Chapter 145

Chapter 145

YHAGK 144

Chapter

144






लावण्या ने रेहान से बदला लेने के लिए एक ऐसी चाल चली जिस में फंसकर रेहान पूरी तरह से तिलमिला गया। लावण्या अपनी प्लानिंग से बहुत ज्यादा खुश थी जिसमें उसने जतिन को शामिल किया था। उसने बिल्कुल भी नहीं सोचा था कि वह ऐसा कुछ करेगी। बेचारा जतिन सच्चाई से अनजान था। लावण्या खुश थी कि जतिन आज वापस जा रहा था। जब तक वह वापस लौटकर नहीं आता तब तक उसका यह राज खुलने का कोई डर ही नहीं था। 


  वह अपने दिमाग में सारे ख्याल बुन रही थी और कब कौन सा वार करना है यह सोच कर मुस्कुरा रही थी। उसी वक्त रेहान कमरे में दाखिल हुआ और बोला, "किस बात की इतनी खुशी है जो अकेले अकेले मुस्कुराया जा रहा है? और तुम बात किससे कर रही थी?"


    रेहान की आवाज सुनकर लावण्या चौक गई। वह अभी अभी बाथरूम से बाहर निकली थी और इस वक्त टॉवल में थी। लावण्या ने अपने चेहरे के भाव स्थिर रखें ताकि रेहान को किसी तरह का कोई शक ना हो और उसकी तरफ पलटते हुए बोली, "वह मैं कल रात के बारे में सोच कर मुस्कुरा रही थी। वाकई में रेहान! कल की रात बहुत खूबसूरत थी माना मैं पूरी तरह से होश में नहीं थी लेकिन कल रात की हर एक बात मुझे याद है।" कहते हुए वह बड़े नजाकत से रेहान की तरफ बढ़ी और उसके गले में बाहें डाल कर बोली, "जिस तरह तुम्हारी उंगलीयाँ मुझे छू रही थी! जिस तरह तुम्हारे होठों मुझ पर थिरक रहे थे! जिस बेताबी से तुम मुझे प्यार कर रहे थे! वह हर एहसास........... मैं तुम्हें बता नहीं सकती रेहान! मै हमेशा से चाहती थी कि तुम मुझे इसी तरह प्यार करो!" कहते हुए उसकी आवाज में नशा उतर आया। 


     रेहान से और सुना नहीं गया। उसने लावण्या को चुप कराते हुए कहा, "बस करो लावण्या! बस करो!!"


    लावण्या एकदम से उससे दूर हटी और आईने के पास अपने बाल बनाते हुए बोली, "जानती हूं कल रात को लेकर तुम भी शरमा रहे हो। ट्रस्ट मी! मुझे भी बिल्कुल शादी के पहले रात वाली फीलिंग आ रही है। इस वक्त मैं खुद को एक नई दुल्हन की तरह महसूस कर रही हूं। वो जैसे पहली बार की बार होता है! सच सच बताना रेहान! कल तुम ने कोई ड्रग्स लिया था क्या?"


   रेहान से लावण्या की बातें बर्दाश्त नहीं हो रही थी। उसने कहा, "लावण्या! मुझे तुमसे कुछ बात करनी है, कल रात के बारे में।"


    लावण्या जानती थी रेहान को किस बारे में बात करनी है फिर भी उसने अनजान बनते हुए कहा, "कल रात के बारे में? हमारे बारे में या फिर हमारी पार्टी के बारे में? वैसे कुछ भी कहो! जतिन ने बहुत अच्छा अरेंजमेंट किया था। उसे अप्वॉइंट करके मैंने कोई गलती नहीं की। वाकई में काफी काबिल है। आई विश कि मैं उसे पर्सनली मिलकर उसे थैंक्यू कह पाती।"


   रेहान ने मन ही मन कहा, "उसने थैंक्यू से कुछ ज्यादा ही ले लिया है। उस हरामखोर को मैं छोडूंगा नहीं।" फिर उसने लावण्या से कहा, "लावण्या! मुझे उसका नंबर चाहिए। मेरा मतलब जतिन को पर्सनली मिलना चाहती हो ना तुम! तो हम दोनों मिलकर उसे थैंक्यू कहेंगे।"


