Chapter 90

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humsafar 90

Chapter

90

   अवनि पूरे दिन सारांश के साथ ही रही और शुभ के बारे मे लगभग भूल ही गयी थी। इसीलिए उसने रज्जो को सोने भेज दिया और खुद भी कमरे मे जाने से पहले पानी का जग भरने मे लगी थी। तभी ना जाने कहाँ से शुभ उसे अकेला पा कर उसे परेशान करने आया। उसे अपने इतने करीब देख अवनि बुरी तरह से डर गयी। उसे समझ नही आया की आखिर दिन भर गायब रहने के बाद अचानक से वह घर वापस कब और कैसे आया!!! 

      शुभ को अचानक से अपने इतने करीब थे अवनि घबरा गई और दो कदम पीछे हटी जिससे वह दीवार से जा टकराई। उसे यूं घबराया देख शुभ के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई। उसने कहा, " डर गई मुझे देख कर!!! अच्छा लगा मुझे यह देख कर। तुम्हारे चेहरे पर जो यह डर है ना ये मित्तल साहब की नाकामी बता रहा है। ऐसे ही डरा करो मुझसे क्योंकि तुम्हारे पति को ऐसे हारते हुए देख मुझे बहुत खुशी मिलती है।"

      अवनि जो कि अभी घबराई हुई सी थी, सारांश के बारे में सुनते ही ना जाने कहां से उसमे हिम्मत आ गई और उसने अपने दोनों हाथ शुभ के सीने पर रखकर उसे जोर का धक्का दिया जिससे वह लड़खड़ा कर जमीन पर गिर पड़ा। शुभ को इसकी उम्मीद बिलकुल भी नही थी। अचानक हुए इस हमले से शुभ खुद को संभाल नहीं पाया। जब उसने गुस्से से अवनी की ओर देखा तब अवनी के चेहरे पर डर की बजाय एक गुस्सा नजर आया। शुभ समझ नहीं पाया कि जो अवनि उससे हमेशा डर कर रहती थी और आँखे झुकाए रहती थी, अचानक से उसमें इतनी हिम्मत आई कहाँ से आ गयी। आज उसे अवनि का यह अलग सा रूप देखने को मिला था। 

      अवनी भी घबरा कर भागने की बजाय शुभ के सामने आकर घुटने के बल बैठ गई और उसका कॉलर पकड़कर बोली, "मेरे साथ और दूसरों के साथ अब तक तुमने जो किया सो किया लेकिन अगर तुम्हें मेरे पति के खिलाफ एक भी शब्द कहा तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। मैं वो अवनी नहीं हूं जिसे तुम हमेशा डरा धमका कर रखते थे और जो तुम्हारे सामने हमेशा अपना सिर झुकाए खड़ी रहती थी। अब मैं अवनी सारांश मित्तल हूं! सारांश मित्तल की बीवी! उनका गुरुर हू मै और तुम उनके गुरुर को कभी छू भी नहीं पाओगे। अरे छूना तो दूर तुम एक बार नजर उठा कर तो देखो, सारांश तुम्हारा क्या हाल करेंगे वो तुम सोच भी नहीं सकते।"

       अवनी वहां से उठी और पानी का जग लेकर अपने कमरे की ओर जाने लगी। तभी शुभ ने उसे पीछे से टोका, "जानती क्या हो तुम सारांश मित्तल के बारे में, और कितना जानती हो? उस के अतीत के बारे में पता भी है तुम्हें कुछ! तुमसे पहले ना जाने कितनी लड़कियां आई होंगी उसकी लाइफ में! तुम कोई पहले लड़की तो हो नहीं।"

       " मैं उनके बारे में सब जानती हूं और ये बात तुम्हें मुझे बताने की जरूरत नहीं है इसीलिए मुझे मेरे पति के खिलाफ भड़काने की या हम दोनों के बीच किसी तरह का दरार डालने की कोशिश भी मत करना तुम।" अवनि ने गुस्से से उसे घूरते हुए देखा और वापस जाने लगी तब शुभ ने कहा,"तो तुम्हें सब पता है उसके बारे में हाँ.....!लेकिन क्या उसने तुम्हें एक कभी अपनी उस सीक्रेट गर्लफ्रेंड के बारे में बताया जो अब्रॉड में पढ़ते टाइम उसके साथ हुआ करती थी। अरे उसके बारे में तो घर में किसी को भी नहीं पता तो तुम्हें कैसे बताएगा वो! वहाँ ना जाने दोनों कितने करीब आये होंगे! हो सकता है आज जो हक़ उसने तुम्हे दे रखा है वो तुम से पहले किसी और का रहा हो!" 

