऊपर ले कर जाना चाहता हूं। अगर इन लोगों के साथ रहा तो कभी आगे नहीं बढ़ पाऊंगा। इन लोगों ने अपनी अच्छी खासी कंपनी बर्बाद कर दी है और अब यह लोग मेरी कंपनी भी बर्बाद कर देंगे। इससे बेहतर है कि इनसे हर रिश्ता तोड़ लिया जाए। जो कहता हूं वह करो। अगले दो से 3 दिनों में क्रिसमस है। उस से पहले मुझे एक बहुत बड़ी पार्टी रखनी है। तबतक सारे काम हो जाने चाहिए।"
उसका असिस्टेंट सर झुका कर वहां से चला गया। ईशान किस हद तक मतलबी था ये बात वो अच्छे से जानता था। रेहान और धनराज जी को इसकी भनक तक नहीं थी। वो लोग बस अपनी नॉर्मल जिंदगी जी रहे थे और अपनी कंपनी को बचाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे थे। रूद्र भी अपनी कोशिशों में लगा हुआ था। विहान अपने बच्चे के साथ बिजी था।
ईशान अच्छे से जानता था कि इस वक्त सबका ध्यान विहान और मानसी के बच्चे पर है। इसलिए वो चुपचाप अपनी प्लानिंग को अंजाम देने में लगा रहा। आखिर शेयर उसके नाम पर थे, ऐसे में किसी को भी ऐतराज करने का कोई हक नहीं था। डील फाइनल होने और सारे शेयर्स बिक जाने के खुशी में उसने एक बड़ी सी पार्टी ऑर्गेनाइज की जिसमें खास मेहमान के तौर पर उसने आर एस यानी मिस्टर रजत सिंधिया को बुलाया ताकि वह ऑफिसियली दोनों कंपनी के पार्टनरशिप का ऐलान कर सकें।
रेहान अपने कमरे में था और तैयार हो रहा था। लावण्या बाथरूम से निकली। उसकी नजर आईने के सामने खड़े रेहान पर गइ जिसके चेहरे पर थोड़ी परेशानी नजर आ रही थी। लावण्या ने पूछा, "क्या हुआ रेहान सब ठीक तो है? इतनी बड़ी डील फाइनल हुई है, तुम्हारी मेहनत रंग लाई है! इसके बावजूद तुम्हारे चेहरे पर वो खुशी क्यों नहीं है?"
रेहान बोला, "पता नहीं लावण्या लेकिन कुछ तो गड़बड़ लग रही है मुझे! पिछले कुछ दिनों में कुछ तो ऐसा हुआ है जो नहीं होना चाहिए। मैंने ईशान को शेयर मार्केट के किसी ब्रोकर से बात करते हुए देखा है। हमने तो कोई शेयर इश्यू नहीं किए तो फिर ईशान कौन से शेयर बेचने की बात कर रहा था? कोई भी शेयर बेचने से पहले बोर्ड मेंबर्स से इस बारे में डिस्कशन किया जाता है। ईशान ने कुछ दिनों पहले बोर्ड मेंबर्स की मीटिंग तो रखी थी लेकिन सिर्फ डील के बारे में और मिस्टर सिंधिया के प्रपोजल के बारे में बताने के लिए! इसके अलावा कुछ नहीं और मीटिंग खत्म भी कर दी थी। शेयर को लेकर उसने कुछ कहा ही नहीं और जब आधे से ज्यादा शेयर वह मिस्टर सिंधिया के नाम कर दिया है तो फिर ऐसे में शेयर मार्केट जाने की बात क्यों कर रहा था? हो ना हो लावण्या वो जरूर कोई बहुत बड़ा गेम खेल रहा है। मुझे डर है कहीं उसने हमारी कंपनी के शेयर के साथ कोई छेड़खानी ना की हो!