    लावण्या आईने में रेहान को देखते हुए बोली, "जतिन तो आज सुबह की फ्लाइट से चला गया। उसकी तो कल की ही फ्लाइट थी लेकिन मेरी वजह से उसे 1 दिन पोस्पोंड करना पड़ा था। आज सुबह-सुबह वो यहां से निकल गया। इस वक्त वो इंडिया में नहीं है।"


    रेहान ने सुना तो उसके होश उड़ गए। जतिन कहां से आया था और कहां चला गया इस बारे में उसे कोई खबर नहीं थी। उसे तो लगा था कि जतिन से सारे हिसाब बराबर करेगा लेकिन जब वह इंडिया में है ही नहीं तो फिर अब तो क्या कर सकता है? 


    लावण्या अपने बाल बनाते हुए अपने सारे बालों को लेकर जुड़े के स्टाइल में समेट दिया। उसके पीठ पर गर्दन के नीचे बने उस लव बाइट पर जैसे ही रेहान की नजर पड़ी वह गुस्से में बोखला गया। लावण्या ने जानबूझकर वो निशान दिखाए थे जिसे उसने खुद लिपस्टिक से बनाया था। रेहान ने बिल्कुल वैसे ही रिएक्ट किया जैसा लावण्या चाहती थी। रेहान ने लावण्या का हाथ पकड़ा और कहा, "लावण्या! तुम अभी इसी वक्त में साथ पुलिस स्टेशन चलो।"


    पुलिस स्टेशन का नाम सुनकर ही लावण्या ने हैरानी से रेहान को देखा और कहा, "पुलिस स्टेशन? इस वक्त? लेकिन क्यों? ऐसा क्या हो गया जो तुम मुझे इस हालत में बिना कपड़ों के पुलिस स्टेशन लेकर जाना चाहते हो?"


     रेहान को एकदम से ख्याल आया कि लावण्या इस वक्त टॉवेल में थी। उसने कहा, "तुम जल्दी से तैयार हो जाओ, हमें पुलिस स्टेशन जाना है। जतिन को हम नहीं छोड़ सकते। तुम्हें कुछ याद नहीं उसने क्या किया है?"


    लावण्या उसका हाथ छुड़ाते हुए बोली, "कम ऑन रेहान! अब ऐसा क्या कर दिया जतिन ने जो तुम इस कदर बौखला गए हो? वह बेचारा आया और हमारी पार्टी अरेंज करके चला गया। यहां तक कि पार्टी अरेंज करने के पैसे तक नहीं लिए उसने तो फिर किस बात का कंप्लेन?"


    रेहान लावण्या को दोनों कंधे से पकड़ते हुए बोला, "उसने पार्टी अरेंज करने के पैसे नही लिए लेकिन बदले में बहुत बड़ी कीमत वसूल कर गया है वह। कल रात तुम्हारे साथ मैं नहीं था! मैं तो पार्टी हॉल में तुम्हारा इंतजार कर रहा था। जतिन तुम्हें लेकर वहां से बाहर गया था। इस बात की गवाही खुद वहां के चौकीदार ने दी है। सिक्योरिटी गार्ड से तुम्हारी बात करवा सकता हूं मै। उसने देखा था जतिन को तुम्हे अपने साथ ले जाते हुए। मेरा यकीन करो। तुम जो कल रात की बात कर रही हो, वह मैं नहीं था। वो जतिन था तुम्हारे साथ।"