     अवनि इससे आगे कुछ और नही सुन पाई और पैर पटकते हुए वहाँ से निकल गयी। "बहुत पर निकल आये है तुम्हारे अवनि! अपने पति के दम पर बहुत उड़ रही हो! अब तुम देखना मै तुम्हारे उसी रिश्ते के साथ क्या करता हु।" शुभ को बस अवनि और सारांश के बीच गलतफहमी पैदा करनी थी और जो कुछ भी उसने अवनि को बताया उसका असर देखने वो उसके पीछे पीछे उपर चला आया। 

     अवनि जब अपने कमरे मे आई तब सारांश सोने की तैयारी कर रहा था। अवनि बिना उसकी ओर देखे पानी का जग उसके साइड वाले टेबल पर रखा और अपनी तरफ आई लेकिन सारांश ने ये बात नोटिस कर ली और अवनि को पीछे से पकड़ कर अपनी बाहों मे भर लिया। अवनि गुस्से मे उसकी पकड़ से छूटने की कोशिश करने लगी। सारांश को भी एहसास हो गया की अवनि गुस्से मे है लेकिन उसकी वजह उसे समझ नही आ रह आ था।

    सारांश की पकड़ अवनि पर से थोड़ी ढीली हो गई तो अवनि ने खुद को छुड़ा लिया और उससे दूर जाने की कोशिश करने लगी लेकिन सारांश ने उसका हाथ पकड़ कर रोक लिया और पूछा,"क्या हुआ अवनी! इतने गुस्से में क्यों हो? कुछ गलती कर दी, मैंने आखिर हुआ क्या है तुम्हें?"

      अवनि से और बर्दाश्त नहीं हुआ। उसने पूछा, "आपने कहा था कि मेरे अलावा कभी कोई और लड़की आपकी लाइफ में नहीं आई है तो फिर वह क्या है जो मुझे अभी अभी पता चला? अब्रॉड में आपकी एक गर्लफ्रेंड थी जिसके साथ आप सिक्रेटली रिलेशनशिप में थे!!! आप चाहते तो मुझे बता सकते थे लेकिन आपने झूठ बोला कि कभी कोई नहीं थी। 

     ओह गॉड अवनि!!! तुम भी किस बात को इतना तूल दे रही हो! अरे यार वो सिर्फ एक टाइमपास था इससे ज्यादा कुछ नहीं। ऐसी तो कई आई गई मेरी लाइफ में लेकिन प्यार तो मैंने सिर्फ तुमसे किया है ना और तुम क्यों ऐसे बेवजह भड़क रही हो तुमने भी तो नहीं बताया था मुझे अपने रिलेशनशिप के बारे में", सारांश ने रिलेशनशिप पर कुछ ज्यादा ही जोर देकर कहा। 

      "मैंने आपको नहीं बताया उसके पीछे की वजह कुछ और थी लेकिन मैंने कभी आपसे यह नहीं कहा कि आप के अलावा मेरी लाइफ में कभी कोई नहीं था। देर से ही सही लेकिन मैंने आपको सच बताया था। आप ऐसा कैसे कर सकते हैं! मेरे साथ इतना बड़ा झूठ कैसे बोल सकते हैं!!! " अवनि ने कहा। 

     "तुम बेवजह बात का बतंगड़ बना रही हो अवनी! ऐसे कोई भी कुछ भी कह देगा और तुम चुपचाप सुन कर मुझसे झगड़ा करने आ जाओगी!!!! सोचने को तो मैं भी बहुत कुछ सोच सकता हूं। अपने रिलेशनशिप में ना जाने तुम कितनी हद तक आ गई होगी लेकिन मैंने कभी तुमसे सवाल किया, नहीं ना!!! तो फिर तुम क्यों कर रही हो!" सारांश ने कहा। 