"अगर उसने किया भी तो हम कुछ नहीं कर सकते रेहान!" लावण्या बोली। "यह उसकी इन्वेस्टमेंट है जो उसने हमारी कंपनी में किए हैं। वह चाहे उसे रखे या बेचे, यह उसकी मर्जी है। हम बस उसे ऐसा प्रपोजल दे सकते हैं कि वह हमारी कंपनी से अपने इन्वेस्टमेंट वापस ना ले। आखिर वो हमारी होल्डिंग कंपनी का मालिक है। हम बस इतना उम्मीद कर सकते हैं कि वह हमारे शेयर्स किसी कंपनी को बेचे, ना की किसी इंडिविजुअल इंसान को। अगर उसने टुकड़ों में हमारे सभी शेयर्स को बेच दिया तो हमारी कंपनी का कोई फ्यूचर नहीं। पापा और डैड ने मिलकर जिस कंपनी को इतनी मेहनत से खड़ा किया था हम उसे संभाल नहीं पाए। हम किसी काम के नहीं है रेहान!"
रेहान को एहसास हुआ कि यह सारी बातें करके उसने लावण्या का मूड और खराब कर दिया है। एक तो वैसे ही रूद्र के आने से लावण्या खुश नहीं थी। कम से कम आज के दिन तो उसे थोड़ा खुश हो लेने देता। रेहान उसे प्यार से पुचकारते हुए बोला, "तुम टेंशन मत लो। हम लोग सब संभाल लेंगे। हम दोनों साथ मिलकर हर मुसीबत का सामना करेंगे। अगर ऐसी कोई भी प्रॉब्लम आई तो हम सब साथ हैं ना! कुछ नहीं होगा। अब चलो सब इंतजार कर रहे होंगे!"
लावण्या बोली, "तुम चलो, मैं तैयार होकर आती हूं।" रेहान ने उसके माथे को चूमा और कमरे से निकल गया।
घर के सभी लोग पार्टी में जाने के लिए तैयार थे। तभी शिखा जी ने रूद्र को आवाज लगाई। रेहान बोला, "माँ....!रूद्र भी हमारे साथ जा रहा है क्या?"
धनराज जी बोले, "इस घर का बेटा है वो और तुम्हारा भाई भी है। जब यह तुम्हारे लिए बड़ा दिन है तो इसमें शामिल होने का हक उसे भी है। वह भी हमारे साथ जाएगा।"
रेहान बोला, "लेकिन पापा! ईशान के साथ उसकी नहीं बनती। आपने देखा था ना कैसे आते ही उसने ईशान का हाथ तोड़ दिया था। इस बार फिर से कोई गड़बड़ कि उसने तो फिर........! अब समझ क्यों नहीं रहे? मैं मानता हूं कंपनी रूद्र की भी है लेकिन सारी मेहनत तो हमारी है ना! अपनी पर्सनल दुश्मनी में वह कंपनी का नुकसान कर देगा, ये क्यों नहीं समझ रहे?"
धनराज जी बोले, "अगर रूद्र नहीं जाएगा तो मैं और तुम्हारी मां भी नहीं जाएंगे। तुम दोनों जा सकते हो।"
धनराज जी का ड्राइवर अंदर आया और बोला, "सर गाड़ी तैयार है।"
धनराज जी बोले, "हां बस रूद्र तैयार होकर आ जाए फिर हम सब साथ में निकलेंगे।"
ड्राइवर बोला, "लेकिन सर! वह तो 1 घंटे पहले ही निकल गए, बेबी जी के साथ! बोल रहे थे कि किसी पार्टी में जाना है और जरूरी भी है, मैं आप लोगों को बता दूं।"
धनराज जी ने जब सुना तब उन्होंने घूर कर रेहान की तरफ देखा और ड्राइवर के पीछे चल दिए। उन्हें बुरा लग रहा था, रूद्र ने जानबूझकर सबके साथ ना जाने का बहाना बनाया था और खुद कहीं और चला गया था ताकि रेहान और लावण्या को बुरा ना लगे। वह दोनों अच्छे से अपनी पार्टी इंजॉय कर सके इसके लिए रुद्र ने दूर रहना ही बेहतर समझा। धनराज जी का यह सोच सोच कर दिल बैठा जा रहा था। वह चाहकर भी अपने बेटे के लिए कुछ नहीं कर पा रहे थे। आगे और कितनी तकलीफ लिखी थी उसकी किस्मत में?
पार्टी के लिए एक ग्रैंड हॉल चुना गया था। आखिर इतनी बड़ी कंपनी के साथ ईशान ने डील जो की थी तो पार्टी तो ग्रैंड होनी ही थी। उस पार्टी में ईशान के सारे इन्वेस्टर्स क्लाइंट्स और उनकी फैमिली मौजूद थे। उस शानदार पार्टी के लिए ईशान ने काफी खर्चा किया था। रेहान ने जब देखा तो वह हैरान रह गया। उसने ईशान से पूछा, "ईशान!! इस पार्टी के लिए इतना खर्चा करने की क्या जरूरत थी? एक बार यह डील पूरी हो जाती उसके बाद हम लोग आराम से एक बढ़िया सी पार्टी ऑर्गेनाइज करते। इस सबसे पहले ही इतना खर्चा करना सही नहीं लगता मुझे।"
ईशान बोला, "रिलैक्स मेरे दोस्त! यह जो भी खर्चा मैंने किया है, ये ना तो मैंने अपनी पॉकेट से किया है और ना ही कंपनी की तरफ से।"
रेहान को अजीब लगा। उसने पूछा, "तो इसका मतलब यह पार्टी आर एस की तरफ से है?"
ईशान बोला, "नहीं! बिल्कुल भी नहीं!! यह पार्टी मैंने ही ऑर्गेनाइज की है और सारा खर्चा मैंने ही किया है लेकिन पैसे कहां से आए ये मैं तुम्हें बाद में बताऊंगा। तब तक तुम पार्टी इंजॉय करो।"
रेहान ऐसे ही थोड़ा टेंशन में था और पार्टी में थोड़ा इंजॉय करके खुद को फ्रेश फील कराना चाहता था इसलिए उसने ईशान के ज्यादा मुंह लगना सही नहीं समझा और पार्टी में शामिल हो गया।
विहान पहले से वहां मौजूद था। मानसी भी अपने छोटे से बेबी को गोद में लिए वहां बैठी हुई थी। विहान के मम्मी पापा भी इस पार्टी में मौजूद थे। रेहान ने एक नजर विहान को देखा तो वह चौक गया। उसके ठीक बगल में रूद्र बैठा हुआ था। वह दोनों दोस्त बार काउंटर के पास थे और रूद्र बार काउंटर पर अपनी ठुड्डी टिकाए बैठा हुआ था। उसके हाथ में एक ग्लास थी और उसके चेहरे पर उभरे हाव भाव को देखकर यह समझ में आ रहा था कि रूद्र ने कुछ ज्यादा ही पी ली है।
रेहान रूद्र के पास आया और उसे उठाते हुए बोला, "तू यहां क्या कर रहा है? तुझे तो किसी पार्टी में जाना था ना?"
रुद्र बोला, "तो तुम्हें यहां किसी की शादी नजर आ रही है? पार्टी है मेरे भाई, पार्टी में हीं आया हूं। मुझे नहीं पता था तुम लोग भी आने वाले हो! वेट.....! मुझे पता था तुम आने वाले हो। आखिर यह तुम्हारी भी तो पार्टी है तो मैं कैसे नहीं आता!"
विहान बोला,"रूद्र...! तू कब से इतनी पीने लगा? तू तो नहीं पीता था! हालत देख अपनी, ठीक से खड़ा भी नहीं हो पाएगा तु।"
रुद्र बोला, "फ्री की दारु कौन छोड़ता है भाई?"
ईशान उसके पास आकर बोला, "तुम क्यो उसे परेशान कर रहे हो यार! इंजॉय करने दो उसे। तुम तो इंजॉय करते नहीं हो कम से कम उसे तो छोड़ दो। उसे पीना है तो पीने दो। डोंट वरी रूद्र! तुम्हें जितना मन करें तुम उतना पी सकते हो, यहां तुम्हें कोई नहीं रोकेगा।" कहते हुए ईशान में बारटेंडर को आवाज लगाई और अपने हाथों से रूद्र के लिए एक कॉकटेल बनाकर उसके सामने रख दिया।
उसी वक्त मिस्टर सिंधिया पार्टी में आ पहुंचे। ईशान भागते हुए मिस्टर इंडिया के पास आया और उनका वेलकम करते हुए बोला, "सिंधिया सर! मैं आप ही का इंतजार कर रहा था। आखिर आप इस पार्टी के गेस्ट ऑफ ऑनर जो है। आइए मैं आपको यहां मौजूद सबसे मिलवाता हूं। हमारे सारे बोर्ड मेंबर्स और हमारे सारे इन्वेस्टर्स यहां मौजूद है।" कहते हुए ईशान ने मिस्टर सिंधिया को एक ही सबसे मिलवा ना शुरू किया।
रेहान इंतजार कर रहा था कि कब ईशान उसे भी मिस्टर सिंधिया से मिलवाएगा लेकिन उसने एक-एक कर सब से मिलवाया और रेहान को भूल गया। सबसे आखिर में वह रेहान के पास आया जिसे देख रेहान को बुरा लगा। आखिर उस कंपनी में रेहान की भी कोई वैल्यू थी और इशान जानबूझकर उसे नीचा दिखाने की कोशिश करता था जो उसने आज भी किया। ईशान उसे मिलवाते हुए बोला, "रेहान! ये है मिस्टर सिंधिया! हमारे नए पार्टनर। हम इनके साथ मिलकर काम करने वाले है। इन्हे देखकर लगता नहीं है ना कितने कम उम्र में इतना बड़ा मुकाम हासिल किया होगा! मिस्टर सिंधिया आप आज भी बहुत यंग लगते हैं, सीरियसली!!! आपकी वाइफ नज़र नहीं आ रही! आप अपनी वाइफ को लाना भूल गए शायद!"
मिस्टर सिंधिया बोले, "मैं कुछ नहीं भूलता। मेरी शादी नहीं हुई अभी तक। अपने कैरियर को बनाने में मैंने इतनी ज्यादा मेहनत की कि मैं भूल ही गया शादी करना।"
ईशान हंस पड़ा और बोला, "बड़े लोगों की बड़ी बात। हर किसी की आदत होती है भूलने की। कुछ लोग अपना फोन भूल जाते हैं, कुछ लोग खुद को भूल जाते हैं, कुछ लोग दोस्तों को भूल जाते हैं और आप ठहरे बड़े लोग, आप शादी करना भूल गए! कोई बात नहीं। आपकी लाइफ में भी कोई ऐसी जरूर आएगी और बहुत जल्दी जाएगी। आपको कोई लड़की ना नहीं कह सकती। अरे हां मिस्टर सिंधिया! मैं आपको इनसे मिलवाना तो भूल ही गया। यह है मिस्टर रेहान, रेहान सिंघानिया! यह पार्टी इन्हें के पैसों से ऑर्गेनाइज की है हमने।"
रेहान ने सुना तो हैरान रह गया। उसके पैसों से कैसे हो सकता था! रेहान को हैरान देख ईशान बोला, "ऐसे हैरान मत हो तुम। यह पार्टी तुम्हारे पैसों से ही ऑर्गेनाइज की गई है। तुम्हारी कंपनी के जितने भी शेयर थे ना मेरे पास, मैंने उन सबको बेच दिया। अब जल्दबाजी में बेच तो इतने पैसे नहीं मिले जितने मिलना चाहिए थे लेकिन ठीक है! जो ही मिले। यह ग्रैंड पार्टी के लिए तो काफी थे तो मैंने खर्च कर दिया। वैसे भी अब हमें तुम्हारी जरूरत नहीं थी। इसलिए मैंने कहा था इसे अपनी पार्टी समझो और इंजॉय करो। उसके बाद आराम से अपने घर चले जाना, हमेशा के लिए!"
रेहान ने गुस्से में ईशान का कॉलर पकड़ लिया।