   लावण्या एकदम से चीख पड़ी, "रेहान........!!! कुछ भी बोलने से पहले एक बार सोच लो कि तुम क्या बोल रहे हो! और किसके बारे में बोल रहे हो! मैं तुम्हारी बीवी हूं और तुम कहना चाह रहे हो कि किसी और ने मुझे छुआ है? नहीं! ऐसा नहीं हो सकता! मुझे पूरा याद है, तुम थे मेरे साथ और कोई नहीं। मेरा भगवान जानता है कि मुझे तुम्हारे अलावा किसी और ने नहीं छुआ और अगर किसी ने गलती से छू लिया तो मैं अपनी जान दे दूंगी! आइंदा गलती से भी ऐसा मजाक मत करना तुम मेरे साथ वरना बहुत पछताओगे।" कहकर लावण्या ने अलमारी से कपड़े निकाले और बाथरूम में चली गई। 


    रेहान वहीँ पत्थर की मूरत के जैसे खड़ा रह गया। बिल्कुल इसी तरह की धमकी उसने रूद्र को भी दी थी, अपनी जान देने की धमकी। वही धमकी आज लावण्या ने रेहान को दी। रेहान को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वह आगे क्या करें? लावण्या की इस धमकी का असर कुछ ऐसा था कि रेहांन कुछ समझ नहीं पा रहा था। 


    बाथरूम में खुद को बंद कर लावण्या ने गहरी सांस ली और खुद् से बोली, "आइंदा तुम इस बारे में बात करने से पहले सोचोगे। जतिन पर मैं आच नहीं आने दे सकती। फिर चाहे इसके लिए मुझे कुछ भी क्यों ना करना पड़े। इस सब में उसकी कोई गलती नहीं। अगर रेहान ने ऐसा कुछ किया तो......... नहीं! मेरे इस एक धमकी का असर उस पर जरूर हुआ होगा और वो ऐसा कुछ करने से पहले सौ बार सोचेगा।"




   लावण्या तैयार होकर निकली। रेहान अभी भी अपने कमरे में था और वही सब सोच रहा था। लावण्या ने भी उसे डिस्टर्ब करना सही नहीं समझा और नीचे चले आई। सब की रातें बेचैनी में गुजरी थी। शिखा जी ने सुबह-सुबह नाश्ता तैयार करवा दिया और शरण्या टिफिन पैक करने में लगी थी। लावण्या जब नीचे आई और उसने यह सब देखा तो बोली, "शरण्या! यह किसका खाना पैक कर रही हो? कहीं जा रही हो क्या तुम?"


    शरण्या टिफिन पैक करते हुए बोली, "हाँ दी! वह मैं हॉस्पिटल जा रही हूं। रूद्र के साथ वही नाश्ता कर लूंगी।"


   लावण्या ने हैरानी से पूछा, "रूद्र हॉस्पिटल में है? क्या हुआ है उसे?"


   शिखा जी ने हैरान होकर कहा, "तुम्हें कुछ नहीं पता लावण्या? कहां थी तुम कल रात? इतना कुछ हो गया और तुम्हें खबर तक नहीं है!"


   शरण्या ने लावण्या पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और बोली, "कल रात किसी ने मौली को किडनैप करने की कोशिश की! इस वक्त वो हॉस्पिटल में है और रूद्र वही उसके पास है। मैं निकलती हूं मां!" कहकर उसने थैला उठाया और तेजी में वहां से निकल गई। 


    लावण्या बेचैन हो गई। उसने पीछे से शरण्या को आवाज देते हुए कहा, "शरणया रुको! मैं भी आ रही हूं!" कहते हुए उसने पीछे से दौड़ लगा दी। दोनों बहने एक साथ हॉस्पिटल के लिए निकल गई। 


     मौली की हालत पहले से बहुत बेहतर थी और उसे होश भी आ चुका था। रूद्र ने उसे हल्का नाश्ता करवा दिया था और वो आराम से बेड पर लेटी हुई थी। शरण्या को देखते ही मौली खुशी से चहक उठी और बोली, "मॉम! कहां थे आप? कब से ढूंढ रही थी आपको!"


    शरण्या उसे गले लगाते हुए बोली, "अपने पापा से पूछो! उन्होंने मुझे यहां से घर भेज दिया था वरना मैं अपने बच्चे के पास होती। तुम्हारे पापा बहुत बुरे है।" लेकिन मौली अपने पापा की तरफदारी करते हुए बोली, "डैड ने जो भी किया बिल्कुल ठीक किया। वह मुझसे भी प्यार करते हैं और आपसे भी। इसीलिए उन्होंने आपको घर भेज दिया और खुद मेरे पास रुक गए।"


     मौली को रूद्र की तरफदारी करते देख शरण्या थोड़ी नाराज हो गई। लावण्या ने आगे बढ़कर मौली के बाल सहलाते हुए पूछा, "अब कैसी तबीयत है प्रिंसेस की?"


    मौली ने भी उसी अंदाज में जवाब दिया, "प्रिंसेस अब पहले से बहुत ज्यादा बेहतर है और अब वह अपने महल जाना चाहती है।"


     मौली की बातों से सभी हंस पड़े। कुछ देर के बाद ही मानसी विहान और मानव हॉस्पिटल चले आए। मानव ने देखते ही मौली का हाथ पकड़ लिया और वही बेड पर बैठ गया। उसने पूछा, "कैसी हो तुम? तुम्हें कसीने मारा तो नहीं?"


    मौली ने अपने बाल झटकते हुए कहा, "किसी की इतनी हिम्मत है जो मुझे मारे! वह तो मैं बस थोड़ा घबरा गई थी वरना कुछ नहीं।" 


   विहान ने लावण्या से कहा, "लावण्या! मैंने राहुल को घर छोड़ दिया है।" लावण्या बस मुस्कुरा दी। विहान रुद्र के साथ बाहर चला गया। वह दोनों कल रात के बारे में बात कर रहे थे। एक बहुत बड़ा हादसा होने से बच गया था लेकिन ऐसा ना हो इसका ध्यान रखना था। विहान बोला, "मौली को घर से बाहर अकेले छोड़ना सही नहीं है। वह घर में है तो सेफ़ है। घर वालों के बीच उसे कुछ नहीं होगा। लेकिन बाहर उस पर ध्यान देने की जरूरत है।"


    रूद्र बोला, "मौली खुद इतनी समझदार है! लेकिन कल रात जो हुआ वह कैसे हुआ यह जानना जरूरी है। आज के बाद उसके बाहर आने जाने की हर खबर मुझे रखनी होगी। हो सके तो उसके लिए एक बॉडीगार्ड अप्वॉइंट करना होगा जो हमेशा घर के बाहर रहेगा।"


    मानव ने उन दोनों की बात सुनी और मन ही मन बोला, "मौली को खतरा घर के बाहर नहीं है अंकल! खतरा तो घर के अंदर ही है। राहुल ने मौली के साथ जो किया उसके बाद उसे सजा मिलनी चाहिए लेकिन यह बात मैं आपसे कहूं भी तो कैसे? अगर राहुल ने मेरे साथ भी ऐसा कुछ किया तो मुझे कोई नहीं बचा पाएगा। प्लीज भगवान जी! मेरी हेल्प कीजिए।" 


    मानव ने एक नजर मौली पर डाली जोकि शरणया और लावण्या के साथ हंस हंस कर बातें कर रही थी। मानव भी उसके पास आकर बैठ गया और उसका हाथ पकड़ लिया। मानव के चेहरे पर परेशानी के भाव थे तो शरण्या ने कहा, "मौली बिल्कुल ठीक है बेटा! तुम इतना परेशान मत हो।"


    लेकिन मानव ने तो मौली को गले से लगा लिया। रूद्र ने दरवाजे के कांच् से अंदर झांका। उसने जब मानव को मौली के इतने करीब देखा तो विहान को ताना देते हुए कहा, "तेरा बेटा मेरी बेटी को परेशान कर रहा है। अभी से उस पर लाइन मार रहा है।"


    विहान भी उसकी बातें सुनकर जब अंदर की ओर देखा तो मुस्कुराए बिना ना रह सका। उसने कहा, "करने दे ना! कौन सा दोनों सगे रिश्तेदार है! दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है इन दोनों का। तेरी बेटी मेरा बेटा.......! चल अगर हम दोनों समधी बन गए तो..........!"


      रूद्र भी मुस्कुरा दिया।