     "आप मुझ पर इल्जाम लगा रहे हैं!!! सारांश, चोर को पूरी दुनिया चोर नजर आती है और साधु को पूरी दुनिया साधु। अगर आप मुझ पर ऐसा इल्जाम लगा रहे हैं इसका मतलब आपने खुद हद पार की होगी। मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी और ना ही मुझे आपके साथ एक बेड पर सोना है, मैं जा रही हूं बाथरूम में!" अवनि पैर पटकते हुए बाथरूम मे चली गयी। 

      "हां तो मुझे भी कोई शौक नहीं है! मैं जा रहा हु बालकनी में सोने। वहाँ अगर मच्छरों से रोमांस किया तो तुम उससे भी जेलस मत हो जाना! रहना अकेले तुम इस कमरे में!" कहकर सारांश भी उठ कर चल दिया।  बाहर खड़ा शुभ इस सब के मजे ले रहा था। उसे सिर्फ इस बात से खुशी हो रही थी कि आखिर जो उसने सोचा था वह कामयाब हुआ और सारांश और अवनि के बीच आज पहली बार लड़ाई हो गई। तभी उसकी नजर सीढ़ियो से ऊपर आती सिया पर गई तो वह अपने कमरे में भाग गया और दरवाजा बंद कर लिया। 

     सिया जो कि नींद ना आने की वजह से परेशान थी वह हॉल में टहलने के लिए आई जब उसे सारांश और अवनी के कमरे से आवाज से आती सुनाई दी। उन दोनों की बाते उसे साफ साफ सुनाई तो नहीं दे रही थी लेकिन इतना जरूर समझ गई थी कि उन दोनों के बीच लड़ाई हो रही है। उसने ऊपर की ओर देखा तो उसे उन दोनों के कमरे के बाहर कुछ दूर पर खड़ा शुभ नजर आया। सिया को पूरा यकीन हो चला कि उन दोनों के बीच में हो रही लड़ाई की पीछे की वजह शुभ ही है। और यह बात सिया बर्दाश्त नहीं कर सकती थी। वह ऊपर गई तो देखा सारांश के कमरे का दरवाजा हल्का सा खुला हुआ था। 

    सिया ने दरवाजे पर नॉक किया लेकिन किसी की कोई आवाज नहीं आई तो वह अंदर गई। अंदर उसे कमरे मैं किसी की भीनी भीनी हंसी की आवाज सुनाई दी जिस पर उसने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। वहां कोई भी नहीं था उसने चारों ओर नजर दौड़ाई लेकिन वहां कहीं कोई नहीं दिखा ना कमरे में नहीं बालकनी में। 'आखिर यह दोनों गए कहां' सोचते हुए सिया ने दोनों को आवाज लगाई, "सारांश.....! अवनि.........!कहां हो बेटा?"

    सिया के पुकारने की आवाज सुन उन दोनों ने एक साथ जवाब दिया,"यस मॉम"। सिया ने महसूस किया कि उन दोनों की आवाज बाथरूम के अंदर से आ रही थी। यानी कि लड़ने के बहाने दोनों एक साथ बाथरूम के अंदर थे तो सिया सारी बातें समझ गई और उसने कहा,"कोई बात नही! मुझे लगा की तुम दोनों..........कोई नही, तुम दोनों अपनी लडाई कोंटीन्यु कर सकते हो। मैं अपने कमरे में जा रही हूं। सॉरी मैंने तुम दोनों को डिस्टर्ब किया। तुम दोनों लड़ाई करो जितना मन करे।" कहकर सिया बाहर निकल गयी और दरवाजा बन्द कर दिया। 

    वही अवनि जब बाथरूम में गई तो सारांश भी चुपके से अंदर दाखिल हो गया और दरवाजा बंद करते हुए कहा, "लड़ाई करनी है तुम्हें मुझसे!!! गुस्सा आ रहा है मेरे पर!!! किसने बताया तुम्हें यह सब?"

     "जिसने भी बताया हो, आपको उससे क्या? आप बस अपनी गर्लफ्रेंड के बारे में मुझसे छुपाते रहिए। जाने कितनी गर्लफ्रेंड रही होंगी आपकी",कहते हुए अवनी खिलखिला उठी। सारांश ने भी उसे कमर से पकड़ लिया और अपनी ओर खींचते हुए कहा,"बहुत अच्छी एक्टिंग कर लेती है आप मिसेज मित्तल! लगता है किसी की संगत का असर है आप पर। सच कहूं अवनी तो जब मैंने शुभ को तुम्हारे करीब आते देखा था और तुम्हें जिस तरह से घबराते हुए देखा था, मुझे लगा नही था तुम इतनी हिम्मत कर पाओगी लेकिन जिस तरह तुम ने रिएक्ट किया..... सच कहू तो मुझे बहुत अच्छा लगा। तुम खुद इतनी मजबूत हो कि अपनी हिफाजत खुद कर सको और मैंने हमेशा से यही चाहा है। एक बार मैंने मॉम से यही कहा था कि तुम बिल्कुल उनके जैसी हो बस थोड़ा सा कॉन्फिडेंस की जरूरत है और देखो आज मैंने वह कॉन्फिडेंस भी तुम्हारे अंदर देख लिया। सच में अवनी तुम बहुत स्ट्रॉंग हो बिल्कुल मॉम की तरह।"

     "पता नही मुझे क्या हो गया था! पहले तो मैं सच मे उसे देख डॉ गयी थी लेकिन जब उसने आपका नाम लिया तब जाने कहाँ से मुझ मे इतनी हिम्मत आ गयी। आप बिल्कुल सही थे सारांश! जब तक हम दोनों एक दूसरे पर आँखे बंद कर भरोसा नही करेंगे तब तक हम कभी एक दूसरे का साथ नहीं पा सकेंगे। आज शुभ है, कल कोई और हो भी हो सकता है लेकिन हमें एक दूसरे का हाथ थामे रखना होगा और एक दूसरे पर भरोसा बनाए रखना होगा। लेकिन.........यह सीक्रेट गर्लफ्रेंड वाली बात सुनकर सच में मुझे भी बहुत गुस्सा आया था आप पर। लेकिन जब मुझे याद आया कि आपने कहा था कि कोई प्लान है आपके दिमाग में तभी मैं समझ गई थी कि शुभ उसी के बारे में बात कर रहा है। तो अब सच सच बताइए मेरे अलावा कभी कोई नहीं रही है क्या आपकी लाइफ में! कोई गर्लफ्रेंड......... "

     "इस मामले में तुम मुझ पर आंखें बंद करके भरोसा कर सकती हो। मैंने तुमसे पहले ना कभी किसी लड़की को देखा ना कभी देखूंगा", सारांश ने कहा और उसे गले से लगा लिया, "वैसे मौका अच्छा है, तुम्हें नहीं लगता कि हमें इससे मौके का फायदा उठाना चाहिए!" कहते हुए सारांश ने चारों ओर बाथरूम मे देखा तो अवनि समझ गई और उसके सीने पर हल्के से मारा। 

    अभी वह दोनों बात कर ही रहे थे कि बाहर से से उन दोनों को सिया की आवाज सुनाई दी और अचानक ही उन दोनों बोल पड़े। जैसे ही उन्हें एहसास हुआ कि वह दोनों बाथरूम में है, उन दोनों ने अपना एक हाथ दूसरे के मुंह पर हाथ रख दिया और दूसरे हाथ से अपना सिर पिट लिया। सिया के जाने के बाद अवनी पूरी तरह से शर्मा गई, "ओह नो......! कल मैं मॉम को कैसे फेस करूंगी! सब आपकी गलती है, आपको कहीं और जगह नहीं मिला!"

    "अब जो हो गया सो हो गया, हम उसे बदल तो नही सकते और जो होगा कल देखा जायेगा तो अभी टाइम वेस्ट करने से क्या फायदा", कहकर सारांश ने अवनी को पकड़ना चाहा लेकिन अवनिउसे चकमा देकर बाहर भाग गई और बेड पर जाकर चादर ओढ़ कर सो गई। सारांश भी मुस्कुराते हुए बाहर निकला। आज उसका अवनि को बच कर जाने देने का कोई इरादा नही था। 






क्रमश: