Chapter 21

Chapter 21

humsafar 21

Chapter

21  

    अवनि उसकी आवाज़ सुनकर कही खो सी गयी। श्रेया तो अपने प्रिंस चार्मिंग के साथ सपनो की दुनिया मे ही चली गयी मानो वो गाना उसी के लिए गा रहा हो। सारांश आँखे मूंदे हर तान को महसूस कर रहा था। अचानक ही उसके चेहरे के भाव बदलने लगे और कुछ ही देर के बाद उसके हाथ रुक गए, वह बहुत ज्यादा नाखुश दिख रहा था। उसने गिटार साइड मे रखा और वहाँ से जाने लगा तो धानी ने आवाज़ देकर बुलाया और कार्तिक को हल्दी लगाने को कहा। सारांश आया ,कार्तिक को हल्दी लगाई और बिना कुछ कहे चला गया। 

    किसी को कुछ समझ नही आया, कार्तिक ने काव्या और अवनि को देखा जिसकी आँखों मे कई सवाल थे। कार्तिक बोला, "कोई बात नही है!, सारांश एक पियानो आर्टिस्ट है उसने पूरी कोशिश की थी गिटार सीखने की, और उसने सीखी भी लेकिन बजाने मे उससे अभी भी गलतिया हो जाती है। बस यही एक कमी है जिसे वह एक्सेप्ट नही कर पाता है। किसी और को पता चले या ना चले, उसे तो पता चल ही जाता है। उसे हर चीज मे पर्फेकसन चाहिए। डोन्ट वरी, थोड़ी देर मे सब नॉर्मल हो जायेगा।" कहकर कार्तिक मुस्कुरा दिया। 

     कार्तिक की बात सुन सब नॉर्मल हुए। सबने बारी बारी से दोनो को हल्दी लगाया। चित्रा ने जब। कार्तिक को हल्दी लगाया उस वक़्त कुछ अजीब सा महसूस हुआ मगर खुदको संभालते हुए वहाँ से फ़ौरन हट गयी। अवनि ने काव्या को हल्दी लगाई तो काव्या ने भी उसे हल्दी लगाकर कहा, "अब तेरी बारी, अगला नंबर तेरा!" यह सुन वह शरमा गयी। अवनि को शरारत सूझी और उसने श्रेया को पीछे से जाकर गालों पर हल्दी लगा दी। श्रेया को चेहरे पर इस तरह कुछ लगाना बिल्कुल भी पसंद नही था। उसने भी अपने दोनो हाथो मे भर कर हल्दी लिया और पलटकर अवनि पर वार करना चाहा मगर अवनि वहाँ से भाग निकली। 

     अवनि आगे और श्रेया उसके पीछे भाग रही थी। भागते हुए अवनि घर के अंदर दाखिल हुई मगर श्रेया दरवाजे पर ही चित्रा से टकरा गयी और दोनो किसी नागिन की तरह फुफ्कारते हुए दो दिशाओं मे चली गयी। इधर अवनि भागते भागते सीधे सारांश से टकराई जो बाहर जा रहा था। अवनि का हाथ उसके सीने से टकराया जिसके झटके से वह हल्का सा झुका और अवनि के गाल पर लगी हल्दी सारांश के गर्दन पर लग गयी। सारांश पीठ के बल नीचे गिर पड़ा और अवनि उसके ऊपर थी। 

      सारांश के हाथ से फोन छूटकर नीचे गिर गया था। कुछ देर दोनो ऐसे ही रहे। अवनि ने जब अपना सर उठाकर देखा तो खुदको सारांश के ऊपर गिरा हुआ पाया। घबराहट मे उसका गला सुख गया, उसकी समझ मे नही आरहा था की जिसे वो अवॉइड करने की कोशिश कर रही है उसी से बार बार क्यों टकरा रही है। वह झटके से उठ खड़ी हुई और सारांश को भी उठने मे हेल्प किया। सारांश को महसूस हुआ की उसके गर्दन पर ठंडा सा कुछ है, उसने छुआ तो उसके हाथ पर भी हल्दी लग गयी। उसका फिरसे हाथ साफ करने के ख्याल से मुह बन गया। 

     अवनि से कुछ कहते नही बना और वहाँ से जाने के लिए मुड़ी मगर फोन पर पैर पड़ते ही लडखडा गयी। इससे पहले वह गिरती, सारांश ने उसको कमर से पकड़कर संभाल लिया। घबराहट से या उसकी नज़दीकी से,अवनि का दिल जोरों से धड़क रहा था। अवनि जल्दी से खुद को छुड़ा कर वहाँ से बाहर भागी। काव्या और कार्तिक की हल्दी हो चुकी थी इसीलिए दोनो को वहाँ से उठाकर नहाने भेज दिया गया। अवनि और श्रेया भी काव्या के साथ जाने लगे तो चित्रा ने होंठो को गोल करके सिटी बजाई। 

    "क्या बात है अवनि!!! तुम्हारा बॉयफ्रेंड यही आसपास है क्या? मानना पड़ेगा, बड़ा ही रोमांटिक है वो, बिल्कुल सही जगह  चुनी है उसने" कहकर शरारत से उसके कमर की ओर इशारा किया।  अवनि ने देखा उसकी कमर पर हल्दी से हाथ के निशान छपे थे। पहले तो उसे समझ नही आया की उसकी कमर पर हल्दी लगी कैसे, मगर अचानक से याद आया की कैसे उसकी झूठी हल्दी सारांश को लगी और सारांश ने उसी हल्दी के हाथों उसे गिरने से बचाने के लिए कमर पकड़ा था। 

    "नही नही!!! ये तो मेरे ही हाथ के निशान है।" कहकर अवनि नजरे चुराकर काव्या को लेकर चली गयी। 


   शाम का धुंधलका गहराने लगा था। नानु और विशाल शादी मे सामिल होने का वादा करके आश्रम चले गए। सब लोग नीचे लिविंग एरिया मे इकट्ठा थे और अवनि ऊपर बालकनी मे खड़ी अपने आप से लड़ रही थी। उसके मन मे उठ रहे एहसासों को समझने की कोशिश कर रही थी। अनेक सवाल थे मन मे जिसका जवाब किसी से माँग भी नही सकती थी। "कॉफी!!!! " पीछे से आवाज़ आई। अवनि ने मुड़कर देखा सारांश हाथ मे कॉफी का दो मग लिए उसी की ओर आ रहा था।

    "बहुत परेशान लग रही हो?" कहकर सारांश ने कॉफी का मग अवनि की ओर बढ़ा दिया। अवनि ने बिना ज्यादा कुछ सोचे मग थामकर बोली, "इसे क्या मै सॉर्री समझू!!"  सारांश ने भौंहे चढ़ा कर उसे घूरा और कहा, " हाँ....! सॉर्री तो मुझे कहना चाहिए। आपको पूल मे नहाते टाइम डिस्टर्ब किया! नीचे भागते हुए आप से टकराया और आप को मेरी वजह से चोट लगी!! सॉर्री तो मुझे कहना ही चाहिए।" 

     अवनि झेंप गयी, सारांश ने सीधे सीधे उसकी गलतिया गिनवा दी थी। "सॉर्री!!!! आप को मेरी वजह से चोट लगी। लेकिन आपको अभी कॉफी से ज्यादा नींद की जरूरत है" अवनि ने कहा। "रात भर तुम भी तो नही सोई" सारांश ने सामने बालकनी से बाहर देखते हुए कहा। 

       सारांश का ध्यान बालकनी से बाहर था जिसके कारण उसके चेहरे के भाव अचानक से बदल गए। अवनि उसे कुछ कहना चाह रही थी मगर सारांश ने उसे शख्त लहजे मे कहा, "नीचे चलो..! " कहकर वह बिना पीछे अवनि को देखे तेजी से सीढियो से नीचे उतर गया। अवनि को कुछ समझ नही आया, वो भी नीचे उतर गयी। 

     अवनि नीचे आई तो देखा सब घरवाले लिविंग एरिया मे बैठे बाते कर रहे थे मगर सारांश वहाँ नही था। सिया ने उसे अपने पास बुलाकर बैठाया। उसके सामने टेबल पर वही मग था जिसमे सारांश कॉफी पी रहा था। "इतनी जल्दी कहाँ चला गया?" अवनि सब के बीच बैठी सोच रही थी और उसने वो मग उठा लिया। 

    अवनि के हाथ मे मग देख चित्रा ने बताया की ये सारांश का फेवरेट मग है जिसे वह फ्रांस से लाया था। सारांश का नाम सुन कंचन बोली, "बहुत खबसुरत आवाज़ है आपके बेटे की। सच मे! पिता जी भी बहुत तारीफ कर रहे थे"

   कंचन की बात सुन सिया मुस्कुरा दी और बोली, " ये सब उसे अपने पापा से विरासत मे मिला है। मेरे दोनो बेटो मे उनके पिता की झलक साफ दिखती है। लेकिन सारांश ने मेरे और शरद, दोनो के गुण मिले है। शरद को म्युजिक का शौख था और मुझे पेंटिंग का लेकिन शरद के जाने के बाद सब छूट गया। " तभी कार्तिक ने कहा , " अरे माँ क्या बताऊ!! अपने अभि बस एक ही खूबी देखी है उसकी। उसके बारे मे बताना शुरू किया तो सुबह हो जायेगी।" कार्तिक की बात सुन अवनि को भी इंट्रेस्ट आने लगा था सारांश के बारे मे जानने का। 

    श्रेया से रहा नही गया तो वो पूछ बैठी, "और क्या क्या खास है उनमे" कार्तिक पहले तो हँसा फिर बोला, " खास उसमे नही है, वो खुद मे ही खास है। ऐसा क्या है जो वो नही कर सकता। मै तो हमेशा से उसे सुपरमैन बुलाता हु। उसकी सिंगिंग तो आप सब ने देखी, उसकी पेंटिंग ऑक्सन मे लाखों मे बिकती है। उसकी फोटोग्रफी कमाल की है। स्पोर्ट्स मे भी आगे रहा है। पढाई मे भी वो अपने ही क्लास के बच्चो को पढाता था। उसे सब कुछ बनना था सिवाय बिजनेस मैन के। लेकिन किस्मत देखो...! सब होते हुए भी आज वो वही है जो वो कभी बनाना नही चाहता था।" 

      "लेकिन एक बहुत बड़ी बात तो तुम बताना भूल ही गए। सारांश का नाम सिर्फ बिजनेसमैन की लिस्ट मे नही आता। इन सब के अलावा भी उसकी एक बहुत बड़ी और खास पहचान है जिसके बारे मे बहुत कम लोग जानते है।" चित्रा बोली तो सब उसकी ओर देखने लगे। सारांश के बारे मे अब हर कोई जानना चाह रहा था ।

      "माँ.........!"काव्या की दर्द भरी चीख ने पूरे घर को डरा दिया। 


क्रमश: